Prabhat Times
चंडीगढ़। (Punjab Cabinet Meeting) पंजाब के सरकारी कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले हो गई है। पंजाब सरकार ने राज्य के सरकार कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है। कैबिनेट ने छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूर कर लिया है। अब वेतन आयोग की सिफारिशें इस साल 1 जुलाई से लागू हो जाएंगी।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी देेने और इसे 1 जुलाई से लागू करने का फैसला किया गया। इसका लाभ 1 जनवरी 2016 से मिलेगा और इसेस 5.40 लाख वर्तमान और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मिलेगा। छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से पंजाब सरकार पर 8637 करोड़ रुपये का भार पड़ेगा।
न्यूनतम वेतन 6950 रुपये बढ़कर 18000 रुपये हुआ
कैप्टन सरकार ने भारी वित्तीय अभाव के बावजूद इस कदम से अपने बड़े चुनावी वादे को पूरा कर दिया है। सरकार के इस फैसले से सरकारी कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 6950 रुपये से बढ़कर 18000 रुपये हो गए हैं। इसके साथ ही पिछले वेतन आयोग की तुलना में सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में ढ़ाई गुने से ज्यादा की वृद्धि हो गई है।
न्यूनतम पेंशन 3500 रुपये से बढ़कर 9000 रुपये प्रति माह होगी
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करन से न्यूनतम पेंशन भी 3500 रुपये प्रति माह से बढकर 9000 रुपये हाे जाएगी। न्यूनतम फैमली पेंशन भी बढ़कर 900व रुपये प्रति माह हो जाएगी। नए वेतन व पेंशन ढांचे के तहत कर्मचारी की तलाकशुदा और विधवा बेटी भी फैमिली पेंशन की हकदार हो जाएगी। इसके साथ ही फैमिली पेंशन प्रति माह 3500 + डीए से बढकर 9000+ डीए प्रति माह हो जाएगी।
कांट्रैक्ट पर कार्यरत सीवरमैन व सफाई कर्मी होंगे नियमित
पंजाब कैबिनेट की आज हुई बैठक में स्थानीय निकायों में अनुबंध पर काम कर रहे सीवरमैन और सफाई कर्मचारियों को नियमित (Regular) करने का फैसला किया है। इसके साथ ही सरकार ने राज्य में पंजाब जांच ब्यूरो में नागरिक सहायता कर्मचारी या विशेषज्ञ सहायता कर्मचारी (Specialised Support Staff) के रूप में 798 पद सृजित करने का निर्णय किया है। सरकार ने कोरोना के चलते सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के सेवा काल में 31 मार्च 2022 तक बढ़ोत्तरी कर दी है।
सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टरों के सेवाकाल में अगले साल 31 मार्च तक बढ़ोत्तरी
कैबिनेट ने कोविड-19 महामारी से पैदा हालत के मद्देनजर 58 साल की आयु पूरी करने वाले सुपर स्पेशलिस्ट डाक्टरों के सेवाकाल में 31 मार्च 2022 तक बढ़ाने का फैसला किया। यह कदम कोरोना से पैदा हालत से मुकाबला करने के लिए किया गया।
पेयजल सप्लाई के लिए कर्ज लेगी पंजाब सरकार
बैठक में कैबिनेट ने लुधियाना और अमृतसर में पेयजल सप्लाई के लिए नहरी पानी उपलब्ध करवाने के लिए विश्व बैंक और एशियन डेवलपमेंट इन्वेस्टमेंट बैंक से कर्ज लेने का फैसला किया। पंजाब सरकार इसके लिए 210 मिलियन डॉलर का कर्ज लेने का फैसला किया है। इससे इन शहरों में पेयजल की आपूर्ति सुचारू हो पाएगी।
एस.सी. छात्रों को पोस्ट मैट्रिक वजीफा स्कीम के तहत राहत
कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में हुी बैठक में पंजाब सरकार द्वारा एस.सी. विद्यार्थियों के लिए पोस्ट मैट्रिक वज़ीफ़ा स्कीम के वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक के समय के लिए निजी शिक्षण संस्थानों के 200 करोड़ रुपए के बकाए का 40 प्रतिशत हिस्सा अदा किया जायेगा। मीटिंग में यह भी फ़ैसला किया गया कि मुख्यमंत्री द्वारा बाकी के 60 प्रतिशत बकाए का मुद्दा प्रधानमंत्री के पास उठाया जायेगा।
मंत्रीमंडल द्वारा मंत्री समूह, जिसकी स्थापना उपरोक्त समय के लिए एस.सी. वर्ग के लिए पोस्ट मैट्रिक वज़ीफ़ा स्कीम को सुचारू ढंग से चलाने में पेश आ रही कठिनाईयों पर विचार करने के लिए की गई थी, द्वारा जमा की गई रिपोर्ट को मंज़ूरी देने के अलावा यह फ़ैसला भी किया गया कि सरकार द्वारा ये बकाए निजी संस्थानों को साल 2021-22 के लिए तीन एक समान तिमाही किश्तों में अदा किये जाएंगे।
म्यूनिसिपल सीमा से बाहर स्थित एकल इमारतों को मामूली दरों पर नियमित करने के लिए दिया मौका
मंत्रीमंडल ने आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग की मंजूरी के बिना म्यूनिसिपल सीमा से बाहर बनाई एकल इमारतों को बिल्डिंग उप -नियमों की सख्त पालना के साथ नियमित करने की मंजूरी दे दी। यह एकमुश्त निपटारा नीति के लिए आवेदन 31 मार्च, 2022 तक स्वीकृत किए जाएंगे और यह नीति ऐसी इमारतों को साधारण फीस और सरकारी बकाए के निपटारे की अदायगी के साथ नियमित किया जा सकेगा। इसके अलावा इनको योजनाबंदी के दायरे के तहत लाने और लोगों की सुरक्षा को यकीनी बनाना होगा।
यह नीति सभी बकाए मामलों और 31 मार्च, 2022 तक सौंपे जाने वाले मामलों के लिए लागू होने योग्य होंगे। इसके तहत मास्टर प्लान के अनुकूल इमारती नियमों के अंतर्गत निर्मित इमारतों को नियमित करने पर विचार किया जाएगा।
रेगूलाईजेशन फीस के साथ सीएलयू, ईडीसी, एलएफ/पीएफ,एसआइएफ और इमारती जांच फीस जैसी सभी कानूनी दरों को अदा करना होगा इनमें फॉर्महाउस के मामले में कवरड एरिया के 20 रुपए प्रति वर्गफीट शिक्षा और मेडिकल संस्थाओं के लिए 20 रुपये, होटलों और ईटिंग ज्वाइंटज़ समेत कमर्शियल के लिए 35 रुपये, इंडस्ट्रियल के लिए 15 रुपये और धार्मिक, सामाजिक चैरिटेबल संस्थाओं के लिए एक रुपये प्रति वर्ग फीट की दर से शुल्क अदा करने होंगे। सरकारी नियमों का उल्लंघन, यदि माफी योग्य हो, तो सरकार की नीति के मुताबिक माफी योग्य होगी।
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