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Paris पेरिस। (paris olympics india hockey team reaches semifinals) भारतीय मेंस हॉकी टीम लगातार दूसरी बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है।

रविवार को एक बेहद रोमांचक क्वार्टर फाइनल में चमत्कार करते हुए कप्तान हरमनप्रीत सिंह की टीम ने ग्रेट ब्रिटेन को शूट आउट में 4-2 से हराया।

अब भारत का मुकाबला छह अगस्त को जर्मनी और अर्जेंटीना के बीच मैच के विनर से होगा।

आधे से ज्यादा मैच अपने मुख्य डिफेंडर अमित रोहिदास के बिना खेलने के बावजूद भारत की ये जीत बेहद खास है।

मैच का नतीजा शूटआउट में निकला, क्योंकि निर्धारित 90 मिनट तक दोनों टीम 1-1 की बराबरी पर थी

इसके बाद भारतीय दिग्गज गोलकीपर पीआर श्रीजेश ने अपना पूरा अनुभव झोकते हुए शूट आउट में हिंदुस्तानियों की उम्मीदों को टूटने नहीं दिया।

सीएम भगवंत मान ने दी बधाई

इंग्लैंड पर भारतीय हॉकी टीम की शानदार जीत की सराहना करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि भारतीय टीम शानदार है क्योंकि टीम ने 10 खिलाड़ियों के साथ खेलते हुए भी इंग्लैंड की टीम को पेनल्टी शूटआउट में हरा दिया।

टीम को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने आने वाले मैचों के लिए शुभकामनाएं दी।

उन्होंने कहा कि भारतीय खिलाड़ियों ने मैच के दौरान विशेषकर शूटआउट में शानदार खेल का प्रदर्शन किया, जिससे टीम पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह हर देशवासी के लिए गर्व का पल है क्योंकि खिलाड़ियों ने टीम को इस ऐतिहासिक जीत तक पहुंचाया है।

मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि हॉकी टीम पेरिस ओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतकर सफलता की नई कहानी लिखेगी।

भगवंत सिंह मान ने दोहराया कि समूचा देश इस ऐतिहासिक पल का बेसब्री से इंतजार कर रहा है, जब राष्ट्रीय खेल की पुरानी शान बहाल होगी।

उन्होंने कहा कि पूरा देश भारतीय हॉकी टीम के नायकों का स्वर्ण पदक लेकर घर लौटने पर उनका शानदार स्वागत करने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा है।

भारत ने दिखाया 10 का दम

मैच शुरू होते ही पांचवें मिनट में ग्रेट ब्रिटेन को लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले।

दोनों ही बार अमित रोहिदास ने मुस्तैदी से डिफेंस किया, इसके बाद पहले क्वार्टर के 13वें मिनट में भारत को लगातार तीन पेनल्टी कॉर्नर मिले

लेकिन कप्तान हरमनप्रीत भी इसमें सफल नहीं हो पाए।

दूसरा क्वार्टर शुरू होते ही रेफरी ने अमित रोहिदास को रेड कार्ड दिखाकर बाहर कर दिया

जिसके बाद भारत को पूरे मैच में 11 की जगह 10 खिलाड़ी के साथ खेलना पड़ा।

अमित रोहिदास की गिनती दुनिया के सबसे तेज पेनल्टी कॉर्नर रशर के तौर पर होती है।

अपने अहम डिफेंडर के बिना खेलते हुए भारत ने एक ग्रेट ब्रिटेन को एक भी गोल नहीं करने दिया, ये अहम बात है।

भारत ने दागा था पहला गोल

मैच का पहला गोल भारत की ओर से आया था, जब 22वें मिनट में कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने पेनल्टी कॉर्नर में सफलता हासिल की।

कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने रेड कार्ड का जवाब गोल से दिया।

मगर भारत की ये लीड ज्यादा देर तक बरकरार नहीं रही क्योंकि 27वें मिनट में ग्रेट ब्रिटेन ने बराबरी कर ही ली।

लगातार बन रहे दबाव के बीच भारतीय डिफेंस इस बार बिखर गया।

एक खिलाड़ी की कमी साफतौर पर झलकती दिखी।

36वें मिनट में ग्रेट ब्रिटेन को लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले, इसके बाद 38वें मिनट में भी पेनल्टी कॉर्नर मिला।

निर्धारित 90 मिनट तक मुकाबला 1-1 से बराबरी पर रहने के बाद क्वार्टर फाइनल मैच शूटआउट में चला गया।

श्रीजेश फिर बने भारत की दीवार

अपना आखिरी ओलंपिक खेल रहे 36 साल के गोलकीपर पीआर श्रीजेश की अगुवाई में भारतीय डिफेंस ने ब्रिटेन के हर हमले का बचाव किया।

ब्रिटेन ने 28 बार भारतीय गोल पर हमला बोला और महज एक कामयाबी मिली।

शूटआउट में भारत के लिए कप्तान हरमनप्रीत सिंह , सुखजीत सिंह, ललित उपाध्याय और राजकुमार पाल ने गोल दागे

जबकि इंग्लैंड के जेम्स अलबेरी और जाक वालांस ही गोल कर सके।

कोनोर विलियमसन का निशाना चूका और फिलिप रोपर का शॉट श्रीजेश ने बचाया।

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