Prabhat Times
Chandigarh चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने कैंसर जैसे गंभीर रोग के इलाज के लिए जो बड़ा कदम उठाया है, वह पूरे देश के लिए एक मिसाल बन गया है। राज्य ने संगरूर और न्यू चंडीगढ़ (मुल्लांपुर) में दो आधुनिक अस्पताल बनाकर हजारों लोगों को राहत दी है। इन अस्पतालों की वजह से अब कैंसर के मरीजों को दिल्ली या मुंबई जैसे बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ता। यह बदलाव पंजाब सरकार की सोच, मेहनत और दूरदर्शिता का नतीजा है।
न्यू चंडीगढ़ में बना होमी भाभा कैंसर अस्पताल और रिसर्च सेंटर एक बहुत ही आधुनिक अस्पताल है, जिसमें 300 बेड, कैंसर की जांच और इलाज की सभी सुविधाएं हैं। इस अस्पताल के लिए 50 एकड़ ज़मीन पंजाब सरकार ने मुफ्त दी। इसके अलावा, नई इमारतें, ऑपरेशन थिएटर, स्कैनिंग मशीनें, बिजली, पानी, और मरीजों के ठहरने की जगह जैसी सुविधाओं के लिए ₹510 करोड़ से अधिक का मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया। यह सरकार की बड़ी सोच और आम लोगों के प्रति सेवा भावना को दिखाता है।
पंजाब सरकार ने टाटा मेमोरियल सेंटर (TMC) के साथ मिलकर यह अस्पताल चलाने का फ़ैसला किया। TMC इलाज, डॉक्टर और तकनीकी सेवाएं संभालता है, जबकि पंजाब सरकार ज़रूरी बजट, सुविधाएं, दवाइयां और उपकरणों की व्यवस्था करती है। अगस्त 2025 में तीसरी बार MoU (समझौता) साइन करके सरकार ने दिखाया कि वह इस परियोजना को लंबे समय तक चलाने के लिए पूरी तरह समर्पित है। यह एक मजबूत साझेदारी का बेहतरीन उदाहरण है।
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया कि गरीब और ज़रूरतमंद लोगों को मुफ्त या सस्ता इलाज मिल सके। इसके लिए मुख्यमंत्री पंजाब कैंसर राहत कोष और आयुष्मान भारत योजना को अस्पतालों से जोड़ा गया। इन योजनाओं के तहत हर ज़रूरतमंद मरीज को ₹5 लाख तक का मुफ्त इलाज मिल रहा है। आज इन दोनों अस्पतालों में 85% मरीजों को या तो पूरी तरह मुफ्त या बहुत कम कीमत पर इलाज मिल रहा है — यह सब पंजाब सरकार की वजह से संभव हुआ है।
साल 2025 में पंजाब सरकार ने और कई बड़े कदम उठाए। न्यू चंडीगढ़ अस्पताल में रोबोटिक सर्जरी की सुविधा शुरू की गई, जिससे ऑपरेशन और भी आधुनिक और सटीक हो गए हैं। पहली 80 सर्जरी सरकार ने आम मरीजों के लिए बिल्कुल मुफ्त करवाईं। इससे यह साफ हो गया कि सरकार गरीब और आम लोगों को भी हाईटेक चिकित्सा सेवा देना चाहती है, जो अब तक केवल निजी अस्पतालों में मिलती थी।
21 अगस्त 2025 को सरकार और TMC के बीच नए समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इस समझौते के तहत आने वाले समय में कैंसर की जांच, लोगों को तंबाकू से बचाने के अभियान, नर्सों और डॉक्टरों की ट्रेनिंग और ग्रामीण इलाकों तक कैंसर जागरूकता फैलाने जैसे कार्य शुरू किए जाएंगे। सरकार की इन कोशिशों की वजह से 1.7 लाख से ज़्यादा लोगों की कैंसर जांच हो पाई, जिसके लिए अस्पताल को स्वतंत्रता दिवस 2025 पर सम्मान भी मिला।
हालांकि अभी अस्पतालों में स्टाफ की कुछ कमी है — जैसे नर्सों और टेक्नीशियन की। लेकिन पंजाब सरकार इसे गंभीरता से ले रही है और जल्द ही नई भर्तियों के जरिए इस समस्या का समाधान किया जा रहा है। सरकार मेडिकल कॉलेजों और नर्सिंग स्कूलों से भी नए कर्मचारियों को जोड़ने की योजना बना रही है, ताकि आने वाले समय में ये अस्पताल पूरी क्षमता से काम कर सकें।
पंजाब सरकार ने यह साबित कर दिया है कि जब कोई सरकार जनता के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देती है, तो असंभव भी संभव हो जाता है। ₹510 करोड़ की मेडिकल सुविधाएं, मुफ्त इलाज, अत्याधुनिक तकनीक और गरीबों के लिए राहत योजनाओं के जरिए पंजाब ने कैंसर जैसी बीमारी के खिलाफ एक मजबूत लड़ाई शुरू की है। यह सिर्फ एक अस्पताल नहीं, बल्कि लाखों लोगों के जीवन में उम्मीद की रोशनी है और इसका पूरा श्रेय पंजाब सरकार को जाता है।
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