जालंधर। अमृतसर देहात के अंर्तगत आते रईया थाना एरिया में हुई ओला कैब (Ola Cab) ड्राईवर से कार लूट का मामला डी.जी.पी. दरबार पहुंच गया है।
लूट की वारदात का केस दर्ज करने से पुलिस पूरी तरह से परहेज कर रही है।
हालात ऐसे बने हुए हैं कि रईया, गोइंदवाल साहिब और कमिश्नरेट जालंधर की पुलिस हदबंदी को लेकर उलझी हुई है।
इसका कारण ये है कि वारदात के करीब 72 घण्टे बाद भी पुलिस ने घटना संबंधी केस दर्ज नहीं किया है।
पुलिस की इस कम्यूनीकेशन गैप के कारण पहले लुटेरों की शिकार बना ओला कैब ड्राईवर अब पुलिस द्वारा दी जा रही मानसिक प्रताड़ना का शिकार हो रहा है।
बता दें कि शुक्रवार रात को जालंधर में ओला कैब ड्राईवर गुरनानक पुरा ईस्ट निवासी संदीप कुमार ने रामा मंडी से दो सवारियां ली और रईया पहुंचा।
जहां पर कार सवार लुटेरों ने उसे गन प्वाईंट पर बंधक बना लिया और बाद में कार, मोबाईल, इत्यादि लूट कर उसे गोइंदवाल एरिया में फैंक गए।
पीड़ित व्यक्ति ने गोइंदवाल साहिब थाना में शिकायत दी। हाईवे पर हुई लूट की वारदात संबंधी रईया, गोइंदवाल साहिब तथा कमिश्नरेट जालंधर पुलिस को सूचित किया जा चुका है।
लेकिन वारदात के 72 घण्टे बीत जाने के बावजूद केस दर्ज नहीं हो पाया है। पीड़ित व्यक्ति का कहना है कि तीनों जिलों की पुलिस एक दूसरे का एरिया बता रही है।
रईया में हुई वारदात:ए.सी.पी. मेजर सिंह
इस बारे में कमिश्नरेट जालंधर के ए.सी.पी. कैंट मेजर सिंह का कहना है कि शिकायत मिली है।
उन्होने कहा कि बेशक रामा मंडी एरिया से वे चले, लेकिन जो भी वारदात हुई वे एरिया रईया पुलिस के अंर्तगत ही है।
रईया में ही ड्राईवर को गन प्वाईंट पर लिया, बंधक बनाया, कार लूटी और फिर देर रात उसके ए.टी.एम. से कैश निकलवाया।
ए.सी.पी. मेजर सिंह ने बताया कि उन्हें केस दर्ज करने में कोई परेशानी नहीं है, लेकिन बाद में अदालत में जब केस जाएगा तो टैक्नीकली फायदा आरोपियों को मिल सकता है।
हमनें तुरंत कार्रवाई की, लेकिन घटनास्थल रईया थाना की हद में:एस.एच.ओ. हरिन्द्र सिंह
उधर, थाना गोईंदवाल साहिब के एस.एच.ओ. हरिन्द्र सिंह ने भी यही कहा कि वारदात रईया में हुई। एस.एच.ओ. हरिन्द्र सिंह ने कहा कि वारदात की रात जब पीड़ित व्यक्ति थाना पहुंचा तो अडीशनल एस.एच.ओ. द्वारा तुरंत कार्रवाई करते हुए वायरलैस मैसेज करवा कर नाकाबंदी करवाई गई।
थाना प्रभारी ने बताया कि उनके थाना के एरिया में सिर्फ पीड़ित व्यक्ति को फैंका गया है, जबकि लूट, गन निकालना इत्यादि जो भी क्राईम हुआ रईया एरिया में ही हुआ।
मीटिंग में बिजी हूं: डी.एस.पी. रईया
उधर, इस संबंधी जब डी.एस.पी. रईया से बात करनी चाही तो उन्होने मीटिंग में व्यस्त होने की बात कहते हुए फोन काट दिया।
शिकायतकर्ता को पुलिस ने बना दिया फुटबाल पुलिस:अशोक सरीन
उधर, वारदात संबंधी वरिष्ठ भाजयुमो नेता एडवोकेट अशोक सरीन ने पंजाब पुलिस द्वारा बरती जा रही इस लापरवाही संबंधी डी.जी.पी. दफ्तर में अवगत करवाया दिया है।
अशोक सरीन ने कहा कि 72 घण्टे बाद भी पुलिस द्वारा केस दर्ज न करने से पीड़ित व्यक्ति परेशानी मे है।
अशोक सरीन ने कहा कि वारदात कहां हुई और केस कहां दर्ज करना है, ये डिसीज़न पुलिस ने लेना है।
लेकिन तीनों जिलों की पुलिस पीड़ित व्यक्ति को फुडबाल की तरह एक दूसरे के पाले में डाल रही है।
स्पष्ट है कि पंजाब पुलिस के इन तीनों जिलों की पुलिस मे आपसी तालमेल नहीं है। अशोक सरीन ने कहा कि ये मामले डी.जी.पी. दफ्तर तक पहुंचा दिया गया है।