Prabhat Times
Chandigarh चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने ‘ड्रग-फ्री पंजाब’ का सपना साकार करने के लिए सुशासन की नई मिसाल कायम की।
जेलों में व्याप्त ड्रग तस्करी और अपराधी गतिविधियों पर कड़ा प्रहार करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में सोमवार, 13 अक्टूबर 2025 को हुई कैबिनेट बैठक में ऐतिहासिक फैसला लिया गया – ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के तहत राज्य की छह प्रमुख केंद्रीय जेलों में छह विशेष रूप से प्रशिक्षित स्निफर डॉग्स की तैनाती की मंजूरी!
ये लेब्राडोर रिट्रीवर्स नस्ल के ‘सुपर स्निफर्स’ बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) और सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (CRPF) के विशेष कैनाइन कार्यक्रम से खरीदे जाएंगे, जो हेरोइन, अफीम डेरिवेटिव्स, लोकल ‘लाहन’, मोबाइल फोन, ड्रोन और अन्य प्रतिबंधित सामान की गंध सूंघकर तस्करी को जड़ से समाप्त कर देंगे।
इससे जेलों की सुरक्षा मजबूत होगी, विजिटर्स की बॉडी-बैगेज सर्च, सरप्राइज इंस्पेक्शन बढ़ेंगे और कैदियों के बीच नशे का जाल टूटेगा। नशे के सौदागर कांप उठेंगे – ‘ड्रग-फ्री पंजाब’ की दिशा में यह मील का पत्थर है!
वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, “ये स्निफर डॉग्स ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान में जेलों में ड्रग्स की सप्लाई को डिटेक्ट करेंगे।
हर डॉग विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए प्रशिक्षित है, ताकि ‘फोर्स मल्टीप्लायर’ की तरह अपराध की जड़ें कटें और ‘जीरो टॉलरेंस फॉर ड्रग्स’ नीति पूरी तरह लागू हो।”
हाल की जेल तलाशियों से साफ हुआ कि राज्य की 24 जेलों में से 15 में ड्रग तस्करी के सक्रिय नेटवर्क थे, और 42% से अधिक कैदी NDPS एक्ट के तहत बंद हैं।
जेल स्टाफ की मिलीभगत से ड्रोन, मोबाइल फोन, विजिटर्स, पैकेजों के जरिए ओपियेट्स, हेरोइन डेरिवेटिव्स, लोकल लाहन घुस रहे थे।
अब ये डॉग्स लुधियाना, अमृतसर, पटियाला, नाभा, बठिंडा जैसी प्रमुख जेलों में तैनात होंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “ये कैदियों को सुधार की राह पर ले जाएंगे।”
खरीद प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने के लिए पंजाब ट्रांसपेरेंसी इन पब्लिक प्रोक्योरमेंट एक्ट, 2019 की धारा 63(1) के तहत विशेष छूट दी गई।
हर डॉग की बेस कीमत 2.5 लाख है, लेकिन ड्यूटी-रेडी ट्रेनिंग और उपकरणों सहित कुल 15 लाख प्रति डॉग (कुल 90 लाख का स्मार्ट निवेश)।
फिल्लौर पंजाब पुलिस अकादमी में जेल स्टाफ के साथ अतिरिक्त गहन ट्रेनिंग होगी, जहां पहले से सफल कैनाइन प्रोग्राम चल रहा है।
यह पहला कदम नहीं – पहले एक्साइज विभाग के दो स्निफर डॉग्स ने अवैध लाहन के कई मामलों का पर्दाफाश किया, और जेल विभाग की मौजूदा कैनाइन यूनिट्स ने मोबाइल फोन तस्करी रोकने में ‘कमांडेबल सर्विस’ दी।
नई टीम पुरानी यूनिट्स को सुपरचार्ज करेगी। ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान के तहत 25 जेल अधिकारियों को निलंबित किया गया।
पिछले साल पंजाब पुलिस ने 1,100 किलो से अधिक हेरोइन बरामद की (2024 में कुल 1,129 किलो), और NDPS मामलों में 25% कमी दर्ज की (9,025 केस रह गए)। जेल सुधार अभियान से ‘ड्रग-फ्री पंजाब’ का लक्ष्य हासिल होगा।
मुख्यमंत्री भगवंत मान का संदेश – “नशे पर सख्ती सिर्फ पुलिस का नहीं, पूरे समाज का अभियान है। ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ से ‘ड्रग-फ्री पंजाब’ बनेगा।
जेलें सुधरेंगी तो पंजाब सुधरेगा।” पंजाब का हर युवा नशे के जाल से मुक्त हो और अपने सपनों को पूरा करे।” उनकी यह सोच जनता के बीच गहरी पैठ बना रही है।
सोशल मीडिया पर लोग इस पहल की सराहना कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “स्निफर डॉग्स जेलों में सुरक्षा की दहाड़ हैं।
भगवंत मान सरकार ने साबित कर दिया कि सुशासन से कुछ भी संभव है।” इसे ‘सिक्योरिटी गेम चेंजर’ कहा जा रहा है।
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