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नई दिल्ली: सिम कार्ड वेरिफिकेशन में होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग में बल्क बायर और कंपनियों के लिए ग्राहक वेरिफिकेशन नियम कड़े कर दिए हैं। नए नियमों के मुताबिक टेलीकॉम कंपनी को नया कनेक्शन देने से पहले कंपनी के रजिस्ट्रेशन की जांच करनी होगी और हर 6 महीने में कंपनी का वेरीफिकेशन करना होगा।
कंपनियों के नाम पर सिम कार्ड का फ्रॉड बढ़ने की वजह से यह फैसला लिया गया है। Corporate Affairs मंत्रालय से कंपनी के रजिस्ट्रेशन की जांच करनी होगी।
आपको बता दें कि इससे पहले दूरसंचार विभाग ने टेलीकॉम ग्राहकों के वेरिफिकेशन पेनल्टी के नियमों में ढील देने का फैसला किया था। हर छोटी गलती के लिए टेलीकॉम कंपनियों पर 1 लाख़ रुपये की पेनल्टी नहीं लगेगी।
सरकार अब तक ग्राहक वेरिफिकेशन के नियमों का पालन नहीं करने पर टेलीकॉम कंपनियों पर 3,000 करोड़ से ज्यादा की पेनल्टी लगा चुकी है। हर 6 महीने में कंपनी की लोकेशन का वेरिफिकेशन करना होगा।
कंपनी के वेरिफिकेशन के समय लोंगिट्यूड लाटीट्यूड आवेदन फॉर्म में डालना पड़ेगा। कंपनी ने कनेक्शन किस कर्मचारी को दिया है इसकी जानकारी भी देनी होगी। नए नियम लागू करने के लिए टेलीकॉम कंपनियों को 3 महीने का वक्त मिलेगा।
पहले टेलीकॉम कंपनियों के लिए बदला था ये नियम
दूरसंचार विभाग ने ग्राहक वेरिफिकेशन के नियम आसान कर दिए थे। विभाग ने पेनल्टी के नियमों में ढील दी है। अब सिर्फ चुनिंदा मामलों में ही 1 लाख रुपये की पेनल्टी लगेगी। पहले कंपनी को ग्राहक आवेदन फॉर्म में हर एक गलती पर 1000 से 50000 रुपए की पेनल्टी देनी होती थी।