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जालंधर। (Jalandhar big private school is taking advantage of education minister Harjot Bains marriage) पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस के शादी में व्यस्तता का फायदा प्राईवेट स्कूलों द्वारा खूब फायदा उठाया जा रहा है। नया शैक्षणिक स्तर शुरू होते ही जालंधर के प्राईवेट स्कूल द्वारा बुक्स के नाम पर पेरेंटस से लूट का सिलसिला इस साल फिर शुरू हो गया है।

प्राईवेट स्कूल मैनेजमेंट द्वारा बुक्स का खेल बड़ी चालाकी के साथ खेला गया है। स्कूल मैनेजमेंट द्वारा सरकारी आदेश के मुताबिक बुक स्टाल की लिस्ट अपने वैबसाइट पर अपलोड कर दी, लेकिन परीक्षा परिणाम से ठीक एक दिन पहले ही किताबें बदल दी गई, यानिकि स्कूल मैनेजमेंट द्वारा पब्लीशर ही बदल दिया।

इसे लेकर अभिभावकों और पब्लीशर में खासा रोष पाया जा रहा है। पता चला है कि पुराने पब्लीशर द्वारा इसे लेकर स्कूल मैनेजमैट में अपना रोष भी दर्ज करवाया है।

बता दें कि पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार बनते ही प्राईवेट स्कूलों की लूट रोकने के लिए बड़े फैसले किए थे।

एडमिशन फीस मंथली फीस के अतिरिक्त किताबों को लेकर होने वाली बड़ी लूट रोकने का दावा किया।

पंजाब सरकार द्वारा आदेश दिए गए थे कि प्राईवेट स्कूल किताबों के लिए अभिभावकों पर दबाव नहीं डाल सकते। हर एक स्कूल को कम से कम चार बुक शॉप के बारे में जानकारी अपलोड करनी होगी। अभिभावकों की मर्जी होगी जहां से मर्जी किताबें ले लें।

प्राईवेट स्कूल ने लगाई तिकड़म

लेकिन कुछ प्राईवेट स्कूलों द्वारा पंजाब सरकार के आदेशों की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

पता चला है कि जालंधर कपूरथला मार्ग मुख्य मार्ग पर स्थित एक बड़े स्कूल द्वारा इस मामले में तिकड़म भिड़ाई है।

सूत्रों ने बताया कि स्कूल द्वारा कुछ दिन पहले नए सैशन के लिए किताबों की लिस्ट और पब्लीशर वेबसाइट पर अपलोड किए गए।

जिसके चलते बुक शॉप द्वारा स्कूल द्वारा निर्धारित पब्लीशर की किताबें लेकर स्टॉक की गई।

परीक्षा परिणाम से एक दिन पहले ही बदल दिया पब्लीशर

लेकिन स्कूल प्रशासन द्वारा बेहद ही चतुराई से परीक्षा परिणाम से सिर्फ एक दिन पहले ही हिंदी, ड्राईंग समेत कुछ किताबें बदल दी गई।

स्कूल द्वारा जारी नई लिस्ट में हिंदी, ड्राइंग की किताबें किसी और पब्लीशर की लगा दी गई। इसके बारे में बुक शॉप संचालकों को नहीं बताया गया।

सूत्रों ने बताया कि स्कूल प्रशासन द्वारा कपूरथला मार्ग पर मंड एरिया में एक बुक शॉप का एडरैस अभिभावकों को मौखिक रूप से दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि ये किताबें सिर्फ मंड की बुक शॉप पर ही मिलेंगी।

ऐसी स्थिति में अभिभावक और बुक शॉपर काफी परेशान है। स्कूल प्रशासन की इस जुगत के कारण मंड के बुक शॉप संचालक की मोनोप्ली हो गई और बाकी बुक शॉप संचालक के पास दूसरे पब्लीशर का स्टाक होने के कारण किताबें नहीं बिक रही।

स्कूल प्रशासन से सैटिंग का आरोप

बुक शॉप वालों ने आरोप लगाया है कि स्कूल प्रबंधन द्वारा नए पब्लीशर के साथ कथित सैटिंग के चलते आखिरी समय पर किताबें बदल दी।

यहां तक आरोप है कि मंड गांव की जिस दुकान का पता दिया जा रहा है वे उक्त दुकान की भी स्कूल प्रबंधन से सैटिंग है। स्कूल प्रबंधन की इस जुगत के कारण पेरेंटस एक बार फिर परेशान है।

पेरेंटस के हित में बदली गई कुछ किताबें, सरकार के आदेश का पालन किया -स्कूल प्रबंधन

इस मामले में स्कूल प्रबंधक का पक्ष सामने आया है। स्कूल प्रबंधन ने कहा कि कुछ किताबें और पब्लीशर बदले गए। लेकिन ये फैसला भी पेरेंटस के हित में लिया गया। स्कूल के प्रवक्ता ने बताया कि पहले लगाई गई किताबें और नई लगी किताबों की कीमतों में काफी अंतर था।

प्रवक्ता ने बताया कि दरअसल में पहले लगी किताबों का मूल्य ज्यादा था। स्कूल कमेटी ने जब इस मामले में वैरीफाइ किया तो पब्लीशर बदलने का फैसला किया गया।

प्रवक्ता के मुताबिक इस प्रक्रिया में सरकार के आदेशों का कही्ं भी उल्लंघन नहीं हुआ। स्कूल द्वारा किताबें बदलने संबंधी और बुक सेलर की डिटेल वेबसाईट पर भी अपडेट की गई और अभिभावकों को भी बताया जा रहा है।

स्कूल प्रबंधन ने कहा कि स्कूल में छात्रों और पेरेंटस के हितों को देखते हुए सरकार के निर्देशानुसार ही काम किया जा रहा है। प्रवक्ता के मुताबिक अगर किसी भी अभिभावक को कोई परेशानी आ रही है तो वे प्रिंसीपल या स्कूल ऑफिस में संपर्क कर सकता है।

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