Prabhat Times
New Delhi नई दिल्ली। (nepal unrest gen-z protest accident with an 11 year old-girl led to fall of oli government) नेपाल में तख्तापलट हो गया. नेपाल के Gen-Z ने ओली सरकार की ईंट से ईंट बजा दी.
आलम यह है कि केपी ओली को इस्तीफा देकर छिपना पड़ रहा है. अब नेपाल की कमान सेना के हाथ में है.
कब नई सरकार आएगी, सस्पेंस बरकार है. सोशल मीडिया बैन करना ओली सरकार को बड़ा महंगा पड़ा.
केपी ओली को जरा भी अंदाजा नहीं था कि उनके इस एक फैसले से सरकार चली जाएगी.
केवल सरकार ही नहीं गई, अब ओली और उनके मंत्री भागे-भागे फिर रहे हैं. केपी ओली अभी कहां छिपे हैं, किसी को कोई खबर नहीं.
अब सवाल है कि क्या सच में महज सोशल मीडिया बैन के कारण ही ओली की सरकार गई है?
अगर नेपाल के घटनाक्रमों पर नजर डालें तो ऐसा बिल्कुल नहीं लगता.
हकीकत तो यह है कि 11 साल की एक बच्ची के कारण ओली की सरकार गिरी है.
महज एक हादसे ने Gen-Z को इस कदर झकझोरा कि उसने नेपाल में तख्तापलट कर दिया.
जी हां, नेपाल में तख्तापलट की स्क्रिप्ट बहुत पहले लिख दी गई थी. अगस्त महीने की शुरुआत में ही एक हादसा हुआ था.
उसी हादसे ने नेपाल की सियासत में ऐसा भूचाल लाया, जिसकी झलक आज पूरी दुनिया देख चुकी है.
तब एक 11 साल की मासूम लड़की को एक प्रांतीय मंत्री की सरकारी गाड़ी ने टक्कर मार दी थी.
इस हिट-एंड-रन मामले ने लोगों के गुस्से को भड़का दिया. पूरे देश में भ्रष्टाचार और जवाबदेही की कमी के खिलाफ आग भड़क उठी.
बस उसी एक घटना, ने जेन Z युवाओं को सड़कों पर उतार दिया. इसका असर यह हुआ कि केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा. तो चलिए पूरी कहानी विस्तार से जानते हैं.
अगस्त में पड़ी जेन जी क्रांति की नींव
कहानी अगस्त की है. नेपाल के ललितपुर जिले के हरिसिद्धि में एक घटना हुई थी.
एक मंत्री की सरकारी कार ने पैदल क्रॉसिंग पर खड़ी 11 साल की बच्ची को टक्कर मार दी.
गाड़ी की टक्कर में बच्ची घायल हो गई. मंत्री की गाड़ी ने बच्ची को उसी तरह छोड़ भागने की कोशिश की.
मगर स्थानीय लोगों ने ड्राइवर को पकड़ लिया. उस हिट एंड रन में बच्ची को गंभीर चोटें आईं.
मगर वह बच गई. इसके बाद मंत्री की कार के ड्राइवर को हिरासत में लिया गया. मगर उसके बाद एक वाकया और हुआ, जिसने लोगों को भड़का दिया.
कैसे 11 साल की बच्ची के साथ हादसे ने गुस्सा भड़काया?
जी हां, मंत्री के ड्राइवर को महज 24 घंटे के अंदर रिहा कर दिया गया. इससे लोग आक्रोशित हो गए.
वहीं, प्रधानमंत्री केपी ओली ने इसे मामूली घटना करार दिया. इस बात ने जेनजी के गुस्से को और भड़का दिया.
बच्ची के एक्सीडेंट की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुईं. लोगों नेसोशल मीडिया पर लिखा कि बच्ची सड़क पर घायल पड़ी रही और सरकारी काफिला बिना रुके निकल गया.
इसके लिए कई हैशटैग भी चले. मसलन #JusticeForTheGirl और #HatyaraSarkar ट्रेंड करने लगे. इससे साफ दिखा कि युवाओं में सरकार के खिलाफ कितना गुस्सा है.
जेनजी को मिल गया मौका!
वैसे भी नेपाल में बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर युवाओं में सरकार के खिलाफ गुस्सा पहले से था.
यह हादसा पहले से सुलग रही असंतोष की चिंगारी साबित हुआ. युवाओं को तो बस मौके का इंतजार था. ताकि सरकार के खिलाफ देशव्यापी प्रदर्शन हो.
यह मौका खुद केपी शर्मा ओली ने तब दिया, जब उन्होंने नेपाल में सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया.
4 सितंबर को नेपाल सरकार ने फेसबुक-व्हाट्सऐप जैसे सोशल मीडिया मंच को बैन कर दिया.
इस घटना ने जेन जी को और भड़का दिया. इसके बाद 8 सितंबर और 9 सितंबर को नेपाल में जो हुआ, उसने पूरी दुनिया ने देखा.
नेपाल के युवाओं ने संसद को घेर लिया. राष्ट्रपति भवन से लेकर पीएम ऑफिस तक पर कब्जा किया और तोड़फोड़ की.
इसके बाद केपी ओली को इस्तीफा देकर छिपना पड़ा. अब नेपाल में अंतरिम सरकार की कवायद चल रही है.
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