नई दिल्ली। फिल्म एक्टर सुशांत सिंह राजपूत केस में मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का बड़ा बयान आया है।
पुलिस कमिश्नर ने सनसनीखेज दावा करते हुए कि उन्होंने फर्जी टीआरपी रैकेट का फांडाफोड़ किया है। उन्होंने कहा- फॉल्स टीआरपी रैकेट चल रहा था।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गुरुवार को पुलिस कमिश्नर का कहना है कि मुंबई पुलिस को तीन चैनलों का पता चला है जहां पर टीआरपी रैकेट के जरिए पैसा देकर टीआरपी को मैन्युपुलेट किया जाता है।
इनमें से एक रिपब्लिक भारत चैनल है जबकि बाकी दो हैं- फखत मराठी और बॉक्स सिनेमा। ये दोनों छोटे चैनल हैं औप इन चैनलों के मालिकों को हिरासत में ले लिया गया है।
हंसा की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है। ये चैनल पैसा देकर लोगों के घरों में चलवाते थे। टीआरपी के इस जोड़तोड़ में 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
इसकी जानकारी सूचना प्रसारण मंत्रालय और भारत सरकार को रिपब्लिक टीवी की जानकारी दी जाएगी।
रिपब्लिक टीवी ने जारी किया बयान
रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने इसके फौरन बाद इस कार्रवाई को सुशांत सिंह मौत केस समेत चैनल की तरफ से किए गए कुछ अन्य कवरेज को जोड़ा है।
इसके साथ ही, अर्नब ने मुंबई पुलिस कमिश्नर के खिलाफ आपराधिक मानहानि की धमकी दी है।
रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने मुंबई कमिश्नर की तरफ से किए गए टीआरपी रेटिंग को लेकर इस दावे के बाद बयान जारी किया है।
इसमें उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को लेकर कवरेज की वजह से इस तरह का उन पर हमला किया जा रहा है।
परमबीर सिंह ने कहा कि पुलिस के खिलाफ प्रोपेगैंडा चलाया जा रहा था और फर्जी टीआरपी का रैकेट का चल रहा था। पैसा देकर ये सारा फर्जी टीआरपी कराया जाता था।
पुलिस के खिलाफ कई तरह का एजेंडा चलाया जा रहा था। मुंबई पुलिस ने दावा किया कि उन्हें ऐसी सूचना मिली थी कि पुलिस के खिलाफ फर्जी प्रोपगेंडा चलाया जा रहा है।
जिसके बाद फर्जी टीआरपी (टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स) को लेकर मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस एक नए रैकेट का फंडाफोड़ किया।
पुलिस कमिश्नकर ने कहा कि यह अपराध है और इसे रोकने के लिए जांच कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसके लिए फॉरेंसिक एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है और जो आरोपी पकड़े गए हैं, उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
परमबीर सिंह ने कहा कि दो छोटे चैनल फख्त मराठी और बॉक्स सिनेमा के मालिक को कस्टडी में लिया गया है। ब्रीच ऑफ ट्रस्ट और धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है।
पुलिस कमिश्नर ने कहा कि रिपब्लिक टीवी में काम करने वाले लोग, प्रमोटर और डायरेक्टर के इसमें शामिल होने के चांस हैं।
उन्होंने कहा कि आगे की जांच चल रही है और जिन लोगों ने विज्ञापन दिया, उनसे भी पूछताछ की जाएगी कि कहीं उन पर कोई दबाव तो नहीं था।