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Chandigarh चंडीगढ़। (4.20 Crore Patients Treated, 73,000 get free service daily — The success story of Mann government’s 881 Aam Aadmi Clinics) पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में शुरू हुई “आम आदमी क्लिनिक” योजना आज राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक नई क्रांति का प्रतीक बन चुकी है।

इस ऐतिहासिक पहल ने न केवल पंजाब की स्वास्थ्य व्यवस्था को मज़बूत किया है, बल्कि आम लोगों के जीवन में सच्चे अर्थों में बदलाव लाया है।

पहले जहाँ ग्रामीण और गरीब तबके के लोगों को छोटे-छोटे रोगों के इलाज के लिए भी बड़े शहरों और सरकारी अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़ते थे, अब वही लोग अपने मोहल्ले या गाँव में बने आम आदमी क्लिनिक में जाकर मुफ्त और गुणवत्तापूर्ण इलाज पा रहे हैं।

पंजाब सरकार की यह योजना स्वास्थ्य क्षेत्र में समानता की दिशा में एक बड़ा कदम साबित हुई है।

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह के अनुसार, आज राज्य में कुल 881 आम आदमी क्लिनिक संचालित हैं — जिनमें से 565 ग्रामीण इलाकों में और 316 शहरी क्षेत्रों में स्थापित किए गए हैं।

इन क्लिनिकों के ज़रिए रोज़ाना लगभग 73,000 मरीज़ों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है।

यह आँकड़ा बताता है कि पंजाब की जनता इस योजना पर भरोसा जता रही है और इसे एक सच्ची जनसेवा के रूप में देख रही है।

इन क्लिनिकों की उपलब्धियाँ किसी भी मानक पर कम नहीं हैं। पिछले कुछ वर्षों में अब तक कुल 4.20 करोड़ नागरिकों ने आम आदमी क्लिनिकों से उपचार प्राप्त किया है।

इनमें से 2.29 करोड़ मरीज़ों की सामान्य ओपीडी की गई है, जबकि 1.91 करोड़ से अधिक लोगों के विभिन्न टेस्ट किए गए हैं।

इनमें 6.13 लाख ब्लड टेस्ट और 2.48 लाख शुगर टेस्ट पूरी तरह मुफ्त किए गए हैं — जो यह साबित करता है कि पंजाब सरकार जनता की जेब पर बोझ डाले बिना उनकी सेहत की ज़िम्मेदारी उठा रही है।

यह योजना विशेष रूप से महिलाओं, बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए वरदान साबित हुई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 13.9 लाख महिलाओं, 6.13 लाख बच्चों, और 2.48 लाख बुज़ुर्गों ने इन क्लिनिकों से उपचार लिया है।

इससे साफ़ पता चलता है कि सरकार का ध्यान समाज के हर वर्ग पर समान रूप से है। यह केवल एक स्वास्थ्य परियोजना नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय का मॉडल भी बन चुकी है, जहाँ हर व्यक्ति को बराबर स्वास्थ्य अधिकार मिल रहा है।

पंजाब सरकार का लक्ष्य सिर्फ इलाज मुहैया कराना नहीं, बल्कि जनता को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाना भी है।

आम आदमी क्लिनिकों को एक “स्वास्थ्य जागरूकता केंद्र” के रूप में भी विकसित किया गया है, जहाँ मरीजों को रोगों से बचाव, पौष्टिक आहार, व्यायाम और नियमित जांच के महत्व के बारे में बताया जाता है।

इससे लोगों की जीवनशैली में सुधार आ रहा है और बीमारियों की रोकथाम भी संभव हो रही है।

डॉ. बलबीर सिंह का कहना है कि इन क्लिनिकों के माध्यम से सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को न केवल सुलभ बना रही है, बल्कि डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ को भी गाँव-गाँव तक पहुंचा रही है।

इससे स्वास्थ्य सेवाओं का विकेंद्रीकरण हुआ है और ग्रामीण पंजाब में स्वास्थ्य अवसंरचना को नई मजबूती मिली है। अब लोगों को छोटी बीमारियों के लिए ज़िला अस्पतालों तक नहीं जाना पड़ता, जिससे वहाँ का बोझ भी घटा है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान का स्पष्ट कहना है कि आम आदमी क्लिनिकों का उद्देश्य सिर्फ इलाज देना नहीं, बल्कि पंजाब को “स्वस्थ और आत्मनिर्भर राज्य” बनाना है।

सरकार का यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा बन गया है, जहाँ अब पंजाब की राह पर चलने की चर्चा हो रही है।

मान सरकार ने यह साबित कर दिया है कि जब नीयत साफ़ हो और नीतियाँ जनता के हित में हों, तो परिवर्तन अवश्य संभव है।

आज पंजाब के हर कोने से एक ही संदेश सुनाई दे रहा है — “आम आदमी क्लिनिक” सिर्फ इमारतें नहीं, बल्कि जनसेवा का प्रतीक हैं।

ये क्लिनिक उस नई सोच के प्रतीक हैं जिसने पंजाब में स्वास्थ्य व्यवस्था को घर-घर तक पहुंचाया है।

मुख्यमंत्री भगवंत मान और उनकी टीम की इस पहल ने यह साबित कर दिया है कि एक संवेदनशील सरकार कैसे जनता की उम्मीदों पर खरी उतर सकती है।

यह सिर्फ स्वास्थ्य सुधार नहीं, बल्कि जनकल्याण की असली परिभाषा है — जो पंजाब को देश में एक मॉडल राज्य के रूप में स्थापित कर रही है।

 

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