जालंधर (ब्यूरो): सिविल सर्जन जालंधर ने प्राईवेट अस्पताल प्रबंधकों तथा सभी नर्सिंग इंस्टीच्यूट को हिदायत दी है कि कोरोना वायरस का कोई भी संदिग्ध मरीज उनके पास आता है तो उसे सिविल अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी अस्पताल प्रबंधक की होगी।
अगर किसी स्थिति मे सरकारी आदेशों का पालन नहीं किया जाता तो लापरवाही बरतने वाले उक्त अस्पताल को तुरंत प्रभाव से सील कर दिया जाएगा।
बता दें कि कोरोना वायरस के मरीजों की गिनती बढ़ती जा रही है। सरकार द्वारा इस महामारी से निबटने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।
इसी बीच सिविल सर्जन जालंधर द्वारा आई.एम.ए. पंजाब के प्रधान तथा सभी नर्सिंग इंस्टीच्यूट को पत्र लिखा है। पत्र में जालंधर के कुछ अस्पतालों के जिक्र किया गया है। लिखा गया है कि इन अस्पतालों में सरकारी आदेशों का पालन नहीं किया।
उनके अस्पताल में पहुंचे मरीजो के बारे में जानकारी नहीं दी गई। सही समय ईलाज न होने के कारण महामारी बढ़ती जा रही है। मरीजों की गिनती बढ़ने के कारण माहौल नाज़ुक हो चुका है।
ये दी हिदायत
सिविल सर्जन जालंधर द्वारा लिखा गया है कि कोई भी कोरोना वायरस का संदिग्ध मरीज उनके पास आता है तो वे खुद अपनी एम्बूलैंस में मरीज को सिविल अस्पताल ट्रोमा वार्ड में ऑन डियूटी स्टाफ को सौंपा जाए तथा सेहत विभाग के संबंधित अधिकारियों को सूचित किया जाए।
साथ ही विभागीय अधिकारियों द्वारा चेतावनी दी गई है कि अगर भविष्य में ऐसा नहीं किया जाता तो इस लापरवाही पर सख्त एक्शन लेते हुए अस्पताल सील करके अनुशासनी कार्रवाई के लिए पंजाब सरकार को लिख दिया जाएगा।
मरीज को जब्री बिठाना मुश्किल
इस संबंधी डाक्टर्स का कहना है कि सभी प्राईवेट अस्पताल के प्रबंधकों द्वारा सेहत विभाग के निर्देशों का पालन किया जा रहा है। लेकिन जब भी कोई संदिग्ध मरीज उनके पास आता है तो वे उन्हे सिविल अस्पताल रेफर कर देते हैं।
लेकिन प्रैक्टीकल तौर पर ये संभव नहीं है कि उक्त मरीज को जब्री बिठाया जाए और एम्बूलैंस में सिविल अस्पताल पहुंचाएं। क्योंकि कई अस्पतालों के पास न तो अपनी एम्बूलैंस है।
कई बार जब मरीज को रूकने के लिए कहा जाता है तो वे मरीज विवाद करते हैं। ऐसे में गंभीर समस्या पैदा होता है। फिर भी सेहत विभाग के निर्देशों का पालन किया जाएगा।