नई दिल्ली (ब्यूरो): भारत में तेजी से बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीजों के डिस्चार्ज के नियमों में बदलाव किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइड लाइन के मुताबिक अब गंभीर मामलों में ही कोरोना संक्रमित मरीजों की कई बार जांच की जाएगी। इसके साथ ही जो मरीज ठीक हो चुके हैं उनकी जांच अब केवल एक बार ही की जाएगी। उस जांच में अगर टेस्ट निगेटिव आया तो मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। भारत में कोरोना वायरस ने खतरनाक रूप ले लिया है। देश में अब तक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 60 हजार के पास पहुंच गई है। ऐसे में अस्पतालों के पास मरीजों को भर्ती करने का संकट गहरा गया है। गौरतलब है कि अभी तक किसी भी कोरोना मरीज को तब ठीक नहीं माना जाता था जब तक 24 घंटे के अंदर दो बार हुए आरटी और पीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव न आ जाए। हालांकि अब एक टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए नए दिशा निर्देश-जारी कर दिए गए हैं।बता दें कि पिछले एक सप्ताह के अंदर भारत में 20 हजार कोरोना संक्रमित नए केस सामने आए हैं। जिस तरह से नए मामले सामने आ रहे हैं उससे देश में स्वास्थ्य सुविधाओं की दिक्कत खड़ी हो सकती है। हालात को देखते हुए लगता है कि देश में कोरोना की रफ्तार अभी और तेजी से बढ़ेगी और अस्पताल में मरीजों के लिए बिस्तर भी कम पड़ जाएंगे। कोरोना की रफ्तार को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि जून और जुलाई और भी ज्यादा खतरनाक हो सकते हैं।
घर जाने वाले मरीजों को 7 दिन क्वारंटाइन में रहना होगा
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने अपने नए निर्देशों में साफ कर दिया है कि कोरोना मरीज को लक्षण दिखने के 10 दिनों के बाद अगर तीन दिन तक बुखार नहीं आता है तो उसे छुट्टी दे दी जाएगी। मंत्रालय की ओर से जारी नई गाइड लाइन में कहा गया है कि डिस्चार्ज से पहले जांच की कोई आवश्यकता नहीं होगी।
मरीजों को डिस्चार्ज के समय बताया जाएगा कि उन्हें घर पहुंचने के बाद भी सात दिनों के लिए क्वारंटाइन में रहना होगा। संशोधित गाइडलाइन में कहा गया है कि मरीजों को स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराए जाने के बाद अगर तीन दिनों तक कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई देते हैं तो अगले चार दिनों के लिए उन्हें हल्के मामलों में वर्गीकृत कर दिया जाएगा।