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Chandigarh चंडीगढ़। (pm modi to visit punjab assess flood situation review) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज हिमाचल प्रदेश और पंजाब के दौरे पर हैं। सुबह प्रधानमंत्री ने हिमाचल प्रदेश में बाढ़ ग्रस्त एरिया का हवाई निरीक्षण किया और शाम के समय पंजाब के गुरदासपुर में हवाई निरीक्षण किया गया।

प्रधानमंत्री द्वारा पंजाब के 1600 करोड़ रूपए का राहत पैकेज और हिमाचल प्रदेश को 1500 करोड़ का राहत पैकेज देने का ऐलान किया है।

हिमाचल प्रदेश का दौरा करने के पश्चात दोपहर बाद पीएम मोदी गुरदासपुर पहुंचे। यहां उन्होंने बाढ़ प्रभावित किसानों, NDRF और SDRF टीम से बातचीत की। अब वह मंत्रियों और अधिकारियों से मीटिंग की।

बैठक में राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया भी मौजूद हैं। इससे पहले पंजाब की मान सरकार ने केंद्र से 80 हजार करोड़ रुपए की मांग की है। पंजाब इस समय भयानक बाढ़ से जूझ रहा है।

बाढ़ के कारण सूबे में अब तक 51 लोगों की मौत हो चुकी है। 15 जिलों में 3.87 लाख लोग व 4.56 लाख एकड़ फसल बाढ़ से प्रभावित हुई है।

पीएम का गुरदासपुर दौरा, 1600 करोड़ का राहत पैकेज, मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख की आर्थिक सहायता

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 9 सितंबर 2025 को पंजाब का दौरा किया और पंजाब के प्रभावित क्षेत्रों में बादल फटने और भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति और नुकसान की समीक्षा की।

इसके बाद, उन्होंने गुरदासपुर में अधिकारियों और निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ एक आधिकारिक समीक्षा बैठक की। प्रधानमंत्री मोदी ने राहत और पुनर्वास कार्यों की समीक्षा की और पंजाब में हुए नुकसान का आकलन भी किया।

प्रधानमंत्री ने पंजाब के लिए 1600 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की, जो राज्य के खजाने में पहले से मौजूद 12,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त है। एसडीआरएफ और पीएम किसान सम्मान निधि की दूसरी किस्त अग्रिम रूप से जारी की जाएगी।

इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घरों का पुनर्निर्माण, राष्ट्रीय राजमार्गों की मरम्मत, स्कूलों का पुनर्निर्माण, प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के माध्यम से राहत प्रदान करना और पशुओं के लिए मिनी किट वितरित करना जैसे उपाय शामिल होंगे।

कृषि समुदाय को सहायता प्रदान करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता को समझते हुए, विशेष रूप से उन किसानों को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी जिनके पास वर्तमान में बिजली कनेक्शन नहीं हैं। जिन बोरवेलों में गाद भर गई है या जो बह गए हैं, उनके नवीनीकरण के लिए राज्य सरकार के विशिष्ट प्रस्ताव के अनुसार, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत परियोजना मोड पर सहायता प्रदान की जाएगी।

डीजल से चलने वाले बोर पंपों के लिए, सौर पैनलों के लिए एमएनआरई के साथ अभिसरण और प्रति बूंद अधिक फसल दिशानिर्देशों के तहत सूक्ष्म सिंचाई के लिए सहायता की सुविधा प्रदान की जाएगी।

प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण के अंतर्गत, ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के पुनर्निर्माण के लिए पंजाब सरकार द्वारा प्रस्तुत “विशेष परियोजना” के तहत उन पात्र परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी जिनके घर बाढ़ के कारण क्षतिग्रस्त हो गए हैं।

पंजाब में हाल ही में आई बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए सरकारी स्कूलों को समग्र शिक्षा अभियान के तहत वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार को दिशानिर्देशों के अनुसार सभी आवश्यक सहायक जानकारी उपलब्ध करानी होगी।

जल संचय जनभागीदारी कार्यक्रम के तहत पंजाब में जल संचयन हेतु पुनर्भरण संरचनाओं का निर्माण बड़े पैमाने पर किया जाएगा। इसका उद्देश्य क्षतिग्रस्त पुनर्भरण संरचनाओं की मरम्मत और अतिरिक्त जल संचयन संरचनाओं का निर्माण करना है। इन प्रयासों से वर्षा जल संचयन में वृद्धि होगी और दीर्घकालिक जल स्थिरता सुनिश्चित होगी।

केंद्र सरकार ने नुकसान की सीमा का आकलन करने के लिए पंजाब का दौरा करने के लिए अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल भी भेजे हैं तथा उनकी विस्तृत रिपोर्ट के आधार पर आगे की सहायता पर विचार किया जाएगा।

प्रधानमंत्री ने प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और कहा कि केंद्र सरकार इस कठिन समय में राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी और हर संभव सहायता प्रदान करेगी।

प्रधानमंत्री ने पंजाब के उन परिवारों से भी मुलाकात की जो आपदा और बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने उन सभी लोगों के साथ अपनी पूरी एकजुटता व्यक्त की जिन्होंने इस आपदा में अपने प्रियजनों को खो दिया है और गहरा दुःख व्यक्त किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने बाढ़ और प्राकृतिक आपदा में मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 50-50 हज़ार रुपये की अनुग्रह राशि देने की भी घोषणा की।

प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण अनाथ हुए बच्चों को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना के तहत व्यापक सहायता प्रदान की जाएगी। इससे उनका दीर्घकालिक कल्याण सुनिश्चित होगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन नियमों के तहत राज्यों को अग्रिम भुगतान सहित सभी प्रकार की सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने तत्काल राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना, राज्य प्रशासन और अन्य सेवा-उन्मुख संगठनों के कर्मियों के प्रयासों की सराहना की। केंद्र सरकार राज्य के ज्ञापन और केंद्रीय टीमों की रिपोर्ट के आधार पर मूल्यांकन की आगे समीक्षा करेगी।

प्रधानमंत्री ने स्थिति की गंभीरता को स्वीकार किया और आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार स्थिति से निपटने के लिए सभी प्रयास करेगी।

हिमाचल प्रदेश का दौरा

इससे पहले PM ने हेलिकॉप्टर से कुल्लू, मंडी और चंबा में हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद कांगड़ा में आपदा को लेकर एक बैठक की, जिसमें अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से उन्हें नुकसान की जानकारी दी।

इस दौरान उन्होंने 1500 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता देने का ऐलान किया। पीएम ने कहा कि केंद्र सरकार हर संभव मदद करेगी। मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।

मीटिंग में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी बैठक में मौजूद रहे। इसके बाद प्रधानमंत्री ने मंडी, कुल्लू और चंबा जिले के 18 प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनकी आपबीती सुनी। उन्होंने एक साल की नितिका से भी मुलाकात की, जिसके माता, पिता और दादी की 30 जून को मंडी में बादल फटने से आई बाढ़ में मौत हो गई थी। प्रधानमंत्री ने नितिका को पहले टॉफी दी और फिर उसे गोद में उठा लिया।

इससे पहले, 5 सितंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमृतसर, गुरदासपुर और कपूरथला में बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा कर पीड़ितों से मुलाकात की थी।

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