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Ottwa ओटावा। (study in canada going to be difficult justin gov rethink long term visa policy) कनाडा अपनी आव्रजन नीतियों में बदलाव के बारे में गंभीरता से विचार कर रहा है.

इस दौरान आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने एक इंटरव्यू में आव्रजन के प्रति अपने दृष्टिकोण के बारे में विस्तार से बात की है.

इंटरव्यू में उन्होंने विदेशी छात्रों की संख्या को देश की आर्थिक जरूरतों के साथ संतुलित करने की आवश्यकता पर जोर दिया है

मार्क मिलर ने कहा कि कनाडा का स्टडी परमिट कनाडा की स्थायी नागरिकता (PR) पाने की गारंटी नहीं देते हैं और वे सिर्फ इसके सहारे ही कनाडा के सिटीजन नहीं बन सकते हैं।

इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को कहा कि वह पूरी जानकारी लेकर ही कनाडा आएं।

दरअसल कनाडा इस समय रिकॉर्ड संख्या में इंटरनेशनल स्टूडेंट्स को एडजस्ट करने के लिए संघर्ष कर रहा है।

मिलर ने कहा है कि जरूरी नहीं है कि स्टडी वीजा पीआर का रास्ता हो। कनाडा सरकार ने ऐसा कोई वादा नहीं किया है।

क्या बोले कनाडाई मंत्री? 

कनाडाई मंत्री ने कहा कि यह निर्णय देश के श्रम बाजारों की मांग और आव्रजन नीति के अनुकूल है.

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि स्टूडेंट वीजा को कनाडा में लंबे समय तक रुकने के प्रयास में नहीं देखा जाना चाहिए.

उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि लोग यहां आएं, खुद को शिक्षित करें और वापस अपने घर जाएं.

उन्होंने कहा कि फिलहाल ऐसा नहीं हो रहा है. स्टूडेंट वीजा का उपयोग करके लोग कनाडा में रुक रहे हैं और नागरिकता के लिए आवेदन कर रहे हैं.

कनाडा को क्यों लेना पड़ रहा यह निर्णय?

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार जीवन-यापन की बढ़ती लागत, आवास के लिए प्रतिस्पर्धा (जो आसानी से उपलब्ध नहीं है) और बेरोजगारी की उच्च दर के कारण भारी दबाव का सामना कर रही है.

कनाडा ने इस संकट से निपटने के लिए पहले ही कदम उठा लिए हैं.  इसने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के वीजा की संख्या पर कैप लगा दी है.

पिछले साल 437,000 के मुकाबले इस साल इसकी योजना 300,000 वीजा जारी करने की है.

अधिकारी उन छात्रों के समूह पर विचार कर रहे हैं जिन्हें वे कनाडा में रखना चाहते हैं और जिन्हें वे अपने देश वापस भेजना चाहते हैं.

स्टूडेंट वीजा पहुंचा रहा नुकसान!

आव्रजन मंत्री ने कहा कि कनाडा विदेशी छात्रों के लिए स्टडी वीजा के जरिए नागरिकता प्राप्त करने और काम करने का विकल्प ढूंढ़ने का एक नया तरीका बन गया है.

इससे कनाडा के संसाधनों पर दबाव पड़ रहा है.

हमें लगता है कि यह वह जगह है जह हमें इस पर विचार करना चाहिए और इसके मूल रूप को समझना चाहिए.

उन्होंने कहा कि आज कनाडा विदेशी छात्रों का स्वागत करने के लिए कम उत्सुक है.

भारतीय छात्र कैसे होंगे प्रभावित?

कनाडा में अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के सबसे बड़े समूह के रूप में भारतीय छात्र वहां मौजूद हैं.

कनाडा की नई आव्रजन नीति के तहत उसका प्रभाव भारतीय छात्रों पर पड़ना तय है.

कनाडा के लिए भारत अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का एक प्रमुख स्रोत है.

भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ाई के लिए इंजीनियरिंग, कंप्यूटर विज्ञान और व्यवसाय जैसे क्षेत्रों में अध्ययन करना पसंद करते हैं.

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और विविध सांस्कृतिक अनुभव के लिए मशहूर कनाडा दुनियाभर के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा के रूप में फेमस डेस्टिनेशन है.

नई नीति विदेशी छात्रों को दिए जाने वाले दीर्घकालिक वीजा की संख्या में कमी ला सकती है.

इससे भारतीय छात्रों को कम वीजा हासिल होंगे.

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