Prabhat Times
नई दिल्ली। (Ukraine Plane Hijacked in Kabul) अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल (Kabul) में यूक्रेन (Ukraine) के एक विमान को अज्ञात लोगों ने हाईजैक (Hijacked) कर लिया. ये विमान यूक्रेनी नागरिकों को बाहर निकालने के लिए अफगानिस्तान पहुंचा था. यूक्रेन (Ukraine) के डिप्टी विदेश मंत्री येवगेनी येनिन (Yevgeny Yenin) ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी.
तालिबान संकट के बीच यूक्रेन के डेप्युटी विदेश मंत्री ने दावा किया कि उनका एक विमान अफगानिस्तान में हाईजैक कर लिया गया है। यह विमान यूक्रेन (Ukraine) के नागरिकों को काबुल से निकालने के लिए आया था। उन्होंने कहा कि विमान को ईरान ले जाया गया है। यह विमान किन लोगों ने हाइजैक किया है, अभी इसका पता नहीं चल पाया है। यूक्रेन (Ukraine) का यह विमान ऐसे समय पर हाइजैक किया गया है जब अफगानिस्तान से लोगों को निकालने के लिए दुनियाभर के देश दिन-रात एक किए हुए हैं।
बताया जा रहा है कि इस विमान को पिछले सप्ताह काबुल भेजा गया था। अब अज्ञात लोग इस विमान को ईरान लेकर गए हैं। बताया जा रहा है कि अपहरण करने वाले लोग हथियारबंद थे। इससे पहले भी यूक्रेन (Ukraine) ने अपने नागरिकों को निकालने की कोशिश की थी लेकिन वे एयरपोर्ट पर नहीं पहुंच सके थे। अब विमान के अपहरण के बाद अटकलों का बाजार गरम हो गया है।
अभी भी करीब 100 यूक्रेनी अफगानिस्तान में
एजेंसी के मुताबिक, जिन लोगों ने इस प्लेन को हाईजैक किया वो सभी हथियारों से लैस थे. अभी ये जानकारी नहीं मिली है कि किसने इस विमान को हाईजैक किया है. यूक्रेन (Ukraine) के द्वारा लगातार अपने लोगों का अफगानिस्तान से रेस्क्यू किया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक, अभी तक 83 लोगों को काबुल से कीव तक लाया गया है. इनमें 31 यूक्रेनी नागरिक शामिल थे. अफगानिस्तान में अभी भी करीब 100 से अधिक यूक्रेनी नागरिक मौजूद हैं, जिनको निकालने की कोशिश की जा रही है.
आपको बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद से ही काबुल एयरपोर्ट से लोगों को रेस्क्यू किया जा रहा है. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, यूक्रेन, भारत समेत दुनिया के कई देश अपने नागरिकों को निकालने में लगे हैं. नाटो देशों के साथ अमेरिका ने काबुल एयरपोर्ट को अपने कंट्रोल में किया हुआ है. इन्हीं की मदद से लोगों का रेस्क्यू किया जा रहा है.
31 अगस्त के बाद नहीं दिया जाएगा समय
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति साफ कर चुके हैं कि सैनिकों की वापसी का काम 31 अगस्त तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने अपनी बात पर कायम रहना चाहिए। तालिबान ने धमकी दी है कि वह 31 अगस्त के बाद एक भी दिन का समय नहीं देगा। अगर सैनिकों की वापसी के लिए उससे आगे का समय मांगा गया तो उसका जवाब ‘नहीं’ होगा। साथ ही इन देशों को इसके गंभीर परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं।
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