नई दिल्ली (ब्यूरो): कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की सेवा में जुटे डॉक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ दिन रात उनकी देखभाल कर रहे हैं। यहां तक मेडिकल सेवा दे रहे इन लोगों को घर जाने या आराम करने का समय भी नहीं मिल पा रहा है।
इन डॉक्टर्स, नर्स एवं पेरामेडिकल कर्मचारियों का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद उन्हें कॉल कर उनका हालचाल पूछ रहे हैं। प्रधानमंत्री ने आज पुणे के डॉ नायडू अस्पताल नमें ड्यूटी कर रहीं नर्स छाया से बात की।
बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस के संक्रमण के दौरान मुस्तैदी से डटे डॉक्टर्स और नर्सेस की सराहना की और उनका आभार प्रकट किया। फोन पर पांच मिनट की हुई बातचीत की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने नर्स छाया से उनका हालचाल पूछा।
प्रधानमंत्री मोदी ने नर्स छाया से पूछा कि वह अपना ध्यान अच्छे से रख रही हैं या नहीं। नर्स ने उन्हें बताया कि वह पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं और मरीजों के साथ ही अपना भी ध्यान रख रही हैं।
इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने उनसे पूछा कि वह अपने परिवार को यह मनाने में कैसे सफल हुईं कि वह कोरोना के मरीजों की देखभाल करने जा रही हैं। उन्होंने पूछा कि जब आप हॉस्पिटल के लिए निकलती हैं तो आपके परिवार के सदस्यों को चिंता तो होती होगी।
इस पर नर्स छाया ने कहा जी सर, चिंता तो होती है। लेकिन देश जिस दौर से गुजर रहा है उसमें हमारा काम पहले जरूरी है। हमें लोगों की मदद के लिए आगे आना ही होगा। मेरा परिवार समझता है कि मेरी जरूरत पहले क्या है।
प्रधानमंत्री मोदी ने नर्स छाया से पूछा कि जब कभी भी कोई मरीज कोरोना से पीडि़त आता है तो वह काफी डरा हुआ होता होगा। इस पर नर्स छाया ने कहा, हां बहुत डरे होते हैं।
एडमिट करने से लिए बोलते ही वह और डर जाते हैं। इसके बाद हम उनसे बात करते हैं और उनका डर खत्म करने की कोशिश करते हैं। हम उनको समझाते हैं कि अगर उनकी पॉजिटिव आए तो भी डरने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने बताया कि इस अस्पताल से सात मरीज अच्छे होकर जा चुके हैं। नर्स छाया ने बताया कि हर मरीज ठीक हो सकता है बस वह डॉक्टर्स का साथ दे। उन्होंने बताया कि अभी नौ मरीज हैं उनकी तबीयत भी अच्छी है। तो डरने की बात नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पूछा कि जब आप किसी मरीज को एडमिट होने के लिए बोलती होंगी तो उनके परिजन आप लोगों से नाराज भी होते होंगे। इस पर सिस्टर छाया ने कहा, हम मरीज के परिजनों को अंदर आने ही नहीं देते हैं। क्योंकि क्वारिंटीन है तो उनसे तो हमारी बात नहीं होती।
इस पर पीएम मोदी ने भी कहा कि मरीजों के परिजनों को अस्पताल में आने नहीं दिया जाना चाहिए। बातचीत के आखिर में नर्स छाया बेहद भावुक हो गईं और प्रधानमंत्री को भगवान बता दिया। छाया ने कहा कि हमारे लिए तो आप भी देवता हैं।