चंडीगढ़। पंजाब पुलिस में सिनियोरिटी विवाद आज भी पूरी तरह नहीं सुलझा है। सिनियोरिटी का हक पाने के लिए कई साल तक अदालतों के चक्कर लगाने के बावजूद आज भी कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने जूनियर को सैल्यूट करने के लिए मजबूर हैं। डिस्पलन फोर्स होने के कारण न तो वे आला अधिकारियों को अपना एतराज़ दर्ज करवा सकते हैं और न ही डियूटी से परहेज कर सकते हैं।
बता दें कि पंजाब पुलिस में जूनियर सीनीयर का विवाद पिछले कई सालों से चल रहा है। कई साल पहले चहेते अधिकारियों को आउट आफ टर्न प्रोमोट कर देने के कारण जूनियर अधिकारी अपने सीनीयर के सीनीयर हो गए।
जिस कारण सिनियोरिटी का हक पाने के पुलिस अधिकारी तरक्की का हक पाने के लिए अदालत में चले गए। अदालती आदेशों पर सिनियोरिटी का मामला काफी हद तक सुलझ गया।
लेकिन कुछ ऐसे पुलिस अधिकारी हैं, जिनका नाम आई.पी.एस. पदौन्नत होने वाले पुलिस अधिकारियों की वरिष्ठता सूची में तो है, लेकिन वे अपने जूनियर को सैल्यूट करने के विभागीय अनुशासन में बंधे हुए हैं।
अति सुविज्ञ सूत्रों से पता चला है कि पंजाब पुलिस आई.पी.एस. पदौन्नति के लिए तैयार की गई वरिष्ठता सूचि में सीरीयल नंबर 90 पर वरिष्ठ पी.पी.एस. अधिकारी हरविन्द्र सिंह का नाम है और वे 1994 बैच के हैं।
सूत्रों के मुताबिक पंजाब पुलिस में वरिष्ठता होने के बावजूद उन्हे तरक्की का हक नहीं मिल पाया है।
पता चला है कि वरिष्ठ पी.पी.एस. अधिकारी हरविन्द्र सिंह गुरदासपुर जिला में बतौर एस.पी. इनवेस्टीगेशन तैनात हैं।
वरिष्ठता सूची के मुताबिक एस.पी. हरविन्द्र सिंह अपने जिला में लगे एस.एस.पी. से भी काफी सीनीयर हैं।
ये सिर्फ एक मामला है। बताया जा रहा है कि बड़े रैंक के अतिरिक्त छोटे रैंक के पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों में भी ये फासला बरकरार है।
चर्चा है कि एक बार फिर सीनीयर के बावजूद जूनियर होने के दंश झेल रहे पुलिस वाले जल्द ही वरिष्ठ अधिकारियों से मिल कर अपना हक पाने की गुहार लगा सकते हैं।