Prabhat Times
रांची। (petrol diesel price in jharkhand slash by 25 rupees by 26 january)  झारखंड में पेट्रोल और डीजल नए साल में 25 रुपये तक सस्ता मिलेगा. पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमतों से आम आदमी को राहत देने के लिए झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। राज्य सरकार गरीब बाइक और स्कूटर चालकों को पेट्रोल 25 रुपए प्रति लीटर सस्ता देगी। राशन कार्डधारी ऐसे ग्राहक अधिकतम 10 लीटर पेट्रोल डीजल पर यह लाभ ले सकते हैं। हालांकि, पेट्रोल पंप पर उन्हें पूरी कीमत देनी होगी और राज्य सरकार डायरेक्ट बैनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के जरिए सब्सिडी की राशि खाते में भेजेगी। सरकार के दो साल पूरे होने मुख्यमंत्री ने यह ऐलान किया है।
मुख्यमंत्री कार्यलाय की ओर से ट्वीट किया गया, ”पेट्रोल-डीजल के मूल्य में लगातार इजाफा हो रहा है, इससे गरीब और मध्यम वर्ग के लोग सबसे अधिक प्रभावित हैं। इसलिए सरकार ने राज्य स्तर से दुपहिया वाहन के लिए पेट्रोल पर प्रति लीटर 25 की राहत देगी, इसका लाभ 26 जनवरी 2022 से मिलना शुरू होगा।” सरकार की ओर से बताया गया कि यदि कोई राशन कार्डधारी अगर अपनी गाड़ी में पेट्रोल भराता है तो झारखंड सरकार प्रति महीने 10 लीटर तक के पेट्रोल पर 25 रुपए प्रति लीटर यानी 250 रुपए उनके अकाउंट में कैश ट्रांसफर करेगी। कुल मिलाकर गरीबों को स्कूटर/बाइक में पेट्रोल भराने पर प्रति महीने अधिकतम 250 रुपए का लाभ मिलेगा।
बता दें कि झारखंड पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन भी लगातार पेट्रोल-डीजल पर वैट की दरें घटाने की मांग कर रहा था. एसोसिएशन सरकार से पेट्रोल पर 5% वैट घटाने की मांग कर रहा था. उनका कहना है कि अगर सरकार वैट की दर 22% से घटकर 17% कर दे तो लोगों को बड़ी राहत मिलेगी. एसोसिएशन का कहना था कि झारखंड के पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार और ओडिशा में डीजल की कीमत कम है. ऐसे में झारखंड से चलने वाले वाहन पड़ोसी राज्यों से डीजल भरवा रहे हैं. जिसके चलते उन्हें नुकसान हो रहा है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सिंह ने कहा कि पेट्रोलियम डीलरों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चिट्ठी लिखी थी और वित्त मंत्री से मुलाकात भी की थी. लेकिन अब तक कोई परवाह नहीं की गई है. अशोक ने बताया कि वित्त मंत्री से मुलाकात कर उन्हें इस संबंध में ज्ञापन सौंपा था, लेकिन उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया. उन्होंने कहा था कि झारखंड में 1350 पेट्रोल पंप हैं, जिनसे सीधे तौर पर 2.50 लाख से अधिक परिवारों की आजीविका जुड़ी है. वैट की उच्च दरों के कारण व्यवसाय तो प्रभावित हो ही रहा है.

केंद्र ने घटाई थी एक्साइज ड्यूटी

इस साल की शुरुआत से ही पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही थी. इसके बाद दिवाली के मौके पर केंद्र सरकार ने लोगों को राहत देते हुए पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में पांच और दस रुपये की कटौती की थी. केंद्र ने पेट्रोल पर प्रति लीटर पांच रुपये और डीजल पर प्रति लीटर दस रुपये एक्साइज ड्यूटी कम कर दी थी, जिसके बाद देशभर में तेल की कीमतों में काफी गिरावट आ गई थी.
वहीं, केंद्र के फैसले के बाद एनडीए शासित विभिन्न राज्यों ने भी अपने यहां पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट में कटौती कर दी थी. बिहार, यूपी, त्रिपुरा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश समेत तकरीबन सभी राज्यों में वैट कम कर दिया था. इसके बाद, कांग्रेस शासित राज्य- राजस्थान, पंजाब, छत्तीसगढ़ में भी तेल पर लगने वाला वैट घटा दिया गया था. वहीं, हाल ही में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने भी पेट्रोल से वैट कम कर दिया.

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