जालंधर। कृषि बिल का विरोध में भाजपा से अलग हुए शिरोमणि अकाली दल ने स्पीड पकड़ ली है। बेशक, आगामी विधानसभा चुनावो को थोड़ा समय है, लेकिन चुनावी रणनीति के तहत पहले फेस में शिअद द्वारा राज्य में भाजपा को कमजोर करने के लिए तेजी से काम किया जा रहा है।
इस क्रम में शिअद सुप्रीमो सुखबीर बादल का पहला टारगेट भाजपा नेता और वर्कर हैं।
शिअद की नज़र अब लगातार भाजपा से नाराज़ चल रहे टक्साली कॉडर की तरफ है।
शिअद नेता लगातार अपने अपने एरिया में असंतुष्ट भाजपा नेताओं और वर्करों से लगातार संपर्क में है।
बीते दिन जालंधर में भाजपा कार्यकारिणी की सदस्य और गौ सेवा आयोग के पूर्व चेयरमैन कीमती भगत को ज्वाईन करवा कर शिअद ने अपने ईरादे साबित कर दिए हैं।
बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में भाजपा को सिर्फ जालंधर में ही और कई झटके लगने वाले हैं। क्योंकि भाजपा जालंधर में सभी विधानसभा हल्कों का एक टक्साली कॉडर मौजूदा लीडरशिप से काफी समय से नाराज चल रहा है।
पिछले दिनों में मौजूदा भाजपा नेतृत्व को लेकर टक्साली कॉडर द्वारा आपसी बैठकें करके अपना विरोध जता चुके हैं। बता दें कि इन अंसतुष्ट भाजपा नेताओं व वर्करों की बैठक में कीमती भगत भी मौजूद रहे थे।
पता चला है कि अब विधानसभा हल्का जालंधर नार्थ, सैंट्रल के अंसतुष्ट भाजपा नेता भी कीमती भगत की राह पर चलने का मन बना रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि कुछ सप्ताह पहले आपसी बैठकें करने वाले जालंधर सैंट्रल व नार्थ हल्के के नेताओं से शिअद के आला नेताओं द्वारा संपर्क किया गया है।
शिअद विधायक और पूर्व भाजपा नेता कर रहे हैं संपर्क
सूत्रों ने बताया कि जालंधर सैंट्रल व नार्थ हल्के के अंसतुष्ट नेताओं से जिला के बाहर के एक विधायक तथा शिअद ज्वाईन करने वाले भाजपा नेताओं द्वारा संपर्क किया गया है।
असंतुष्ट नेताओं व कार्यकर्ताओं को आश्वस्त किया गया है कि उन्हें शिअद में पूरा मान सम्मान दिया जाएगा।
लेकिन फिलहाल अंसतुष्ट नेताओं की जड़े पार्टी के संघीय ढांचे से जुड़ी होने के कारण वे कोई फैसला नहीं ले पा रहे हैं।
सूत्रों ने बताया कि कीमती भगत के शिअद ज्वाईन करने के पश्चात बीती रात कुछ नेताओं की इस विषय पर आपस में बातचीत भी हुई है।
दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा
सूत्रो ने बताया कि संघीय ढांचे से जुड़े असंतुष्ट परिवारों को कहा जा रहा है कि वे पिछले काफी समय से अपनी बात हाईकमान तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी आवाज जालंधर और फिर सिर्फ पंजाब स्तर तक ही दब कर रह जाती है, वे हाईकमान तक पहुंच ही नहीं पाते।
लेकिन अगर शिअद ज्वाईन करते हैं तो वे सभी सीधा शिअद सुप्रीमो सुखबीर बादल के संपर्क में होंगे। उन्हें दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है।
भविष्य की गर्भ में फैसला
शिअद द्वारा भाजपा के अंसतुष्ट नेताओं पर लगातार डोरे डाले जा रहे हैं।
जिन मुद्दों को लेकर भाजपा का टक्साली कॉडर नाराज चल रहा है, उन्हीं मुद्दों पर उन्हें आश्वस्त किया जा रहा है कि शिअद में उनके असूल व सिद्धातों की कदर की जाएगी।
हालात इस और संकेत कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में कई भाजपा के कई टक्साली नेता, वर्कर भाजपा से दूर हो सकते हैं।