Prabhat Times
नई दिल्ली। (presidential election 2022 result) एन.डी.ए. की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू आज देश की 15वीं राष्ट्रपति बन गई। राष्ट्रपति चुनाव के लिए मुकाबला एनडीए (NDA) की उम्मादवीर द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के रहा।
द्रौपदी मुर्मू ने तीसरे राऊंड में ही जीत का आंकड़ा पार कर लिया है। जिससे उनकी जीत निश्चित हो चुकी है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई की मध्य रात्रि को खत्म हो रहा है। 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण होगा। देश की 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 25 जुलाई को शपथ लेंगी।
चुनावों में तीन राऊंड की गिनती में द्रौपदी मुर्मू ने यशवंत सिन्हा को भारी मतों से पराजित किया। इनमें सांसदों और पहले 10 स्टेट्स के वोट शामिल है। दोनों को मिलाकर अब तक 1886 वैलिड वोटों की गिनती पूरी हो चुकी है। इनकी कुल वैल्यू 6 लाख 73 हजार 175 है।
NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अब तक 1349 वोट मिले हैं, जिनकी कुल वैल्यू 4 लाख 83 हजार 299 है। वहीं विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को अब तक 537 वोट मिले हैं, जिनकी कुल वैल्यू 1 लाख 89 हजार 876 है। अभी बाकी राज्यों की गिनती जारी है।
सांसदों के वोट में मुर्मू को 540, सिन्हा को 208 वोट
राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल पीसी मोदी के मुताबिक, दोपहर 2 बजे सांसदों के वोटो की गिनती पूरी हुई। इसमें द्रौपदी मुर्मू को 540 वोट मिले। इनकी कुल वैल्यू 3 लाख 78 हजार है। यशवंत सिन्हा को 208 सांसदों के वोट मिले। जिनकी वोट वैल्यू 1 लाख 45 हजार 600 है। सांसदों के कुल 15 वोट रद्द हो गए।
10 राज्यों की काउंटिंग में भी मुर्मू ने सिन्हा को पछाड़ा
पहले 10 राज्यों की गिनती में भी मुर्मू और सिन्हा के बीच आंकड़ों का लंबा अंतर दिख रहा है। इन राज्यों में कुल 1138 वैलिड वोट थे, जिनकी वैल्यू 1 लाख 49 हजार 575 है। इनमें मुर्मू को 809 वोट मिले। इनकी वैल्यू 1 लाख 5 हजार 299 है। वहीं यशवंत सिन्हा को 329 वोट मिलें, जिनकी कुल वैल्यू 44 हजार 276 है।
इन 10 राज्यों में अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और झारखंड के अलावा आंध्र प्रदेश के वोट शामिल हैं। इनमें 7 राज्यों में भाजपा और गठबंधन की सरकारें हैं। वहीं झारखंड और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों की सरकार है। आंध्र प्रदेश में जगनमोहन रेड्डी CM हैं, जिन्होंने NDA को समर्थन देने का ऐलान किया था।
विपक्ष ने भी किया द्रौपदी मुर्मु को वोट
राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मू की जीत पक्की लग रही है. इस बीच बीजेपी सूत्रों ने कहा है कि उनका अनुमान था कि 523 सांसदों ने मुर्मू को वोट किया है. लेकिन मुर्मू को पहले चरण में 540 वोट मिले हैं. ऐसे में बीजेपी का दावा है कि विपक्ष के 17 सांसदों ने उनके फेवर में वोट किया. बता दें कि पहले राउंड में सांसदों (लोकसभा और राज्यसभा) के वोटों की गिनती हुई थी.
द्रौपदी मुर्मु ने बनाए ये रिकार्ड
द्रौपदी मुर्मू के जीतने पर वह देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति तो होंगी ही, इसी के साथ 5 रिकॉर्ड भी उनके नाम हुए हैं. आइए बताते हैं, ये रिकॉर्ड कौन-कौन से होंगे-
पहला रिकॉर्ड यही है कि वह देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला नेता होंगी. मुर्मू का जन्म ओडिशा के मयूरभंज जिले में संथाल समुदाय के गरीब आदिवासी परिवार में हुआ है.
