Prabhat Times
चंडीगढ़। (sidharth chattopadhyaya as new dgp replacing ips iqbal preet sahota) एक तरफ चार दिन बाद संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने पंजाब का स्थायी डीजीपी लगाने के लिए इंपैनलमेंट कमेटी की मीटिंग बुलाई है। दूसरी तरफ उससे पहले ही एक बड़ा फैसला लेते हुए पंजाब सरकार ने वीरवार देर रात को मौजूदा कार्यवाहक डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को बदल दिया। उनकी जगह पर सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को कार्यवाहक पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नियुक्त दिया गया है।
चट्टोपाध्याय कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की पसंद हैं। वह लगातार उनकी पैरवी करते रहे हैं। सहोता को डीजीपी नियुक्त करने पर सिद्धू ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा तक दे दिया था। इससे पहले एपीएस देयोल को भी बदल कर डीएस पटवालिया को एडवोकेट जनरल नियुक्त किया गया था। वह भी सिद्धू की ही पसंद हैं।माना जा रहा है कि इस नियुक्ति के बाद ड्रग्स और बेअदबी के मामले में बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन के प्रमुख एसके अस्थाना का पत्र लीक होने और मुख्यमंत्री के इस मामले में केस दर्ज करने के बावजूद तीन दिन तक कोई कार्रवाई न होने के बाद हुई यह नियुक्ति महत्वपूर्ण है। ड्रग्स मामले की जांच फिर से करने को लेकर एसके अस्थाना ने 40 पन्नों की चिट्ठी डीजीपी इकबाल प्रीत सिंह सहोता को लिखी थी, जिसका कुछ हिस्सा लीक हो गया था। लीक हुए अंश में स्पष्ट तौर पर कहा गया था कि यदि हाई कोर्ट और इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है, तो वे कार्रवाई कैसे कर सकते हैं।
अंश लीक होने पर 14 तारीख को ही मुख्यमंत्री ने नोटिस लेते हुए केस दर्ज करने के आदेश दिए थे, लेकिन 16 तारीख तक इकबाल प्रीत सिंह सहोता ने कोई कार्रवाई नहीं की और न ही कोई केस दर्ज किया। इस प्रकरण के बाद मुख्यमंत्री सहोता से नाराज थे, जिसके चलते उन्हें डीजीपी के पद से हटा दिया गया है। हालांकि, अभी यह भी तय नहीं है कि 21 दिसंबर को यूपीएससी के साथ होने वाली मीटिंग में किन तीन अधिकारियों के नाम पर मुहर लगेगी। पंजाब सरकार को यूपीएससी की ओर से क्लियर किए गए तीन सदस्यीय पैनल में से ही किसी को डीजीपी नियुक्त करना है।
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