नई दिल्ली (ब्यूरो): जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में शनिवार को हुई आतंकी मुठभेड़ की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली है। गौरतलब है कि इस आतंकी मुठभेड़ में सेना के दो अधिकारियों सहित पांच सैनिक शहीद हो गए थे।
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी संगठनों में वर्चस्व की लड़ाई छिड़ गई है। लश्कर-ए-तैयबा के द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) की कोशिश है कि वह किसी भी तरह हिजबुल मुजाहिदीन आतंकी संगठन को कमजोर कर सके। वर्चस्व की इसी लड़ाई में शनिवार देर शाम लश्कर के आतंकी संगठन टीआरएफ ने भारतीय सेना को अपना निशाना बनाया। आतंकी संगठन ने हिजबुल को नीचा दिखाने के लिए अब इस मुठभेड़ की जिम्मेदारी भी ले ली है।
गौरतलब है कि उत्तरी-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में हंदवाड़ा के चांजमुल्ला इलाके में शनिवार को एक मकान में छिपे आतंकवादियों ने कुछ नागरिकों को बंधक बना लिया था। खुफिया जानकारी के आधार पर सेना की एक टीम ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर इलाके को घेर लिया और सभी नागरिकों को छुड़ा लिया।
बताया जाता है कि जब बंधकों को छुड़ाया जा रहा था तभी बचाव टीम पर आतंकवादियों ने भारी गोलीबारी कर दी। दोनों ओर से हुई मुठभेड़ में सेना के अधिकारी कर्नल आशुतोष शर्मा और मेजर अनुज समेत दो जवान और तथा जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपनिरीक्षक शकील काजी शहीद हो गए थे।
कर्नल और मेजर समेत 5 जवान शहीद
चांजमुल्ला इलाके में शनिवार देर रात तक चली आतंकी मुठभेड़ में एक कर्नल, एक मेजर, दो सेना के जवान और पुलिस सब इंस्पेक्टर शहीद हो गए। शहीद होने वालों में कर्नल आशुतोष, मेजर अनुज, पुलिस सब इंस्पेक्टर शकील काजी, एक लांस नायक और एक राइफलमैन शामिल हैं। कर्नल आशुतोष शर्मा ने आतंकियों के खिलाफ कई ऑपरेशन को सफलता से खत्म किया है, लेकिन इस एनकाउंटर में उनकी जान चली गई।