Prabhat Times
जालंधर। (The children of Dips found the destination blindfolded) आँखों से तो हर कोई देखकर काम कर लेता है लेकिन क्या आपने कभी बिना देखे अंदाजे से कोई चीज किसी को पकड़ाई है या बिना देखे आगे बढ़ाई है। इस मजेदार गतिविधि देख भाई देख ( ब्लाइंड फोल्ड) डिप्स स्कूल मेहतपुर में करवाई गई।
गतिविधि की शुरूआत में बच्चों को एक पंक्ति में बिठा कर आंखों पर पट्टी बांध दी गई। उसके बाद उन सभी के सिर पर एक गिलास रख दिया गया। पहले बच्चे के गिलास में कुछ कॉटन बॉल्स, रबड़, गेंहू, चावल के दाने डाले गए।
अब पहले बच्चे को बिना देखे सिर्फ अंदाजे से पीछे बैठे बच्चे के गिलास में उन चीजों को डालना था। कुछ बच्चों का अंदाजा इतना सटीक था कि एक दाना भी नीचे नहीं गिरा। यही कौशल बच्चो ने इस गतिविधि में सीखा।
प्रिंसिपल रितु भंडारी के अनुसार चीजों को हम बिना देखे अंदाजे के साथ भी ट्रांसफर कर सकते है। इससे बच्चों को अंदाजा लगाने और बिना देखे सामान हासिल करने के तरीके के बारे में पता चलता है।
बच्चे मानसिक तौर पर सर्तक होते है और बिना रोशनी के अंधेरे कमरे में भी चीजे ढूंढने में सक्षम होते है। इससे बच्चों को सटीक अंदाजा लगाने का एक नया हुनर मिलता है।
बच्चों के बीच टीम की तरह काम करने की भावना आती है मानसिक एंव शारीरिक कोर्डिनेशन सुधरता है। डिप्स संस्थान का विश्वास है कि ऐसी गतिविधियां बच्चों के सर्वपक्षीय और सर्वश्रेष्ठ विकास में मील का पत्थर साबित होती है।

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