Prabhat Times
नई दिल्ली। (union cabinet approve proposal to repeal new agriculture laws) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में बुधवार (24 नवंबर) को हुई बैठक में केंद्रीय कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया और सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कृषि कानून (New Agriculture Laws) को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. इसके बाद 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में तीनों कानूनों को आधिकारिक रूप से वापस लिए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी और इसके लिए सरकार बिल लेकर आएगी.
पीएम मोदी ने की थी कानून वापसी की घोषणा
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 19 नवंबर को राष्ट्र को संबोधित (PM Narendra Modi to Address Nation) करते हुए नए कृषि कानूनों (New Agriculture Laws) को वापस लेने की घोषणा की थी. इसके साथ ही पीएम मोदी ने कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों से अपने घर वापस जाने की अपील की थी और एमएसपी को प्रभावी व पारदर्शी बनाने के लिए कमेटी के गठन का ऐलान किया था.
पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने कहा था, ‘एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमेटी का गठन किया जाएगा. इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे.’
दोनों सदनों से बिल पारित करवाया जाएगा
संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवम्बर से शुरू हो रहा है. संसदीय नियमों के मुताबिक किसी भी पुराने कानून को वापस लेने की भी वही प्रक्रिया है जो किसी नए कानून को बनाने की है. जिस तरह से कोई नया कानून बनाने के लिए संसद के दोनों सदनों से बिल पारित करवाना पड़ता है ठीक उसी तरह पुराने कानून को वापस लेने या समाप्त करने के लिए संसद के दोनों सदनों से बिल पारित करवाना पड़ता है.
एक नया कानून बनाकर ही पुराने कानून को खत्म किया जा सकता है. संसद सत्र में लोकसभा या राज्यसभा में तीन कानूनों के लिए या तो तीन अलग-अलग या फिर तीनों के लिए एक ही बिल पेश किया जाएगा. पेश होने के बाद चर्चा या बिना चर्चा के बिल पहले एक सदन से और फिर दूसरे सदन से पारित होने के बाद मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा. राष्ट्रपति की मंजूरी मिलते ही तीनों कृषि कानून निरस्त हो जाएंगे. बिल पारित होने में कितना समय लगेगा ये सरकार की प्राथमिकताओं पर निर्भर करेगा.
क्या अब खत्म होगा किसानों का आंदोलन?
पीएम मोदी द्वारा कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद भी किसान संगठनों ने प्रदर्शन वापस नहीं लेने का फैसला किया था और कहा था कि वे प्रदर्शन तबतक जारी रखेंगे, जबतक संसद की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती. अब सवाल है कि मोदी कैबिनेट से कृषि कानूनों की वापसी के प्रस्ताव को मंजूरी के बाद किसान आंदोलन खत्म होगा.
एक साल से धरने पर बैठे हैं किसान
नए कृषि कानूनों (New Agrucultrue Laws) के खिलाफ पिछले एक साल से ज्यादा समय से किसानों का प्रदर्शन (Farmers Protest) चल रहा है और किसान दिल्ली की सीमाओं पर टिके हुए हैं. इससे पहले सरकार ने कानूनों में बदलाव की घोषणा की थी. इसको लेकर सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत हुई थी, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल पाया.
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