Prabhat Times
नई दिल्ली। (PM Modi on Farmers Protest) केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले सवा दो महीने से दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं. आज राज्यसभा में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सदन में किसान आंदोलन की भरपूर चर्चा हुई है. ज्यादा से ज्यादा समय जो बात बताई गईं वो आंदोलन के संबंध में बताई गई. किस बात को लेकर आंदोलन है?
उस पर सब मौन रहे. जो मूलभूत बात है, अच्छा होता कि उस पर भी चर्चा होती. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन पर राजनीति हावी हो रही है. विपक्ष ने इस मुद्दे पर अचानक से यू-टर्न ले लिया है. पीएम मोदी ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की. मोदी ने साफ कहा की एम.एस.पी. था, एम.एस.पी. है और एम.एस.पी. रहेगा.
किसान आंदोलन पर पीएम मोदी ने कहा, ”खेती की मूलभूत समस्या क्या है, उसकी जड़ कहां है. मैं आज पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण जी की बात बताना चाहता हूं. वो छोटे किसानों की दयनीय स्थिति पर हमेशा चिंता करते थे.”
उन्होंने कहा, ”कृषि सुधारों की बात करने वाले अचानक से पीछे हट गए. पहले की सरकारों की सोच में छोटा किसान था क्या? जब हम चुनाव आते ही एक कार्यक्रम करते हैं कर्जमाफी, ये वोट का कार्यक्रम है या कर्जमाफी का? ये हिन्दुस्तान का नागरिक भली भांति जानता है.”
पीएम किसान सम्मान निधि योजना से किसानों को मिली मदद
पीएम मोदी ने कहा, ‘’जब हम कर्जमाफी करते हैं तो छोटा किसान उससे वंचित रहता है, उसके नसीब में कुछ नहीं आता है. पहले की फसल बीमा योजना भी छोटे किसानों को नसीब ही नहीं होती थी. यूरिया के लिए भी छोटे किसानों को रात-रात भर लाइन में खड़े रहना पड़ता था, उस पर डंडे चलते थे.’’
उन्होंने कहा, ‘’पीएम किसान सम्मान निधि योजना से सीधे किसान के खाते में मदद पहुंच रही है. 10 करोड़ ऐसे किसान परिवार हैं जिनको इसका लाभ मिल गया. अब तक 1 लाख 15 हजार करोड़ रुपये उनके खाते में भेजे गये हैं. इसमें अधिकतर छोटे किसान हैं.’’
गांव का छोटा किसान मुंबई के बाजार में अपना सामान बेचने लगा
मोदी ने कहा, ‘’साल 2014 के बाद हमने कुछ परिवर्तन किया, हमने फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ा दिया ताकि किसान, छोटा किसान भी उसका फायदा ले सके. पिछले 4-5 साल में फसल बीमा योजना के तहत 90 हजार करोड़ रुपये के क्लेम किसानों को दिए गए हैं.
पहली बार हमने किसान रेल की कल्पना की. छोटा किसान जिसका सामान बिकता नहीं था, आज गांव का छोटा किसान किसान रेल के माध्यम से मुंबई के बाजार में अपना सामान बेचने लगा, इससे छोटे किसान को फायदा हो रहा है.’’
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘’हर कानून में अच्छे सुझावों के बाद कुछ समय के बाद बदलाव होते हैं. इसलिए अच्छा करने के लिए अच्छे सुझावों के साथ, अच्छे सुधारों की तैयारी के साथ हमें आगे बढ़ना होगा. मैं आप सभी को निमंत्रण देता हूं कि हम देश को आगे बढ़ाने के लिए, कृषि क्षेत्र के विकास के लिए, आंदोलनकारियों को समझाते हुए, हमें देश को आगे ले जाना होगा.’’
MSP था, MSP है और MSP रहेगा
मोदी ने कहा, ‘’हमें एक बार देखना चाहिए कि कृषि परिवर्तन से बदलाव होता है कि नहीं. कोई कमी हो तो उसे ठीक करेंगे, कोई ढिलाई हो तो उसे कसेंगे.
मैं विश्वास दिलाता हूं कि मंडियां और अधिक आधुनिक बनेंगी. एमएसपी है, एसएसपी था और एमएसपी रहेगा. इस सदन की पवित्रता समझें हम. जिन 80 करोड़ लोगों को सस्ते में राशन दिया जाता है वो भी लगातार रहेगा.’’
इससे पहले पीएम मोदी न कहा, ‘’अच्छा होता कि राष्ट्रपति जी का भाषण सुनने के लिए सब होते तो लोकतंत्र की गरिमा और बढ़ जाती, लेकिन राष्ट्रपति जी के भाषण की ताकत इतनी थी कि न सुनने के बाद भी बात पहुंच गई.’’
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