Prabhat Times
New Delhi नई दिल्ली। (rbi gold loan new rules guidelines) घर में रखा सोना कई बार मुसीबत के वक्त बहुत काम आता है.
इसी सोने के दम पर अगर आपको बैंक से लोन भी मिल सकता है और अब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इसी सोना गिरवी रखकर मिलने वाले गोल्ड लोन के नियमों में बदलाव करने जा रहा है.
ये नए नियम 1 अप्रैल 2026 से लागू होने की उम्मीद है. ऐसे में ये जानना बहुत जरूरी है कि आम आदमी को इससे फायदा होगा या नुकसान?
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल में जब मौद्रिक नीति समीक्षा पेश की, तो उस दौरान कहा कि गोल्ड लोन की ये नई गाइडलाइंस, असल में उसके अलग-अलग आदेशों को एक ही जगह पर लाने का काम है.
वहीं ये बैंकों से लेकर नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) तक के गोल्ड लोन नियमों को एक जैसा बनाने का काम करेंगी.
नए गोल्ड लोन नियमों रखा ये ध्यान
आरबीआई का कहना है कि गोल्ड लोन से जुड़े नए नियमों में कुछ विशेष बातों पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया है.
ये गोल्ड लोन के सेक्टर में कर्ज लेने वाले का प्रोटेक्शन करेंगे.
गोल्ड लोन सेक्टर में ट्रांसपरेंसी लाएंगे, साथ ही कर्ज देने वाले फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस की जवाबदेही तय करेंगे जैसे कि कमर्शियल बैंक की होती है.
ग्राहकों को होने वाले फायदे-नुकसान
आरबीआई ने गोल्ड लोन पर जो नए नियम बनाए हैं, उसमें कई प्रावधान किए गए हैं. हम आपको इनके बारे में बताते हैं, जिससे आपको खुद अंदाजा होगा कि ये आपके लिए फायदेमंद हैं या नहीं?
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नए नियमों में साफ कहा गया है कि 2.5 लाख रुपये तक की वैल्यू का गोल्ड लोन लेने वालों को गिरवी रखे सोने के 85 प्रतिशत तक की वैल्यू का लोन मिल जाएगा. इसमें लोन का ब्याज भी शामिल होगा. पहले ये सोने की वैल्यू के 75 प्रतिशत के बराबर था और इसमें ब्याज शामिल नहीं था. कई एनबीएफसी गोल्ड का 65 प्रतिशत ही लोन दे रहे थे.
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नए नियमों के हिसाब से 2.5 लाख रुपये से कम के लिए गोल्ड लोन लेने वालों का अब इनकम एसेसमेंट या क्रेडिट चेक करने की जरूरत नहीं होगी. इससे कम आय वर्ग के लोगों या छोटे लोन लेने वालों को फायदा मिलेगा.
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जिन गोल्ड लोन में प्रिंसिपल अमाउंट और ब्याज एक साथ चुकाया जाएगा, उनके लिए 12 महीने की ही किस्त होगी. यानी एक साल के अंदर लोन को पूरा चुकाना होगा.
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आरबीआई ने ये भी साफ किया है कि आप गोल्ड लोन के लिए कितना सोना गिरवी रख सकते हैं और उसमें कितना कंपोनेंट किसका होगा. मसलन सोने के 1 किलो जेवर तक ही गोल्ड लोन के लिए गिरवी रखे जा सकते हैं, इसमें सोने के सिक्कों की मैक्स लिमिट 50 ग्राम ही शामिल होगी.
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गोल्ड लोन के साथ-साथ अब आपको चांदी पर भी लोन ऑफर होगा. यानी आप चांदी के गहनों, सिक्कों के बदले भी कैश लोन अफॉर्ड कर पाएंगे.
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आरबीआई ने गोल्ड लोन बांटने वाली कंपनियों की भी जिम्मेदारियां तय की हैं. जैसे लोन बंद होने के बाद उन्हें एक फिक्स टाइमफ्रेम में गिरवी रखा सोना या चांदी लौटाना होगा, नहीं तो मुआवजा देना होगा. अगर गिरवी रखा सोना खो जाता है या उसमें कोई टूट-फूट हो जाती है, तो उसकी जिम्मेदारी कंपनी की होगी और उसे उसका हर्जाना देना होगा.
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इतना ही नहीं, गोल्ड लोन के लिए जो डॉक्यूमेंट तैयार होंगे, उसमें ट्रांसपरेंट तरीके से सोने का कैरेट, उसकी मात्रा, अगर डायमंड या अन्य रत्न लगे हैं, तो उनका अलग से वजन सब कॉन्ट्रैक्ट में बताना होगा. वहीं अगर लोन चुकाने में चूक होती है, तो उसकी पूरी जानकारी, कर्जदार को नीलामी से पहले नोटिस इत्यादि सब पूरा करना होगा.
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