नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) ने शनिवार को घोषणा की कि कोरोनो वायरस (Corona virus) महामारी के कारण बंद हुए राष्ट्रीय राजधानी के स्कूल फिलहाल नहीं खुलेंगे।
मुख्यमंत्री का यह संदेश तब आया है जब दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं।
दिल्ली में अब तक 3 लाख 48 हजार से अधिक लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं।
वहीं अब तक इस बीमारी के संक्रमण से 6,189 मरीजों की मौत हो चुकी है।
केजरीवाल ने इससे पहले सभी भारतीय नागरिकों के लिए कोविड -19 वैक्सीन मुफ्त उपलब्ध कराने की मांग की थी।
उनका तर्क था कि देश में हर कोई कोरोनो वायरस से परेशान है।
31 अक्टूबर तक बंद रखे गए थे स्कूल
गौरतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल 31 अक्टूबर तक बंद रखे गए थे। अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस बयान के बाद आगे भी स्कूल खुलने के आसार कम नजर आ रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जो कहा उससे साफ है कि दिल्ली के स्कूलों में फिलहाल नियमित कक्षाएं नहीं लगेंगी।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह भी कहा है कि एक अभिभावक होने के नाते वे परिस्थिति की गंभीरता समझते हैं।
इस समय बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर कोई जोखिम लिया जाना उचित नहीं होगा।
केंद्र की गाइडलाइन में स्वैच्छिक आधार पर छात्रों को बुलाने की अनुमति
इससे पहले सरकार ने घोषणा की थी कि COVID-19 महामारी के मद्देनजर 31 अक्टूबर तक स्कूल बंद रहेंगे।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा था कि दिल्ली में सभी स्कूल कोरोना के कारण अभी 31 अक्टूबर तक बंद रहेंगे।
गौरतलब है कि जब केंद्र ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के उपायों के तहत देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की थी, तब देश भर के विश्वविद्यालयों और स्कूलों को 16 मार्च से बंद कर दिया गया था।
25 मार्च को देशव्यापी तालाबंदी की गई थी। हालांकि, कोरोना वायरस को लेकर केंद्र की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक, राज्य मानक आधार पर चरणबद्ध तरीके से स्कूलों को फिर से खोलने को लेकर स्वतंत्र हैं।
इससे पहले, स्कूलों को कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को स्वैच्छिक आधार पर 21 सितंबर से स्कूल में बुलाने की अनुमति दी गई थी।