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Bathinda बठिंडा। (After Germany, rural women showcased Phulkari art on the international stage in Dubai) एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी लिमिटेड की तरफ से ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने व पंजाब की पुरातन हस्तकलां को जीवंत करने को शुरू की पहल फुलकारी ने अब अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भी अपनी पहचान बना ली है।

जर्मनी के बाद अब दुबई के अंतर्राष्ट्रीय मंच पर इसे मान्यता मिली है, नाभा फाउंडेशन से मिलकर चलाए जा रहे फुलकारी प्रोजेक्ट के तहत, 20 से 22 मई को दुबई के फेस्टिवल एरीना में आयोजित खाड़ी क्षेत्र के सबसे बडे अंतर्राष्ट्रीय बी 2 बी फैशन ट्रेड सोर्सिंग फेयर में पंजाब के बठिंडा की ग्रामीण महिलाओं की तरफ से तैयार किए जा रहे फुलकारी प्रोडक्ट को भी डिस्पले करने का मौका मिला।

इस कार्यक्रम में गांव सुखलद्दी जिला बठिंडा की फुलकारी कारीगर करमजीत कौर और नाभा फाउंडेशन की श्रीमती शुभ्रा सिंह ने भाग लिया।

प्रदर्शनी के दौरान ग्रामीण महिला कारीगरों की उत्कृष्ट रचनाओं को वैश्विक दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया, जो एचएमईएल की मजबूत प्रतिबद्धता का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

यह अंतरराष्ट्रीय मंच महिलाओं को वैश्विक उपभोक्ताओं से जुड़ने, नए बाजारों तक पहुँचने और साझेदारी के नए अवसर खोजने में मदद कर रहे हैं।

दुबई में प्रदर्शनी में भाग लेकर लौटी कर्मजीत कौर निवासी गांव सुखलद्दी ने बताया कि पहले एक घरेलू महिला थी, मगर फुलकारी प्रोजेक्ट से जुडकर उसे न केवल आत्मनिर्भर होने का मौका मिला, बल्कि उसके साथ गांव की अन्य महिलाएं भी फुलकारी कला से अपनी पहचान बना चुकी हैं।

उन्होंने बताया कि उसने कभी सोचा नहीं था कि उसे विदेशी धरती पर अपनी फुलकारी कला को दिखाने का मौका मिलेगा। उन्होनें कहा कि यहां से उसे काफी कुछ सीखने का मौका मिला।

जुलाई 2023 में एचएमईएल की तरफ से शुरू की गई इस फुलकारी परियोजना का उद्देश्य पंजाब की ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है, जिसमें उन्हें पारंपरिक फुलकारी कढ़ाई का प्रशिक्षण देकर आजीविका के नए अवसर प्रदान किए जा रहे हैं।

अब तक इस पहल के तहत 22 गांव की 300 से अधिक महिलाओं को फुलकारी की तकनीकी और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया है।

इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है, बल्कि पंजाब की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण में भी योगदान मिला है।

दो महीने पहले ही मार्च 2025 में फुलकारी प्रोजेक्ट के तहत बठिंडा की तीन ग्रामीण महिलाओं को जर्मनी में डॉर्टमंड शहर में आयोजित यूरोप की सबसे बड़ी क्रिएटिव प्रदर्शनी ष्क्रिएटिवाष् में भाग लेने का मौका मिला था।

यह यात्रा भारतीय पारंपरिक कला, विशेष रूप से फुलकारी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने और वैश्विक रुझानों को समझने का एक ऐतिहासिक अवसर साबित हुई थी।

इस प्रतिनिधि मंडल में श्री विश्व मोहन प्रसाद, उप महाप्रबंधक – एचएमईएल बठिंडा, और श्रीमती शुभ्रा सिंह, कार्यकारी निदेशक, नाभा फाउंडेशन सहित चार मास्टर ट्रेनर सतवीर कौर (रामसरा), मनप्रीत कौर (माहीनंगल), संदीप कौर (मल्काना) और लखबीर कौर शामिल थीं, जिन्होंने अपनी रचनात्मकता और फुलकारी कला से अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों को प्रभावित किया।

यह पहल दिखाती है कि कैसे एचएमईएल सामाजिक उत्तरदायित्व को निभाते हुए सामाजिक बदलाव, महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठा रहे हैं।

इस तरह की योजनाओं से न केवल ग्रामीण महिलाओं को आजीविका के साधन मिलते हैं, बल्कि वे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी प्रतिभा भी प्रदर्शित कर पाती हैं।

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