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नई दिल्ली। रूस ने कहा है कि उसने कोरोना वायरस की एक नई वैक्सीन तैयार कर ली है। इससे पहले 11 अगस्त को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि रूस ने कोरोना वायरस की सफल वैक्सीन तैयार कर ली है।

ऐसा करने वाला रूस पहला देश बन गया था। रूस ने पहली कोरोना वैक्सीन के उपयोग की इजाजत भी दे दी थी। अब रूस ने दूसरी वैक्सीन तैयार करने का दावा  किया है।

रिपोर्ट के मुताबिक, रूस का कहना है कि पहली वैक्सीन के जो साइड इफेक्ट सामने आए थे, वह नई वैक्सीन लगाने पर नहीं होंगे।

रूस ने पहली वैक्सीन का नाम  Sputnik5 रखा था। दूसरी वैक्सीन को EpiVacCorona नाम दिया गया है।

रूस ने EpiVacCorona वैक्सीन का निर्माण साइबेरिया के वर्ल्ड क्लास वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट (वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी) में किया है। पहले यह इंस्टीट्यूट टॉप सीक्रेट बायोलॉजिकल वेपन रिसर्च प्लांट हुआ करता था।

रूसी वैज्ञानिकों का दावा है कि EpiVacCorona वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल सितंबर में पूरा होगा, लेकिन जिन 57 वॉलेंटियर्स को वैक्सीन लगाई गई है, उनमें से किसी को भी साइड इफेक्ट का सामना नहीं करना पड़ा है। सभी वॉलेंटियर स्वस्थ हैं और अच्छा महसूस कर रहे हैं।

EpiVacCorona की भी दो खुराकें लगाई जाएंगी। पहली खुराक के 14 से 21 दिन के बाद दूसरी खुराक दी जाएगी. रूस को उम्मीद है कि अक्टूबर तक इस वैक्सीन को रजिस्टर कर लिया जाएगा और नवंबर से इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा।

वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी ने कोरोना वायरस की 13 संभावित वैक्सीन पर काम किया था। लैब में जानवरों पर इन वैक्सीन की जांच की गई थी।

बता दें कि चीन, अमेरिका और ब्रिटेन भी कोरोना की सफल वैक्सीन तैयार करने में जुटे हुए हैं और तीनों ही देश की कई वैक्सीन के फेज-3 ट्रायल फिलहाल चल रहे हैं।