जेनेवा। कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही दुनिया को अगले कुछ महीनों में वैक्सीन के आने की उम्मीद लगी हुई है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि यह वैक्सीन कोई जादुई गोली नहीं होगी जो कोरोना वायरस को पलक झपकते खत्म कर देगी।
डब्लूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एडहोम घेब्येयियस ने कहा कि हमें अभी लंबा रास्ता तय करना है, इसलिए सबको साथ मिलकर प्रयास करने होंगे।
अमेरिका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ एंथोनी स्टीफन फॉसी के वरिष्ठ सलाहकार डेविड मारेंस ने कहा कि वैक्सीन बनाने का हर प्रयास एक अंध परीक्षण की तरह होता है।
जो शुरुआत में तो अच्छे परिणामों के साथ आता है लेकिन इसकी कोई गारंटी नहीं होती कि अंतिम चरण में भी वह वैक्सीन अपने ट्रायल के दौरान सफल साबित हो।
हम आशा करते हैं कि हम पहली बार में ही इसे सही से कर पाएंगे और 6 से 12 महीनों के भीतर हमारे पास एक अच्छी वैक्सीन होगी।
वैक्सीन की सफलता पर कई वैज्ञानिकों को संदेह
अमेरिका में जॉर्ज वाशिंगटन विश्वविद्यालय के मिलकेन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक हेल्थ में वैश्विक स्वास्थ्य के सहायक प्रोफेसर वैक्सीनोलॉजिस्ट जॉन एंड्रस ने भी कहा कि कोरोना वायरस के एक प्रभावी टीका का विकास इतना निश्चित नहीं है, जितना हम सोच रहे हैं। यह खतरनाक है कि वैक्सीन बनाने की रेस में हम यह भूल जाएं कि हमें इस समय क्या करना चाहिए।
12 अगस्त को रूस में वैक्सीन का होगा पंजीकरण
दुनियाभर में रूसी कोरोना वैक्सीन पर उठते सवालों के बीच रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने कहा है कि रूस की वैक्सीन ट्रायल में सफल रही है और अब अक्टूबर महीने से देश में व्यापक पैमाने पर लोगों के टीकाकरण काम काम शुरू होगा।
उन्होंने कहा कि इस वैक्सीन को लगाने में आने वाला पूरा खर्च सरकार उठाएगी। वहीं उप स्वास्थ्य मंत्री ओलेग ग्रिदनेव ने कहा कि रूस 12 अगस्त को दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन को रजिस्टर कराएगा।