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Jalandhar जालंधर। truck drivers protest across country against hit and run law supply affected) पंजाब में ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल का असर दिखना शुरू हो गया है।

प्रदेश के 4100 पंपों में से 30% पंप खाली हो चुके हैं। वहीं कई पेट्रोल पंपों पर मात्र एक दिन का तेल बचा है, जो आज शाम तक बिक जायगा।

जालंधर पैट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रधान सुखमोहन सिंह सहगल के मुताबिक समस्या गंबीर होती जा रही है, लोगों में पैनिक हो चुका है। अगर हड़ताल नहीं खुली तो हालात और भी बिगड़ सकते हैं।

पंजाब के पेट्रोल पंपों में मुख्य रूप से बठिंडा, जालंधर और संगरूर से तेल की सप्लाई होती है। इस काम में ट्रक, टैंकर पिकअप और कई तरह के वाहन प्रयोग होते हैं।

जबकि तेल कंपनियों के अपने वाहन भी रहते हैं, लेकिन हड़ताल की वजह से तेल कंपनियों के वाहन भी तेल नहीं ले जा पा रहे हैं। हड़ताली डिपुओं से तेल नहीं भरने दे रहे हैं।

सरकार बीच का रास्ता निकालने की कोशिश में

हड़ताल को लेकर सरकार और तेल कंपनियां भी गंभीर हैं। ऐसे में इस हड़ताल से आम जरूरी सेवाएं प्रभावित न हो, इसके लिए सरकार व तेल कंपनियां हड़ताल पर बैठे ऑपरेटरों से बातचीत कर रही है। उम्मीद है शाम तक कोई रास्ता निकाला जाएगा। अगर रास्ता नहीं निकला तो हालात बिगड़ेंगे।

हड़ताल खत्म न हुई तो स्थिति होगी गंभीर

जालंधर पैट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रधान सुखमोहन सिंह गिल ने कहा कि हड़ताल खत्म नहीं होती तो आज के बाद स्थिति गंभीर हो जाएगी और कई पेट्रोल पंप मंगलवार शाम तक ड्राई हो जाएंगे।

हिट एंड रन कानून में ज्यादा सजा-जुर्माने का विरोध में देशभर में करीब आधे ट्रकों के पहिए थम चुके हैं. विरोध में शामिल होने वाले ड्राइवरों की संख्‍या धीरे बढ़ती जा रही है.

ड्राइवर रोड पर ट्रक छोड़कर जा रहे हैं. उत्‍तर प्रदेश,मध्‍य प्रदेश, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, पंजाब और उत्तराखंड में आज हालात बिगड़ सकते हैं.

आल इंडिया मोटर ट्रांसपार्ट कांग्रेस (गैर राजनीतिक ) ने आज दोपहर में इस संबंध में देशभर के ट्रांसपोर्ट यूनियनों की बैठक बुलाई है, जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी.

देशभर के तमाम राज्‍यों में केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून का जमकर विरोध हो रहा है. ड्राइवरों के साथ तमाम ट्रांसपोर्ट यूनियनें इस कानून के विरोध में सड़कों पर उतर आई हैं.

तमाम जगह आज भी चक्का जाम और बसों-ट्रकों की हड़ताल की सूचना है. इस हड़ताल में प्राइवेट बसों, ट्रकों से लेकर सरकारी महकमे में शामिल प्राइवेट बसें भी शामिल हो रही हैं.

दरअसल, हिट एंड रन के नए कानून के तहत केंद्र सरकार ने 10 साल की सजा एवं 10 लाख जुर्माना लगाने का प्रावधान लागू किया है.

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपार्ट कांग्रेस के अध्‍यक्ष अमृत लाल मदान ने बताया कि ट्रांसपोर्ट यूनियन ड्राइवरों के समर्थन आ गयी हैं.

इस मामले में आज दोपहर को देशभर की तमाम यूनियनों की बैठक बुलाई गयी है. इसी बैठक में आगे की रणनीति तय की जाएगी और तय रणनीति के अनुसार आगे विरोध के तरीके अपनाए जाएंगे.

अमृत लाल मदान ने बताया कि मौजूदा समय 95 लाख से ज्यादा ट्रक पंजीकृत हैं, इनमें से 70 लाख ट्रक एक समय में रोड पर चलते हैं.

इसमें से 30 से 40 फीसदी ट्रक रास्‍ते में खड़े हो गए हैं.

इस हिसाब से यदि मोटा-मोटा अनुमान लगाया जाए तो एक साथ चलने वाले 70 लाख ट्रकों में से करीब 25 लाख से अधिक ट्रकों के पहिए थम गए हैं.

इस तरह जल्‍द ही जरूरी सामान की सप्‍लाई प्रभावित हो सकती है.

मंडियों में भी दिखेगा असर

अगर ड्राइवरों की हड़ताल लंबी चली तो प्रदेश की मंडियों में भी असर दिखेगा। खासकर सब्जी मंडियों में इसका असर अधिक होगा, क्योंकि अधिकतर सब्जी बाहरी राज्यों से आती हैं। दिल्ली, हिमाचल और अन्य प्रदेशों से वाहनों की संख्या कम होने लगी है।

क्या है हिट एंड रन कानून

हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर सात लाख रुपए तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान किया गया है। इसके विरोध में गाड़ी चालक और ट्रांसपोर्टर खुलकर आ गए हैं।

ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि दुर्घटनाएं जानबूझकर नहीं की जाती हैं और ड्राइवरों को अक्सर डर होता है कि अगर वे घायलों को अस्पताल ले जाने का प्रयास करते हैं तो उन्हें भीड़ की हिंसा का शिकार होना पड़ेगा। इसलिए इसे रद्द किया जाए।

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