नई दिल्ली। वोडाफोन आइडिया (Vodafone-Idea) ने नया ब्रांड वीआई (VI) को लॉन्च किया। कंपनी ने वोडाफोन के वी और आइडिया के आई को मिलाकर नया ब्रांड ‘VI’ बनाया है।
कंपनी ने सोमवार को अपने ब्रांड को रीलॉन्च किया। कंपनी ने अपने लोगो को पूरी तरह एक नई पहचान देने की कोशिश की है।
अगस्त 2018 में वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर के विलय से बनी वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड ने एक नए ब्रांड की घोषणा की है।
कंपनी इस समय एक कठिन दौर से गुजर रही है, जहां पेरेंट कंपनी वोडाफोन ग्रुप भी किसी तरह का अतिरिक्त फंड देने को तैयार नहीं है।
अधिकारियों ने कहा है कि इस नए ब्रांड को लाने के पीछे का उद्देश्य कॉल्स की बेहतर गुणवत्ता और इसके जुड़ी सेवाओं की उत्कृष्टता सुनिश्चित करना है।
वोडाफोन आइडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रविंदर टक्कर ने कहा कि पूर्व में कंपनी शुल्क बढ़ाने से नहीं हिचकिचाती थी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नियामक और सरकार को न्यनूतम दर की अधिकतम सीमा तय करने के लिए कदम उठाना चाहिए।
वोडाफोन आइडिया के निदेशक मंडल ने पिछले सप्ताह इक्विटी और ऋण के जरिये 25,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना को मंजूरी दी है।
इससे कंपनी को परिचालन में बने रहने में मदद मिलेगी। राशि से नकदी संकट से जूझ रही दूरसंचार कंपनी को बड़ी राहत मिल सकेगी।
कंपनी को जहां भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है वहीं उसके ग्राहकों की संख्या घट रही है तथा प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) नीचे आ रहा है।
इसके अलावा कंपनी पर करीब 50,000 करोड़ रुपये का एजीआर का बकाया है।
गौरतलब है कि इन दिनों वोडाफोन आइडिया संकट के दौर से गुजर रही है। हालांकि, एजीआर बकाया को लेकर सुप्रीम कोर्ट से कंपनी को राहत मिली थी।
कंपनियां अब 10 साल में अपना एजीआर बकाया चुका सकती है। आइडिया को करीब 50 हजार करोड़ का बकाया जमा करना है जिसमें ज्यादातर एजीआर का है।
वोडाफोन आइडिया ने वर्चुअल कॉन्फ़्रेंस के जरिये बड़ा ऐलान किया। कंपनी ने वेब टेलिकास्ट के जरिए आगे के रोडमैप और कंपनी की नई रणनीति को लेकर बात की।