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Katra कटड़ा। (maa vaishno devi yatra begins before navratri) नवरात्र से पहले मां वैष्णो देवी (Vaishno Devi Yatra Begins) के भक्तों के लिए अच्छी खबर है।

‘जय माता दी’ के नारों के साथ त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर (Vaishno Devi Yatra in Navratri) की तीर्थयात्रा बुधवार को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में फिर से शुरू हो गई।

यह तीर्थयात्रा विनाशकारी भूस्खलन के कारण 22 दिनों तक स्थगित रही थी। इस भूस्खलन में 34 लोगों की मौत हो गई थी और 20 घायल हो गए थे।

माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (SMVDSB) ने आज सुबह से अनुकूल मौसम की स्थिति में यात्रा को फिर से खोलने की घोषणा की, जिससे कटड़ा शहर में डेरा डाले हुए कई श्रद्धालुओं के चेहरे खिल उठे। कटड़ा शहर तीर्थयात्रियों का आधार शिविर है।

साथ ही श्राइन बोर्ड ने एडवाइजरी जारी की है। श्राइन बोर्ड ने कहा है कि तीर्थयात्रियों (Maa Vaishno Devi Yatra) को वैध पहचान पत्र साथ रखने, निर्धारित मार्गों का अनुसरण करने और जमीनी कर्मचारियों के साथ सहयोग करने की सलाह दी जाती है।

पारदर्शिता और पता लगाने की क्षमता के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान पत्र (RFID) आधारित ट्रैकिंग अनिवार्य है।

सैकड़ों तीर्थयात्री तड़के ही यात्रा के आरंभ स्थल बाणगंगा दर्शनी द्वार पर एकत्रित हुए और तीर्थयात्रा (Vaishno Devi Yatra) शुरू होने पर अपार खुशी और राहत व्यक्त की।

श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम और तीर्थस्थल तक जाने वाले मार्ग के आवश्यक रखरखाव के कारण अस्थायी रूप से स्थगित किए जाने के बाद, पहाड़ी पर स्थित इस तीर्थस्थल की ओर जाने वाले दोनों मार्गों से यात्रा सुबह 6 बजे शुरू हो गई।

श्राइन बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि यात्रा का फिर से शुरू होना हमारी सामूहिक आस्था और दृढ़ता की पुष्टि है और बोर्ड इस पवित्र तीर्थस्थल की पवित्रता, सुरक्षा और गरिमा को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

नवरात्र के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद

तीर्थयात्रियों (Mata Vaishno Devi Yatra) ने यात्रा के फिर से शुरू होने को एक बेहद खास दिन बताया और कहा कि मंदिर के दर्शन करना एक आशीर्वाद है, और हम इसे संभव बनाने के लिए अधिकारियों का धन्यवाद करते हैं।

मंदिर बोर्ड ने सभी तीर्थयात्रियों (Vaishno Devi Yatra Start) से सुरक्षा दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करने और आधिकारिक संचार माध्यमों से अपडेट रहने का आग्रह किया है।

अब मार्ग सुरक्षित घोषित होने के साथ, आने वाले दिनों में, खासकर 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चलने वाले आगामी नवरात्र के दौरान, तीर्थयात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।

तीर्थयात्रा 26 अगस्त को स्थगित कर दी गई थी, जब मंदिर जाने वाले मार्ग पर एक बड़े भूस्खलन से जनहानि हुई थी।

कैसा रहेगा मौसम?

जम्मू-कश्मीर में वर्षा का सिलसिला कुछ कम होने के साथ ही तापमान में बढ़ोतरी होने लगी है।

मौसम विज्ञान केद्र, श्रीनगर से मिली जानकारी अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर में दिन और रात का तापमान सामान्य से 3-5 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया। श्रीनगर का अधिकतम तापमान 29.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

जम्मू संभाग में 16 से 19 सितंबर तक कहीं-कहीं गरज-चमक, आंधी और तेज हवाओं, 40 किमी प्रति घंटा तक का असर देखने को मिल सकता है।

मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और मौसम की ताजा जानकारी पर नजर बनाए रखने की सलाह दी है।

 

 

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