जालंधर। दशहरा पर्व पर भगवान राम का पूतला फूंकने के मामले में सभी राजनीतिक व धार्मिक कमेटियो के प्रतिनिधियों द्वारा चुप्पी साधे जाने के मामले में आज लोग एकजुट हो गए हैं।
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के बढ़ते मामलों में अब विभिन्न समाज के लोगों ने एक मंच पर आते हुए सभी राजनीतिक, धार्मिक संगठनो से जुड़े लोगों को पत्र लिख अपील की है कि सभी लोग अपनी चुप्पी तोड़ें और लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन ले।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए युवा शक्ति संघ के सिख, हिंदू व वाल्मिकि समाज से संबधित नौजवान सरबजीत सिंह गिल, तलविंदर सिंह शेरू, जसप्रीत सिंह चड्ढा (मोंटू), एडवोकेट पीयूष मनचंदा, रोहित सहोता, प्रभजोत सिंह ने बताया कि उनकी तरफ से सांझे तौर पर एस.जी.पी.सी प्रमुख लोंगोवाल व जत्थेदार हरप्रीत सिंह को पत्र लिख कर अपील कि है कि कुछ लोग देश, समाज एवं धर्म विरोधी लोग इस तरह की धर्म विरोधी घटनाएं कर पंजाब सरकार के सरक्षण से करवा पंजाब की अमन शांति भंग करना चाहते है।
अमृतसर के माना वालां में हुई घटना का जिक्र करते हुए उक्त नेताओं ने कहा कि धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली घटना होने के बावजूद रविवार से मंगलवार देर रात तक पंजाब पुलिस ने कोई कारवाई नही की।
लेकिन जब मंगलवार 27 अक्तूबर शाम सात बजे न्यूज़ चैनल के माध्यम से इस निंदनीय घटना की वीडियो वायरल हुई।
जब पंजाब युवा भाजपा के उप-प्रधान अशोक सरीन हिक्की (एडवोकेट) ने रात आठ बजे सबूत सहित जालंधर के थाना तीन मे शिकायत दर्ज करवाई तो अमृतसर देहाती पुलिस ने लोपोके थाने मे रात केस दर्ज किया।
आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में गहराई से जांच नहीं की। इस वारदात के साजिशकर्ता अभी भी फरार हैं।
उक्त लोगों ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार के इशारे पर अमृतसर पुलिस आरोपियों एवं साज़िशकर्ताओं को जांच की आड़ मे बचाने का प्रयास कर रही है।
इसलिए सभी राजनीतिक, सामाजिक, धार्मिक संस्थाओ को अपने निजी मतभेदों एवं मजबूरियों से ऊपर उठ कर इस घटना का विरोध कर आरोपियों पर सख़्त क़ानूनी कारवाई पंजाब सरकार एवं पुलिस के माध्यम से करवानी चाहिए ताकि भविष्य मे दोबारा इस तरह की निंदनीय घटना किसी भी धर्म के साथ ना हो।
कैप्टन, सुखबीर बादल, भगवंत मान को लिखा पत्र
युवाओं ने कहा इस दुखदायी घटना के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा समाज को सोशल मीडिया व तरीक़े से जागरुक करने वाले भाजपा नेता अशोक सरीन ने तो विरोध जताया।
परंतु बेहद दुःख की बात है की पंजाब मे चालीस प्रतिशत जनसंख्या वाले हिंदू समाज को इतिहास की सबसे बड़ी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली इस निंदनीय घटना पर पंजाब सरकार के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, सुखबीर बादल, सुनील जाखड़ एवं आम आदमी पार्टी के प्रमुख भगवंत मान की कोई प्रतिक्रिया नही आयी।
जिस से साबित होता है की पंजाब मे हिंदुओं से सिर्फ वोट लेने के लिए नेता आते है उनको एवं उनके धर्म को सुरक्षा देना मे उनकी कोई दिलचस्पी नही है।
इसलिए हिंदुओं एवं पंजाब की अमन शांति को बनाए रखने के इस संवेदनशील मामले मे इन नेताओं को पत्र लिख अपनी चुपी तोड़ने के लिए पत्र लिखा है।