Prabhat Times
जालंधर। एग्रीकल्चर बिल को लेकर केंद्र सरकार के साथ-साथ हो रहे रिलायंस जियो (Reliance Jio) के विरोध के बीच कंपनी ने बड़ा पैंतरा खेला है। जिस कारण अगर किसानों के समर्थन में कोई उपभोक्ता अपना नंबर पोर्ट करके विरोध जताना चाहता है तो वे विरोध नहीं जता पा रहा। जियो कंपनी के नंबर की पोर्टेबिलिटी प्रक्रिया रूक सी गई है।
इस मामले में अधिकारिक जानकारी तो सामने नहीं आई है, लेकिन अगर कोई कस्टमर अपना जियो का नंबर किसी और कंपनी में पोर्ट करवाना चाहता है तो पोर्ट के लिए किया जाने वाला मैसेज अनडिलीवर्ड आ रहा है।
बता दें कि एग्रीकल्चर बिलो को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। किसानों ने केंद्र सरकार के साथ साथ रिलायंस ग्रुप का भी बॉयकाट करने का ऐलान किया है। गुस्साए लोगों द्वारा पंजाब में रिलायंस जियो के कई टावरों को भी नुकसान पहुंचाया गया।
बॉयकाट के बीच ही किसानों के आहवान पर लोगों ने अपने जियो नंबर पोर्ट करवाने शुरू कर दिए। विरोध स्वरूप जियो कस्टमर द्वारा अपने नंबर किसी और कंपनी में पोर्ट करवाए गए। चर्चा है कि पिछले कुछ दिनों में पंजाब में हज़ारो नंबर पोर्ट हुए। इस तथ्य की अधिकारिक जानकारी नहीं है।
लेकिन इसी बीच अब जियो का नंबर पोर्ट नहीं हो रहा। एक कस्टमर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वे पिछले दो दिनों से अपना नंबर पोर्ट करवाने के लिए लगातार 1900 नंबर पर मैसेज डाल रहा है, लेकिन हर बार मैसेज अनडिलीवरड आ रहा है।
इस बारे में जियो कस्टमर केयर पर भी संतोषजनक उत्तर नहीं मिल रहा है। कस्टमर का कहना है कि सरकार का नियम है कि उपभोक्ता जब चाहे अपना नंबर पोर्ट करवा सकता है।
लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। उन्हें काफी परेशानी हो रही है।  इस बारे में कंपनी के एक प्रतिनिधि का कहना है कि ये ऑनलाइन प्रोसेस है। इसे ऐसा रोका नहीं जा सकता। कई बार सर्वर डाऊन होने से ये समस्या आ सकती है।
लेकिन दूसरी तरफ इस कारोबार से जुड़े एक दुकानदार ने बताया कि पिछले एक दो दिनों से जियो ग्राहकों को पोर्टेबिलिटी प्रक्रिया में ये समस्या आ रही है।

नंबर पोर्ट करवाने के लिए किए गए मैसेज स्क्रीन शॉट

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