Prabhat Times
इस्लामाबाद। (Shehbaz Sharif becomes 23rd PM of Pakistan) नवजोत सिद्धू के पश्चात उनके मित्र व पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी सत्ता से बाहर हो गए हैं।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता मियां मुहम्मद शहबाज शरीफ को देश की नेशनल असेंबली ने पाकिस्तान का 23वां प्रधानमंत्री चुना लिया गया है।
वोट से पहले डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के इस्तीफे के बाद सत्र की अध्यक्षता कर रहे पीएमएल-एन नेता अयाज सादिक ने घोषणा की। आज रात 8 बजे पीएम पद की शपथ लेंगे।

PAK के लिए आज बड़ा दिन: शहबाज

प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद शहबाज शरीफ (Shahbaz Sharif) ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन पूरे पाकिस्तान की कौम के लिए बेहद खास दिन है.
उन्होंने कहा कि देश की जनता के एक प्रधानमंत्री को कुर्सी से उतारने का काम किया और आज रुपये डॉलर के मुकाबले 8 रुपये मजबूत हुआ है. शहबाज ने पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट का भी आभार जताया है.

न कोई गद्दार था, न कोई गद्दार है: शहबाज

शहबाज शरीफ ने कहा कि हमें पाकिस्तान में लोकतंत्र का आगे बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि न कोई गद्दार था न कोई गद्दार है.
पहले शरीफ ने अपने बयानों में इमरान खान को गद्दार बताया था लेकिन अब वह अपने बयान से पलटते हुए बातचीत की बात कर रहे हैं.

‘विदेशी साजिश सच हुई तो दूंगा इस्तीफा’

शहबाज शरीब (Shehbaz Sharif) ने कहा कि विदेश साजिश की बात पूरी तरह झूठी है और अगर इसमें थोड़ी भी सच्चाई अगर साबित होती है तो मैं इसी सदन में खुदा और स्पीकर को गवाह मानकर इस्तीफा देने को तैयार हूं. विदेश फंडिंग को बात सच साबित हुई तब भी में इस्तीफा देने को तैयार हूं.

‘इमरान ने जनता से झूठ बोला’

शरीफ ने कहा कि इतने दिन से ड्रामा चल रहा था जिसका अब पर्दाफाश हो चुका है. शहबाज शरीफ ने कहा कि झूठी विदेशी चिट्ठी का हवाला दिया गया लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के जरिए आखिर जनता बच गई.
उन्होंने कहा कि इमरान खान ने जनता से झूठ बोला और गुमराह किया. शहबाज ने कहा कि हम पाकिस्तान को आगे लेकर जाएंगे और इमरान के हर झूठ का खुलासा करेंगे.

174 वोट मिले शाहबाज शरीफ को

शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) को 174 वोट मिले हैं। मतदान से पहले, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के विधायकों ने नेशनल असेंबली से सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया।
पूर्व विदेश मंत्री और प्रधान मंत्री पद के लिए पीटीआई उम्मीदवार शाह महमूद कुरैशी के भाषण के बाद नेशनल असेंबली से बाहर चले गए।
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने संसदीय दल के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक कर सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के सत्ता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बाद सत्ता से बेदखल होने के बाद पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शीर्ष पद पर कब्जा करने के लिए तैयार थे।
प्रधानमंत्री पद के लिए विपक्ष की पसंद के रूप में शरीफ की उम्मीदवारी का खुलासा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने 30 मार्च को विपक्षी दलों के एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान किया था।
उन्हें उसी नेशनल असेंबली सत्र में प्रधान मंत्री के रूप में चुना गया था।
1950 में लाहौर में एक उद्योगपति परिवार में पैदा हुए शहबाज शरीफ पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं, जिन्होंने तीन कार्यकाल तक सेवा की है।
शहबाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के महत्वपूर्ण पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री रहे हैं।
अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के परिणामस्वरूप इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 174 मतों से हार गई थी।
संसद का मौजूदा कार्यकाल अगले साल अगस्त में समाप्त होगा।
पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सह-अध्यक्ष आसिफ अली जरदारी ने संयुक्त विपक्ष की बैठक में प्रधानमंत्री के लिए शरीफ के नाम का प्रस्ताव रखा था।
जरदारी के बेटे बिलावल भुट्टो को नया विदेश मंत्री नियुक्त किए जाने की संभावना है।
पाकिस्तान 1947 में अपने गठन के बाद से कई शासन परिवर्तन और सैन्य तख्तापलट के साथ राजनीतिक अस्थिरता से जूझता रहा है।
देश के किसी भी प्रधानमंत्री ने कभी भी पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है।

 

 


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