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नई दिल्ली। (Sidhu MooseWala Murder Ankut sirsa punjab) पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या करने वाले तीसरे शार्प शूटर अंकित सेरसा को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अंकित से पूछताछ के लिए 5 दिन का पुलिस रिमांड लिया गया है।
अंकित हरियाणा का रहने वाला है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने उसे रविवार रात दिल्ली के कश्मीरी गेट से गिरफ्तार किया।
सिर्फ 19 साल के अंकित सेरसा ने हत्या के वक्त दोनों हाथ में गन लेकर मूसेवाला को गोलियां मारी थीं। यह उसका पहला मर्डर था।
हत्या के वक्त वही मूसेवाला के सबसे करीब गया था। यही नहीं, उसने एक फोटो भी खिंचवाई, जिसमें बुलेट (कारतूस) से सिद्धू मूसेवाला लिखा है और वह पीछे बैठकर हत्या के संकेत दे रहा है।

35 दिन में 35 ठिकाने बदले

दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर एचजीएस धालीवाल ने बताया कि मूसेवाला की हत्या के बाद यह एक दिन से ज्यादा कहीं नहीं रुके। यह 5 राज्यों में मूव करते रहे।
इस दौरान फतेहाबाद, तोशाम, पिलानी, कच्छ, मध्य प्रदेश, बिलासपुर, यूपी, झारखंड में रुके। इसके अलावा दिल्ली-NCR और हरियाणा में भी इनकी मूवमेंट हुई।

2 दिन बाद कोई अनजान शख्स ले गया हथियार

मूसेवाला की हत्या में जो भी हथियार इस्तेमाल हुए, उन्हें 2 दिन बाद यानी एक जून को कोई अनजान शख्स लेकर चला गया। इसकी भी पहले से ही प्लानिंग की गई थी।
दिल्ली पुलिस उसकी तलाश कर रही है। वहीं कत्ल में इस्तेमाल AK 47 के बुलंदशहर से खरीदे जाने की पुष्टि नहीं की गई। इतना जरूर कहा गया कि दिल्ली पुलिस को अहम इनपुट मिले हैं।

वारदात के लिए ली थी वर्दी, बाद में भागने के लिए रख ली

पंजाब पुलिस की वर्दी को उन्होंने वारदात के लिए लिया था। हालांकि उसकी जरूरत नहीं पड़ी, लेकिन उन्होंने वर्दी को फेंका नहीं। उन्हें लगा कि इतनी मेहनत से वर्दी खरीदी है।
वह उन्हें पूरी तरह फिट भी आ रही थी। उन्होंने सोचा कि अगर कहीं फंस गए तो फिर इसे पहनकर फरार हो सकते हैं।

फौजी की वजह से गुजरात छोड़ा

दिल्ली पुलिस को अंकित सेरसा ने बताया कि वे 2 से 7 जून तक गुजरात के कच्छ में रुके। इसके बाद फौजी बिना मास्क के घूमने लगा। हालांकि उसने हुलिया चेंज करने के लिए पुलिस रिकॉर्ड वाली फोटो के उलट दाढ़ी कटवाकर हल्की कर ली थी।
उसके बिना मास्क घूमने की वजह से अंकित सेरसा, दीपक मुंडी और सचिन भिवानी वहां से भाग निकले।

वारदात से डेढ़ घंटे पहले फोन आया, मूसेवाला निकलने वाला है

दिल्ली पुलिस के मुताबिक गोल्डी बराड़ ने इन शार्प शूटर्स को 28 मई को भी कॉल किया था। उन्हें 29 मई को वारदात करने को कहा गया था।
वारदात से डेढ़ घंटे पहले कॉल आई कि मूसेवाला के घर का बड़ा दरवाजा खुल गया है। कभी भी वह घर से बाहर आ सकता है।
जब मूसेवाला घर से निकला तो फिर शूटर्स को बताया गया कि मूसेवाला के साथ कोई गनमैन नहीं है। उसके 2 दोस्त हैं। वारदात के बाद फौजी ने कॉल कर बताया कि काम हो गया है।

फौजी और कशिश को पंजाब लाएगी पुलिस

वहीं, पहले पकड़े गए शामिल शार्प शूटर्स के लीडर प्रियवर्त फौजी और कशिश उर्फ कुलदीप को पुलिस पंजाब लेकर आएगी। उनके साथ केशव को भी लाया जाएगा।
इसके लिए पंजाब पुलिस दिल्ली पहुंच गई है। तीनों इस वक्त तिहाड़ जेल में बंद हैं। पुलिस उनका प्रोडक्शन वारंट मांग रही है। जिसके बाद ट्रांजिट रिमांड लेकर उन्हें मानसा लाया जाएगा।
वहीं मूसेवाला हत्याकांड के बाकी बचे शार्प शूटर मनप्रीत मनु कुस्सा, जगरूप रूपा और दीपक मुंडी के महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में छुपने के इनपुट मिले हैं। दिल्ली और पंजाब पुलिस इन राज्यों की पुलिस को साथ लेकर लगातार रेड कर रही है।

हत्या के बाद 9 दिन मानसा में रहे शूटर

दिल्ली पुलिस के गिरफ्तार किए प्रियवर्त फौजी से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है। मूसेवाला की हत्या के बाद शार्प शूटर 9 दिन तक मानसा में किसी अज्ञात जगह पर छिपे रहे।
इसके बाद वह लगातार ठिकाने बदलते रहे। अंत में गुजरात पहुंचे। जहां से फौजी और कशिश पकड़े गए। अंकित सेरसा और दीपक मुंडी भाग निकले। सूत्रों की मानें तो जगरूप रूपा और मनु कुस्सा इनसे अलग चले गए।

अज्ञात व्यक्ति ने की मदद, हर सामान मुहैया कराया

सूत्रों के मुताबिक मानसा में छिपने के दौरान शार्प शूटर्स को खाने से लेकर जरूरत का हर सामान मुहैया कराया गया।
वह सामान कौन देकर जाता था, इसके बारे में शार्प शूटर्स को भी पता नहीं है। यह संभावना जताई जा रही है कि कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बराड़ के गुर्गे ही उनकी मदद कर रहे थे।

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