जालंधर (ब्यूरो): इंडियन ऑयल कार्पोरेशन की टेंडर पॉलिसी को लेकर उठा तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है। टेंडर पॉलिसी लीक होने तथा छोटी ट्रांसपोर्टरों के विरूद्ध बताते हुए टैंकर यूनिअन ने इस टेंडर पॉलिसी को लेकर सी.बी.आई. की मांग की है।
यूनिअन नेता किशन लाल शर्मा, बहादुर सिंह ने आरोप लगाया कि टेंडर पॉलिसी लीक हुई है। क्योंकि टेंडर की तिथि आने से पहले ही कुछ ट्रांसपोर्टरों द्वारा प्रेस कान्फ्रैंस करके दावा किया गया कि टेंडर उन्हे मिल गया है और व पॉलिसी से संतुष्ट है।
किशन लाल शर्मा तथा बहादुर सिंह ने कहा कि ऐसा कैसे संभव है कि जब अभी टेंडर ही नहीं डाले गए तो किसी ट्रांसपोर्टर को ठेका कैसे मिल सकता है। यूनिअन नेताओं ने कहा कि नई टेंडर पॉलिसी से कई कई सालों से आई.ओ.सी. के साथ काम कर रहे ट्रांसपोर्टरों बेरोजगार हो जाएंगे।
यूनिअन नेताओं ने आरोप लगाया कि आई.ओ.सी. अधिकारियों ने कुछ ट्रांसपोर्टरों को लाभ देने के लिए उनकी सहमती से पॉलिसी तैयार की है। पॉलिसी के मुताबिक ही अब उक्त ट्रांसपोर्टरों द्वारा कुछ छोटे बड़े ट्रांसपोर्टरों को साथ मिला कर टेंडर के नियम मुताबक टेंडर डाला जा रहा है। जिससे उन्हे टेंडर मिलना तय है।
लेकिन वे इस धक्केशाही को सहन नहीं करेंगे। यूनिअन नेताओं ने इस टेंडर पॉलिसी की सी.बी.आई. जांच की मांग की है। इस संबंधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखा गया है।
सभी ट्रांसपोर्टरों ने कहा हम इंडियन आयल की इस जनविरोधी नई टेंडर निति का विरोध करते है और किसी कीमत पर हम सब अपने 1500 के क़रीब ड्राइवर, हैल्परो एवं अपने कर्मचारियों के परिवारों के साथ अन्याय नही होने देगें।
इस टेंडर निति की वजह से सब को क़र्ज़दार होने से बचाने के लिए सोमवर को जिला प्रशासनिक अधिकारियो को इस मामले में केंद्र सरकार एवं पंजाब सरकार से सहयोग के लिए मांगपत्र देकर वीरवार 18 जून से मजबूरन अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल कर संघर्ष करेंगे।
यूनियन नेता किशनलाल शर्मा एवं बहादुर सिंह ने बताया की पंजाब के इंडियन आयल अधिकारियो ने जो 21 दिन के लिए टेंडर एक्सटेंड करने का खेल खेला है उससे यह मामला हल होने वाला नहीं क्योंकि इस एक्सटेंड टाइम में अधिकारी एवं कुछ ट्रांसपोटर मिलकर इसी जनविरोधी टेंडर को करवाने एवं टैंडर पालिसी लीक वाले घोटाले को दबाने का प्रयास कर रहे है।
जिसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरिंदर मोदी, पेट्रोलियम मंत्री धरमिंदर प्रधान, चेयरमैन इंडियन ऑयल संजीव सिंह जी को तुरंत राष्ट्रहित में इस मामले की सी.बी.आई जांच के निर्देश देने चाहिए।
जिसकी वजह से हज़ारो लोगो से होने अन्याय एवं सरकारी एवं गैर-सरकारी बैंको के करीब 125 करोड़ो के आर्थिक नुकसान को रोका जा सकता है। इस अवसर पर सभी ट्रांसपोटर मौजूद थे।