Prabhat Times

जालंधर: यूथ अकाली दल ने मांग की है कि बेअदबी मामलों की जांच सुप्रीमकोर्ट की निगरानी में समयबद्ध करवाई जाए। ताकि सिख समाज को इंसाफ मिल सके। आज जालंधर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यूथ अकाली दल के प्रधान परमबंस सिंह रोमाणा कांग्रेस, आप और ढींढसा दल पर जमकर बरसे।

पत्रकार वार्ता के दौरान यूथ अकाली दल के महासचिव सरबजोत सिंह साबी, सुखदीप सिंह सुकार, गुरप्रीत सिंह खालसा, गुरमिंदर सिंह किशनपुर, तजिंदर सिंह निज्जर की मौजूदगी में रोमाणा ने कहा कि डेरा मुखी द्वारा की गई हरकतों के कारण सिख समाज आहत रहा है।

उन्होने कहा कि वीरपाल तथा एक पूर्व पुलिस अधिकारी दोनों झूठे साबित हुए थे, जिसके साथ उन्होने आरोप लगाकर खुद ही इंकार कर दिया था, जिस तत्परता के साथ कांग्रेस और सुखदेव सिंह ढ़ींढ़सा झूठे बयान का फायदा उठाने के लिए कूद गए थे, उसने साबित कर दिया कि वे भी अकाली दल को बदनाम करने की साजिश के पीछे थे।

रोमाणा ने कहा कि सच्चाई यह थी कि वीरवाल वही महिला थी जो चार अन्य महिलाओं के साथ 2007 में सरदार सुखबीर सिंह बादल और उनके परिवार के सदस्यों को निशाना बनाने के लिए मानव बम की तरह काम करने की साजिश में शामिल थी।

रोमाणा ने सरदार सुखदेव सिंह ढ़ींढ़सा पर सवाल उठाते हुए कहा कि वे खुद बताएं कि उन्होने अपने बेटे और पंजाब के पूर्व मंत्री परमिंदर सिंह ढ़ींढ़सा को 2017 में डेरा जाने से क्यों नही रोका। बेअदबी की घटनाओं के बाद उन्होने अपने बेटे को पंजाब मंत्रालय में बने रहने की अनुमति क्यों दी।

उन्होने यह भी बताया कि कांग्रेस जानबूझकर बेअदबी के मुद्दे का राजनीतिकरण कर रही है। उन्होने कहा कि पार्टी ने नवंबर 2015 में राष्ट्रपति से मुलाकात कर बेअदबी के मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी लेकिन अब इस मामले में यू टर्न ले लिया है।

उन्होने कहा कि बेअदबी के मामले की जांच के लिए गठित एसआईटी कांग्रेस पार्टी के आदेश पर काम कर रही थी और सिर्फ सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच से ही इस मामले में न्याय हो सकता है।