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जालंधर। (punjab politics shiromani akali dal bjp alliance again seat formula fixed) संभावना के मुताबिक शिरोमणी अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी पंजाब में फिर एक होने जा रहे हैं।

किसान आंदोलन के दौरान अलग हुए शिअद-भाजपा का गठबंधन लगभग तय ही है।

इसके लिए दोनो पार्टियों के आला नेताओं में बातचीत लगभग हो चुकी है।

दोनों में सीटों के फॉर्मूले से लेकर चुनाव स्ट्रैटजी सब तय हो चुका है। अब सिर्फ रस्मी ऐलान ही बाकी है।

दोबारा से हो रहे इस गठबंधन में एक अहम बात ये सामने आ रही है कि भाजपा हाईकमान केंद्रीय मंत्री के तौर पर हरसिमरत कौर बादल को नहीं बल्कि सुखबीर बादल को लेने का मन बनाए हुए हैं।

सूत्रों का कहना है कि सिर्फ इसी बात पर मंथन चल रहा है। इसी बीच सुखबार बादल ने भी सभी जिला प्रधानों की बैठक 6 जुलाई के लिए बुलाई है।

दिल्ली में तय हो रही गठबंधन की शर्तें

शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल दिल्ली में डेरा जमा कर बैठे हैं।

वह वहां पर लगातार भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ मीटिंग कर गठबंधन की शर्तें तय कर रहे हैं।

इसी बीच यह भी पता चला है कि 5 जुलाई को पदाधिकारियों के साथ पार्टी के प्रधान सुखबीर बादल बैठक करेंगे।

दोबारा नए गठबंधन की नई शर्तों को वह पदाधिकारियों के समक्ष रखेंगे और उनकी राय लेंगे।

इसके बाद सुखबीर बादल 6 जुलाई को शिरोमणि अकाली दल कोर कमेटी की बैठक बुलाई है।

जिस पर पदाधिकारियों की बैठक से जो कुछ निकल कर सामने आएगा उस पर कोर कमेटी की बैठक में चर्चा होगी।

वैसे इसी बीच यह भी पता चला है कि पदाधिकारियों और कोर कमेटी की बैठक महज एक खानापूर्ति है।

गठबंधन को लेकर सारे अधिकार पार्टी ने सुखबीर बादल को पहले ही दे रखे हैं।

लोकसभा में सीटों का रहेगा 5 और 8 का फॉर्मूला

इसी बीच यब भी पता चला है कि दोनों पार्टियों में जो आगामी 2024 में आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का फॉर्मूला तय हुआ है.

उसमें भाजपा ने नए गठबंधन में अपना कद बढ़ाया है और शिरोमणि अकाली दल का कद घटाया है।

पहले पुराने गठबंधन में फॉर्मूला 10 और 3 का था। लेकिन इस पता चला है यह फॉर्मूला 8 और 5 का हो गया है। भाजपा 5 और अकाली दल 8 सीटों पर चुनाव लड़ेगा।

बता दें कि इससे पहले, भाजपा और अकाली दल के बीच जो गठजोड़ था उसमें भाजपा पंजाब की 117 विधानसभा में से 23 सीटों पर लड़ती थी जबकि शेष सभी सीटों पर अकाली दल लड़ता था।

इस तरह लोकसभा की 13 सीटों में भाजपा तीन पर और अकाली दल दस सीटों पर लड़ता था।

लेकिन अब जब नए सिरे से बातचीत चल रही है तो भाजपा 23 की बजाए 46 सीटों पर लड़ना चाहती है।

ऐसे में अकाली दल के हिस्से में 71 सीटें आएंगी।

केंद्रीय मंत्री कौन सुखबीर या हरसिमरत!

इसी बीच पता चला है कि केंद्रीय मंत्रीमंडल में मंत्री पद के लिए पेंच फंसा हुआ है।

भाजपा हाईकमान हरसिमरत कौर बादल की जगह सुखबीर बादल को लेना चाहते हैं, जबकि सुखबीर बादल चाहते हैं की हरसिमरत केंद्र में जाए और वे पंजाब में वर्क करें।

अगर सुखबीर बादल को केंद्रीय मंत्रीमंडल में लिया जाता है तो पंजाब में अकाली दल का प्रतिनिधित्व संभवतः बिक्रम मजीठिया और हरसिमरत के हाथ में रहेगा।

फिलहाल इस बात पर मंथन चल रहा है। इसी बीच यह भी पता चला है कि गठबंधन के ऐलान के बाद ही मोदी सरकार अपने इस कार्यकाल का अंतिम विस्तार करेगी।

भाजपा का पंजाब हाईकमान बेखबर!

सूत्रों का कहना है कि पंजाब को लेकर भाजपा हाईकमान के सभी फैसले दिल्ली में ही लिए जा रहे हैं। पंजाब भाजपा के नेताओं को इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता।

अंदरूनी विरोध के बावजूद सुनील जाखड़ को प्रधान बना कर पीएम नरेन्द्र मोदी, और गृह मंत्री अमित शाह द्वारा अपने ईरादे स्पष्ट कर चुके हैं।

सूत्रों का कहना है कि शिअद-भाजपा गठबंधन को लेकर भी सब कुछ दिल्ली में फाइनल हो रहा है।

 

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