कपूरथला (ब्यूरो): राष्ट्रीय जैव विविधता अथारिटी के पूर्व चेयरमैन हेम पांडे ने कहा कि जैव विविधता के पक्ष से भारत बहुत अमीर देश है और यहां के गांवों में बसते ग्रामीण और जनजातीय लोग अपने जीवन निर्वाह के लिए पूरी तरह से प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर रहते हैँ, जिनका संरक्षण समय की मुख्य जरूरत है।
वह पुष्पा गुजराल साइंस सिटी में 3 से 5 जून तक मनाए जा रहे विश्व पर्यावरण दिवस को लेकर वेबिनार सीरिज के पहले दिन संबोधित कर रहे थे। इस वेबिनार की अध्यक्षता साइंस सिटी की डीजी डा. नीलिमा जैरथ ने की।
हेम पांड ने जोर देते हुए कहा कि प्राकृतिक स्त्रोतों की कमी और रेनेबल स्त्रोतों के रखरखाव हमारे लिए एक बड़ी चुनौती है। इसलिए सरकारें, उद्योगों और उपभोक्ताओं को इन चुनौतियों के प्राकृतिक तौर पर हल अपनाने की तरफ खास ध्यान देना चाहिए।
इसलिए राष्ट्रीय संसाधन नीति को कोविड-19 और इसके बाद के हालात के लिए लाभप्रद बनाने की तरफ विशेष प्रयास किए जाने चाहिए हैं। इस कोविड-19 से पैदा हुए मौजूदा संकट और भविष्य की स्थिति के मद्देनज़र राष्ट्रीय साधनों की नीति पर ज्यादा गंभीरता से काम करना और भी ज्यादा जरूरी हो चुका है।
उन्होंने कहा कि प्रकृति व पर्यावरण का संतुलन और मानव का आपस बेहद गहरा संबंध है और एक-दूसरे पर निर्भर रहते हैँ। जैव विविधता के माध्यम से जानवरों से पैदा होने वाली बीमारियों को रोका जा सकता है और साथ ही सेहतमंद समाज की सृजन को अमलीजामा पहनाया जा सकता है।
इस वेबिनार में सूबे के करीब 100 स्कूलों बच्चों ने हिस्सा लिया। पुष्पा गुजराल साइंस सिटी के डायरेक्टर डा. राजेश ग्रोवर ने सभी का स्वागत किया। बताते चलें कि कोरोना वायरस के चलते ऑनलाइन समारोह आयोजित किए जा रहे है।
जिससे सामाजिक दूरी और कोरोना को फैलसे से रोकने में अहम भूमिका निभाई जा सके। पुष्पा गुजराल साइंस सिटी कोरोना के बाबत आने वाले सभी हिदायतों का अनुसरण कर रहा है।