नई दिल्ली। योग गुरू रामदेव की पतंजलि आर्युवेद को कोरोनिल दवा को लेकर सुप्रीम कोर्ट से राहत तो मिली है, लेकिन इसके बावजूद रामदेव टैंशन में है। उनकी टैंशन का कारण इस बार कोरोनिल नहीं बल्कि उनकी एक कंपनी रूचि सोया है।
कोरोनिल को अदालत से तो राहत मिली, लेकिन बाबा रामदेव की परेशानी बढ़ गई है। उनकी कंपनी रूचि सोया का कारोबार कुछ ही महीनों में आधा रह गया है।
योग गुरू स्वामी रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद को कोरोनिल दवा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ चेन्नई की एक कंपनी की याचिका का रद्द कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि कोरोनिल नाम उसके पास साल 1993 से है।
सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को अपनी दवा का ट्रेडमार्क कोरोनिल रखने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
आधा रह गया रूचि सोया का कारोबार, औंधे मुंह गिरा शेयर
बीते साल पतंजलि ग्रुप की ओर से अधिग्रहण किए जाने के बाद से ही तेजी से ग्रोथ कर रही रुचि सोया कंपनी के शेयर अब ढलान पर हैं।
29 जून को 52 सप्ताह की ऊंचाई 1,535 रुपये के लेवल को हासिल करने के बाद रुचि सोया का शेयर शुक्रवार को 657 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
इस तरह से कंपनी में 29 जून को हुआ 1 लाख करोड़ रुपये का निवेश अब 43,500 करोड़ रुपये के करीब ही रहा गया है। इस तरह से कंपनी ने बीते दो महीने में ही अपनी 57 फीसदी पूंजी गंवा दी है।
बता दें कि 30 जून को समाप्त हुई तिमाही में रुचि सोया ने नेट प्रॉफिट में 13 फीसदी की गिरावट आई है और उसे 12.25 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है। बीते साल की इसी तिमाही में कंपनी को 14.01 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हुआ था।
कंपनी का रेवेन्यू भी कम होते हुए 3,043 करोड़ रुपये ही रह गया है, जो बीते साल 3,112 करोड़ रुपये था। रुचि सोया के पहली तिमाही के नतीजों की घोषणा 19 अगस्त 2020 को की गई थी।
इसके बाद इसका असर शेयर मार्केट पर भी देखने को मिलेगा और अगले सेशन में रुचि सोया का शेयर 5% के लोअर सर्किट पर आ गया।
इसी तरह 52 हफ्तों की ऊंचाई के बाद कंपनी का स्टॉक उस समय गिर गया, जब रुचि सोया ने पिछले वित्त की चौथी तिमाही की इनकम की घोषणा की।
रुचि सोया द्वारा इनकम की घोषणा करने के बाद शेयर तीनों ट्रेडिंग सेशन में 5% गिरे।
खाद्य तेल बनाने वाली रुचि सोया ने चौथी तिमाही में 41.25 करोड़ के नुक़सान की घोषणा की, जबकि 2018-19 की चौथी तिमाही में उसने 32.11 करोड़ का लाभ कमाया था।
बता दें कि दिसंबर 2019 में बाबा रामदेव के पतंजलि आयुर्वेद ग्रुप ने रुचि सोया का अधिग्रहण किया था।
अब बाबा रामदेव के भाई हैं रुचि सोया के एमडी
हाल ही में पतंजलि आयुर्वेद समूह ने रुचि सोया के नेतृत्व में भी बदलाव किया है। कंपनी के एमडी पद से आचार्य बालकृष्ण ने इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद उनकी जगह राम भरत को एमडी बनाया गया है।
राम भरत बाबा रामदेव के छोटे भाई हैं और पतंजलि आयुर्वेद समूह के दैनिक कामकाज को संभालते हैं। वह सीधे तौर पर आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव को रिपोर्टिंग करते हैं।