Prabhat Times
पटियाला। (students got degree in punjabi university 39th convocation) मुझे पी.एच.डी. की ये डिग्री प्राप्त करने के लिए लगभग एक दशक रिसर्च करनी पड़ी। मेरे मन की यह ख्वाहिश थी कि डिग्री यूनिवर्सिटी का गाऊन डालकर ही प्राप्त करूं। ये मेरे लिए खुशी के पल हैं कि आज 39वीं कनवोकेशन के मौके पर मैं ये डिग्री प्राप्त कर रहा हूं। हर एक विद्यार्थी की ये इच्छा होती है कि वे ऐसे प्लेटफार्म से ही डिग्री प्राप्त करे।
ये कहना है पंजाब सरकार के लोक संपर्क विभाग के एडीशनल डायरेक्टर डाक्टर उपेन्द्र सिंह लांबा का। सरदार उपेन्द्र सिंह लांबा ने आज 39वीं कनवोकेशन पर अन्य विद्यार्थियों की तरह अपनी डिग्री प्राप्त की। छात्रों की मांग पर यूनिवर्सिटी की तरफ से कनवोकेशन को दो दिन के लिए करवाए जाने के फैसले की चौतरफा प्रशंसा हो रही है। पंजाबी यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त कर देश विदेश के विभिन्न जगहों पर जिम्मेदारियों का निर्वाह कर रहे छात्र इस कनवोकेशन में पहुंचे।
कनाडा निवासी प्रसिद्ध गायक डाक्टर नवदीप सिंह ने अपने खुशी के पल सभी से सांझे करते हुए कहा कि गाऊन पहन कर डिग्री प्राप्त करना खुद को तो सुकून देता है साथ ही अन्यों के लिए भी प्रेरणास्रोत है। प्रसिद्ध नौजवान नाटककार डाक्टर कुलबीर मलिक ने कहा कि लगभग चार साल से वे कनवोकेशन का इंतज़ार कर रहे थे क्योकि कनवोकेशन में गाऊन पहन क डिग्री प्राप्त करने का अपना एक अलग महत्त्व होता है। उन्होनें कहा कि आज इस रूप में डिग्री प्राप्त करने का अलग महत्त्व होता है। उन्होने कहा कि अज इस रूप में डिग्री प्राप्त करते समय मन पूरे जोश में है और आगे और काम करने को दिल कर रहा है। उन्होंने कहा कि वाइस चांसलर प्रो. अरविन्द के नेतृत्व में पंजाबी यूनिवर्सिटी की तरफ से लिया गया यह फ़ैसला बेहद सराहनीय है।
मुलतानी मल्ल मोदी कालेज में असिस्टेंट प्रोफ़ैसर के तौर पर तैनात डा. रुपिन्दर सिंह का कहना था कि डिग्री केवल एक कागज़ ही नहीं होती, बल्कि विद्यार्थी का अपनी मुकद्दस संस्था, क्षेत्र, अलग-अलग परिस्थितियों में बिताये कठिन आसान समय का एक यादगारी चिह्न होता है जिसको देख कर सदा ही विद्यार्थी के स्व विश्वास में विस्तार होता है। कानवोकेशन में इस डिग्री को प्राप्त करना आने वाली पीढ़ी के लिए उच्च शिक्षा में रुझान का भी आधार बनता है।
व्हील चेयर के द्वारा डिग्री प्राप्त करने पहुँची डा. गुरप्रीत कौर की तरफ से अपने भावों का इज़हार करते हुये यूनिवर्सिटी का विशेष धन्यवाद किया गया। उसने कहा कि उसका बचपन का स्वप्न आज साकार हो रहा है। व्हील चेयर पर निर्भर होने के बावजूद इस वक्कारी डिग्री तक पहुँचने वाली डा. गुरप्रीत की तरफ से इस डिग्री को प्राप्त करने वाले पल बेहद भावनात्मक और प्रेरणादायक थे। इसी तरह कृष्णा कालेज आफ ऐजूकेशन के असिस्टेंट प्रोफ़ैसर डा. आँचल बांसल की तरफ से कहा गया कि उसने कितने ही साल कानवोकेशन का इन्तज़ार किया।
वाइस चांसलर प्रो. अरविन्द ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि विद्यार्थियों में खुशी और उत्साह है। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि पंजाबी यूनिवर्सिटी अपनी, जो कदरों कीमतों और मानकों के लिए जानी जाती है उस सबको कायम रखने के लिए सभी विद्यार्थी अपने खोज कामों को जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के द्वारा ही अकादमिक अदारों ने लोगों तक पहुँचना होता है। पी-एच.डी. डिग्री होल्डर को हमेशा पूछा जाता है कि उसने किस अदारे से डिग्री की है। इसलिए विद्यार्थियों पर एक बड़ी ज़िम्मेदारी होती है। उन्होंने उम्मीद अभिव्यक्त की कि विद्यार्थी हमेशा ही पंजाबी यूनिवर्सिटी के साथ जुड़े रहेंगे।

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