देश में अभी तक कोई आदिवासी न तो प्रधानमंत्री और न ही राष्ट्रपति की कुर्सी तक पहुंचा है. हालांकि देश को केआर नारायणन और रामनाथ कोविंद के रूप में 2 दलित राष्ट्रपति मिल चुके हैं.
दूसरा रिकॉर्डः द्रौपदी मुर्मू ऐसी पहली राष्ट्रपति होंगी, जो आजादी के बाद देश में पैदा हुईं. 1947 में देश को आजादी मिलने के करीब 11 साल बाद द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को हुआ था.
देश में अब तक जितने भी राष्ट्रपति हुए हैं, वो सब 1947 से पहले पैदा हुए थे. मुर्मू के राष्ट्रपति बनने से ऐसा पहली बार होगा, जब देश में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की कुर्सी पर ऐसे व्यक्ति होंगे, जिनका जन्म आजाद भारत में हुआ है.
तीसरा रिकॉर्डः सबसे युवा राष्ट्रपति बनने का खिताब भी मुर्मू के नाम हो जाएगा. देश में सबसे कम उम्र में राष्ट्रपति बनने का रिकॉर्ड नीलम संजीव रेड्डी के नाम है, जो 1977 में निर्विरोध राष्ट्रपति बने थे.
राष्ट्रपति पद संभालते वक्त रेड्डी की उम्र 64 साल, 2 महीने और 6 दिन थी. वहीं, 20 जून 1958 को जन्मी द्रौपदी मुर्मू की उम्र 25 जुलाई 2022 को पद संभालने के समय 64 साल 1 महीना और 8 दिन होगी.
चौथा रिकॉर्ड: ऐसा पहली बार होगा, जब किसी समय पार्षद रह चुका कोई व्यक्ति भारत में राष्ट्रपति पद तक पहुंचेगा. द्रौपदी मुर्मू ने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत का पार्षद बनने के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. इसके तीन साल बाद 2000 में वह पहली बार विधायक बनीं. उन्होंने ओडिशा की बीजेडी-बीजेपी सरकार में दो बार मंत्री पद भी संभाला है.
पांचवां रिकॉर्डः द्रौपदी मुर्मू की जीत के साथ ही ओडिशा का नाम भी उन राज्यों में शामिल हो जाएगा, जहां के लोग देश में सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचे हैं. अब तक राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठे लोगों में से 7 दक्षिण भारत के रहे हैं. देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद बिहार से थे.
द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और हमेशा वह भाजपा में ही रहीं. 1997 में मुर्मू बीजेपी की ओडिशा ईकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष बनी थीं.
2002 से 2009 तक और फिर साल 2013 में मयूरभंज के भाजपा जिलाध्यक्ष के रूप में भी काम किया. वह बीजेपी के एसटी मोर्चा में राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी रही हैं.
द्रौपदी मुर्मू झारखंड में राज्यपाल बनने वाली पहली महिला थीं. वह 2015 से लेकर 2021 तक राज्यपाल रहीं. वह ऐसी पहली उड़िया महिला और आदिवासी नेता थीं, जिसे भारत में किसी राज्य का गवर्नर नियुक्त किया गया और उन्होंने कार्यकाल पूरा किया.
ओडिशा में मयूरभंज जिले के कुसुमी ब्लॉक के उपरबेड़ा गांव में आदिवासी परिवार में जन्मीं मुर्मू का शुरुआती जीवन काफी संघर्षमय रहा. तमाम अड़चनों के बावजूद उन्होंने भुवनेश्वर के रमादेवी महिला कॉलेज से बीए पास किया.
राजनीति में आने से पहले वह रायरंगपुर के अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च में मानद सहायक शिक्षिका थीं.
वह सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में भी काम कर चुकी हैं. पति और दो बेटों को खोने के बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और लगातार आगे बढ़ती रहीं.
जश्न
#WATCH | Celebrations begin at Odisha's Rairangpur village, the native place of NDA's presidential candidate Droupadi Murmu.
The counting of votes for the Presidential election is underway. pic.twitter.com/7AmzaSepHr
— ANI (@ANI) July 21, 2022
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