Prabhat Times
जालंधर: Gold का झांसा देकर Whizz Power कंपनी जालंधरियों को करोड़ों रूपए की चपत लगाकर फरार हो चुकी है। कंपनी के तीन संचालकों रणजीत सिंह उर्फ राजा वासी शिव विहार, गगनदीप वासी हरदीप नगर गुरमिंदर सिंह वासी कपूरथला के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
लेकिन गिरफ्तारी फिलहाल किसी की नहीं हो पाई है। लेकिन एक तथ्य बिल्कुल सही है कि Whizz Power कंपनी के संचालकों, मैनेजमैंट सदस्यों तथा कंपनी के एजैंटो ने लोगों के पैसे से खूब ऐश-परस्ती की।
कुछ साल पहले तक स्कूटर पर घूमने वाले कंपनी मालिक तो क्या उनके मैनेजमैंट सदस्य जैगूआर, ऑडी गाड़ियों तक पहुंच गए।इनके पीछे कंपनी संचालकों का शातिर दिमाग और शहर के लोगों यानिकि कंपनी एजैंटो की खासी ‘मेहनत’ रही। मास्टर माईंड कंपनी संचालकों की स्कीमें ऐसे प्रलोभन वाली थी कि पहले हर व्यक्ति ने अपने पैसे इनवेस्ट किए और फिर एजैंट बन कर दूसरों की इनवेस्टमैंट करवाने लगा।
यहां तक की इनवेस्ट करवाने वाले लोगों को टारगेट देकर विदेशों के टूर तथा होटलों में डांस और डिनर पार्टीयां अरेंज की जाती थी। जिससे एजैंटो को कमाई के साथ साथ फ्री खाना पीना नज़र आता था।
कई एजैंट लगा चुके हैं विदेशों के टूर!
सूत्रों ने बताया कि कंपनी मैनेजमैंट द्वारा एजैंटो को कमिशन तो दी ही जाती थी, साथ में उन्हे टारगेट दिया जाता था। जो टारगेट पूरा करता तो उसे विदेशों के टूर भी विद फैमिली स्पोंसर होते। कई एजैंटो ने तो विदेश के टूर भी एन्जवाए किए।
सूत्रों की मानी जाए तो आज जो लोग खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं, दरअसल उनमें से कई एजैंट कंपनी द्वारा दिया गया टारगेट पूरा कर विदेश के टूर भी लगा चुके हैं। कुछ समय पहले तक ऐश परस्ती करने वाले एजैंट अब कानूनी कार्रवाई के डर से भाग रहे हैं।
कई प्रतिष्ठित लोग भी हैं इस कंपनी के ‘एजैंट’
किस प्रोफेशन की बात की जाए, Whizz Power कंपनी के साथ लगभग हर एक प्रतिष्ठित प्रोफेशन के लोग जुडे हुए थे। चाहे वे कोई सी.ए. हो या फिर पुलिस कर्मचारी। पता चला है कि इन लोगों द्वारा अपने क्लाईंटस से रूपए लेकर कंपनी में खूब इनवेस्ट किए। चर्चा है कि इस कंपनी में पुलिस कर्मचारियों की भी अच्छी खासी इनवेस्टमैंट है।
हर वर्ग के लोग कंपनी के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हुए थे। अब पेंच ये फंसा है कि हर व्यक्ति अपने सीनीयर एजैंट के बाल नौच रहा है।
होटलों में होती थी डांस पार्टीयां
बताया जा रहा है कि पिछले समय में शहर के बड़े होटलों में कई पार्टियां होती रहती थी। कंपनी के शातिर संचालकों व मैनेजमैंट सदस्यों द्वारा एजैंटो को प्रलोभन दिया जाता था कि वे सिर्फ अपने दोस्तों, सहयोगियों को घेर कर होटल तक ले आएं।
वहां उनकी टीम लोगों को खुद ही इनवेस्टमैंट के लिए तैयार करेगी। अगर व्यक्ति तैयार हो जाता है तो उसे एजैंट की चेन के साथ जोड़ कर कमिशन दी जाएगी।
जिसमें कंपनी के प्रलोभन में आए एजैंटो द्वारा अपने दोस्तों, रिश्तेदारों को घेर कर लाया जाता था और ‘गोल्ड’ के लिए इनवेस्टमैंट करवाई जाती थी।