Prabhat Times
New Delhi नई दिल्ली। (rbi gave shock to the common people) भारतीय रिजर्व बैंक ने आम लोगों को बड़ा झटका देते हुए लगातार दूसरी बार एमपीसी की बैठक में पॉलिसी रेट में कोई कटौती ना करने का फैसला लिया है.
आरबीआई के 6 में से 5 मेंबर्स ने रेपो रेट में कोई कटौती ना करने का वोट किया. मौजूदा समय में आरबीआई रेपो रेट 5.50 फीसदी है.
इससे पहले अगस्त के महीने में भी आरबीआई की ओर से पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं किया था.
वैसे कई अर्थशास्त्रियों को उम्मीद थी कि आरबीआई सभी को सरप्राइज देते हुए रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती करेगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
आरबीआई के सामने महंगाई और टैरिफ की वजह से ग्रोथ में संभावित गिरावट के ऐसे कई कारण थे, जिनकी वजह से रेपो रेट में कटौती की जा सकती थी, लेकिन जानकारों का कहना है कि रेपो रेट में कटौती ना करने का फैसला काफी स्ट्रैटिजिक है.
इसका कारण भी है. रेट कट करने से ग्रोथ में इस वित्त वर्ष में कोई फायदा नहीं दिखता. आरबीआई गवर्नर की स्पीच से संकेत मिले हैं कि दिसंबर के महीने में पॉलिसी में रेट कट हो सकता है.
आरबीआई एमपीसी मौजूदा साल में रेपो रेट में 1 फीसदी की कटौती कर चुका है. फरवरी और अप्रैल में 25-25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी, जबकि जून के महीने में 50 बेसिस प्वाइंट का रेट कट किया गया था.
महंगाई के अनुमान को किया कम
वैसे आरबीआई की एमपीसी में महंगाई अनुमान में बड़ी कटौती की है. आरबीआई गवर्नर ने जानकारी देते हुए कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में महंगाई अनुमान में 0.50 फीसदी की कटौती की गई है.
जिसके बाद देश का महंगाई अनुमान 2.6 फीसदी कर दिया गया है. अगस्त की मीटिंग में ये अनुमान 3.1 फीसदी की किया गया था, जो पहले 3.7 फीसदी था.
इसका मतलब है कि आरबीआई महंगाई के अनुमान में लगातार कटौती कर रहा है.
तिमाही वार महंगाई अनुमान की बात करें ताे दूसरी तिमाही के लिए सीपीआई बेस्ड महंगाई 1.8 फीसदी रहने का अनुमान है,
जबकि पहले 2.1 फीसदी का अनुमान लगाया गया था, और तीसरी तिमाही के लिए भी 1.8 फीसदीरहने का अनुमान है, जो 3.1 फीसदी से कम है।
चौथी तिमाही के लिए, महंगाई 4 फीसदी रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 27 की पहली तिमाही के लिए 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है,
जो इकोनॉमी के बदलते घरेलू और वैश्विक परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने के साथ धीरे-धीरे बढ़ने को दर्शाता है.
अगर बात कोर महंगाई की बात करें तो 4.2 फीसदी रही, जो दर्शाता है कि अंतर्निहित मूल्य दबाव काफी हद तक नियंत्रित हैं.
ग्रोथ के अनुमान में इजाफा
वहीं दूसरी ओर आरबीआई ग्रोथ को लेकर भी काफी आशावादी दिखाई दिया. एमपीसी ने ग्रोथ के अनुमान में 30 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा किया है.
आंकड़ों के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की ग्रोथ रेट 6.8 फीसदी रहने की संभावना है.
इससे पहले आरबीआई का अनुमान 6.5 फीसदी लगाया गया था. वैसे कई अर्थशास्त्रियों का अनुमान था कि आरबीआई ग्रोथ अनुमान में कोई बदलाव नहीं करेगा.
वहीं ट्रंप टैरिफ के असर का अनुमान भी लगाया जा रहा था. वहीं तिमाहीवार ग्रोथ की बात करें तो दूसरी तिमाही में ग्रोथ अनुमान को 7 फीसदी कर दिया गया है, जो पहले 6.7 फीसदी था.
वहीं तीसरी तिमाही के अनुमान को 6.6 फीसदी से कम कर 6.4 फीसदी कर दिया गया है. जबकि चौथी तिमाही में ग्रोथ अनुमान को 6.3 फीसदी से कम कर 6.2 फीसदी किया गया है.
वहीं वित्त वर्ष 2027 की पहली तिमाही में ग्रोथ अनुमान को 6.6 फीसदी से घटाकर 6.4 फीसदी कर दिया गया है.
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