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New Delhi नई दिल्‍ली। (petrol and diesel prices likely to drop due-to falling crude prices oil) महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों के लिए अच्छी खबर है।

सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती कर सकती है लेकिन इसके लिए एक कंडीशन रखी है।

पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस मिनिस्ट्री में सचिव पंकज जैन ने कहा कि अगर कच्चे तेल की कीमत लंबे समय तक कम रहती है, तो तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल की कीमत में कमी पर विचार कर सकती हैं।

कच्चे तेल की कीमत तीन साल के निचले स्तर पर आ गई हैं। इससे ऑयल मार्केटिंग कंपनियों का मुनाफा बढ़ा है।

ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती की जा सकती है।

मंगलवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गई।

दिसंबर 2021 के बाद पहली बार कच्चा तेल इस स्तर पर आया है।

ग्लोबल इकॉनमी की ग्रोथ धीमी पड़ने से तेल की मांग में कमी आने की आशंका है।

इस कारण कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आई है।

इससे ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के मार्जिन में सुधार हुआ है। देश में 90% मार्केट पर सरकारी तेल कंपनियों का कब्जा है।

इनमें इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड शामिल हैं।

इस साल आम चुनाव से ठीक पहले 14 मार्च को सरकार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कमी की थी।

ब्रेंट फ्यूचर्स 2021 के बाद पहली बार $70 प्रति बैरल से नीचे गिर गए हैं.

कम होंगे रेट, ये हैं वजह

सरकारी तेल कंपनियां भी मुनाफे में आ गई हैं. हरियाणा और जम्‍मू कश्‍मीर चुनाव भी अब होने हैं.

ये तीन ऐसे कारण हैं जो अब आम आदमी को महंगे डीजल-पेट्रोल से राहत मिलने की उम्‍मीद बंधा रहे हैं.

ब्लूमबर्ग एनर्जी इंडेक्‍स के मुताबिक, बुधवार को ब्रेंट क्रूड नवंबर वायदा 69.58 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया.

इसी तरह WTI क्रूड अक्टूबर वायदा भी 66.18 डॉलर प्रति बैरल के रेट हो गए.

जब रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू हुआ था उस समय कच्चे तेल का भाव उछल कर 130 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गया था.

उस लिहाज से देखें तो अब कच्‍चे तेल की कीमत लगभग आधी रह गई है.

सरकारी तेल कंपनियों ने भी वित्‍त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में खूब मुनाफा कमाई है.

तेल कंपनियों के मुनाफे में होने और कच्‍चे तेल के दाम में गिरावट के बाद अब देश के हर आदमी के मन में अब ये सवाल जरूर उठ रहा है कि सरकार आम आदमी को महंगे पेट्रोल-डीजल से कब राहत देगी?

गौरतलब है कि आखिरी बार इसी साल आम चुनाव से पहले मार्च में पेट्रोल और डीजल के रेट घटाए गए थे.

तब पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमतों में 2-2 रु की कटौती की गई थी. तब 22 महीनों बाद पेट्रोल और डीजल के दाम घटे थे.

अब पिछली कटौती को 6 महीने बीत चुके हैं और सरकार ने रेट में कोई बदलाव नहीं किया है.

कब होगी कटौती?

एक रिपोर्ट में एनर्जी एनालिस्ट्स के हवाले से कहा गया है कि सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की ओर से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती का फैसला ब्रेंट की कीमतों को कुछ और हफ्तों तक रिव्यू करने के बाद लिया जा सकता है.

इस साल कच्चे तेल की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है.

भारत में रिटेल फ्यूल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय तेल कीमतों पर आधारित होती हैं क्योंकि भारत अपनी लगभग 87% कच्चे तेल की जरूरतों के लिए आयात पर निर्भर है.

6 महीने पहले हुई थी अंतिम कटौती

डीजल और पेट्रोल के भाव में आखिरी बार 14 मार्च 2024 को कटौती की गई थी.

उस समय डीजल और पेट्रोल के दाम 2-2 रुपये प्रति लीटर कम किए गए थे.

यानी डीजल और पेट्रोल के भाव में आखिरी कटौती के 6 महीने हो चुके हैं और उन 6 महीनों में ईंधन के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

मुनाफे में हैं कंपनियां

कच्‍चे तेल की कीमतों में गिरावट से इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) सहित सरकारी ऑयल मार्केटिंग मुनाफे में आ गई हैं.

इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में तीनों सरकारी स्वामित्व वाली OMCs का कंबाइंड नेट प्रॉफिट 7,371 करोड़ रुपए रहा.

हालांकि, कम सकल रिफाइनिंग मार्जिन (GRMs) और एलपीजी या रसोई गैस सिलेंडर की बिक्री पर अंडर-रिकवरी के कारण तिमाही में कंपनियों का परफॉरमेंस पिछले साल की तुलना में कमजोर रहा. हाल की तिमाहियों में कंपनियों ने अच्‍छा मुनाफा कमाया है.

एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च की चीफ इकोनॉमिस्ट और रिसर्च हेड सुमन चौधरी ने कहा कि अगर कच्चे तेल की कीमतें 80 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रहती हैं, तो OMCs की वित्तीय स्थिति में काफी सुधार होगा और कीमतों में कटौती की संभावना बन सकती है.

हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में होने वाले आगामी चुनावों को देखते हुए भी यह फैसला लिया जा सकता है.

OMCs ने पिछली बार लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में देशभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी.

 

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