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New Delhi नई दिल्ली। (new telecom law key change in sim limit and licensing) Telecommunication Act 2023 लागू हो चुका है. नए नियम 26 जून से प्रभावी हैं.

नए टेलीकॉम कानून में टेक्नोलॉजी एडवांसमेंट पर काफी ज्यादा बात की गई है.

इसमें पिछले कानून के कई नियमों में बदलाव किया गया है. नए नियमों के तहत सरकार के पास अब पहले से ज्यादा पावर है.

इसमें इमरजेंसी के वक्त सरकार किसी भी टेलीकम्युनिकेशन सर्विस या नेटवर्क का कंट्रोल ले सकती है.

गजट की मानें तो सरकार किसी टेलीकॉम सर्विस का कंट्रोल सुरक्षा कारणों, जनता के आदेश या अपराधों की रोकथाम के वक्त ले सकती है.

एक आदमी कितने सिम कार्ड खरीद सकता है?

राज्य और केंद्र सरकार की अनुमाति प्राप्त पत्रकारों के भेजे मैसेज को ऐसी परिस्थिति में सर्विलांस से बाहर रखा गया है.

हालांकि, अगर किसी रिपोर्ट की वजह से देश की सुरक्षा में कोई खतरा होता है, तो उस पत्रकार की कॉल और मैसेज की मॉनिटरिंग की जा सकती है.

इसके अलावा एक बड़ा बदलाव लोगों के सिम कार्ड को लेकर है.

कोई शख्स अपने नाम पर सिर्फ 9 SIM कार्ड ही रजिस्टर करा सकता है.

वहीं जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट स्टेट्स के लोगों के लिए ये संख्या 6 है.

DoT के नियमों के हिसाब से भी किसी एक ID या आधार कार्ड पर सिर्फ 9 सिम कार्ड ही लिए जा सकते हैं.

ज्यादा सिम कार्ड रखने पर लगेगा हर्जाना

तय संख्या से ज्यादा सिम कार्ड होने पर आप पर जुर्माना लग सकता है.

पहली बार ये जुर्माना 50 हजार रुपये का है, जबकि दूसरी बार में ये 2 लाख रुपये है.

फर्जी तरीके से SIM कार्ड लेने पर जुर्माना 50 लाख रुपये और 3 साल तक की कैद है.

वहीं यूजर की अनुमति के बिना टेलीकॉम ऑपरेटर के कमर्शियल मैसेज भेजने पर भी जुर्माना है.

टेलीकम्युनिकेशन एक्ट 2023 के तहत कंपनी पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है.

इसके साथ ही सरकार अब प्राइवेट प्रॉपर्टी में भी टावर लगाने और केबल बिछाने का आदेश दे सकती है.

नंबर के साथ दिखेगा कॉल करने वाले का नाम, जल्‍द शुरू होगी फ्री कॉलर ID डिस्‍प्‍ले सर्विस

अब फोन पर अनजान नंबर से कॉल आने पर कॉलर का नाम भी दिखाई देगा.

टेलिकॉम कंपनियों ने मुंबई और हरियाणा सर्किल में कॉलर आईडी प्रेजेंटेशन का ट्रायल किया जो सफल रहा.

अब पूरे देश में ‘कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन’ (CNP) नामक यह सुविधा पूरे देश में 15 जुलाई से शुरू हो जाएगी.

सिम खरीदते समय KYC फॉर्म पर भरी गई जानकारी के आधार पर कॉलर का नाम डिस्‍प्‍ले होगा.

स्पैम और फ्रॉड कॉल रोकने तथा साइबर क्राइम को अंकुश लगाने के लिए सरकार और टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) के दबाव के बाद टेलिकॉम कंपनियां यह सेवा शुरू करने को राजी हुई हैं.

सीएनपी सेवा ट्रूकॉलर की तरह की ही सर्विस होगी. टेलिकॉम कंपनियों ने सीएनपी कैसे काम कर रहा है,

यह जानने के लिए पहले सीमित संख्या में इसकी टेस्टिंग की है.

टेस्टिंग के रिजल्ट डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशन के साथ शेयर किए गए, ताकि प्रस्तावित सर्विस के बारे में एक व्यावहारिक निर्णय लिया जा सके.

मुंबई और हरियाणा में ट्रायल सफल होने के बाद अब ट्राई ने कंपनियों को 15 जुलाई से यह सर्विस पूरे देश में शुरू करने के आदेश दिए हैं.

फार्म में भरा नाम ही दिखेगा

सिम लेते वक्‍त भरे जाने वाले फार्म में सिम लेने वाले का जो नाम दर्ज होगा, वही नाम कॉल करने पर दिखाई देगा.

साथ ही व्‍यावसायिक कॉल के मामले में कंपनी का नाम प्रदर्शित होगा.

दूरसंचार कंपनियों का भी मानना है कि इस कदम से देश में साइबर क्राइम रोकने में मदद मिलेगी.

इसके अलावा स्‍पैम कॉल रोकने में भी यह सहायक होगा.

स्‍पैम कॉल देश में एक बड़ी समस्‍या बन चुका है. एक सर्वे के अनुसार, 60 फीसदी लोगों को दिन में 3 स्‍पैम कॉल आते हैं.

अभी लेनी पड़ती है ऐप की मदद

अभी तक मोबाइल यूजर्स को ट्रूकॉलरा जैसे ऐप की मदद कॉलर की जानकारी लेने के लिए लेनी पड़ती है.

थर्ड पार्टी ऐप से मोबाइल यूजर्स का डेटा लीक होने का खतरा बना रहता है,

क्योंकि ट्रूकॉलर ऐप इंस्टॉल होने के साथ आपसे कई परमिशन मांगता है,

जिसमें आपके मोबाइल में सेव कॉन्टैक्ट, मैसेज और फोटो सहित दूसरी जानकारी.

ऐसे में ट्राई के इस फैसले के बाद आपको थर्ड पार्टी ऐप इंस्टॉल करने की जरूरत नहीं होगी.

 

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