Prabhat Times
Chandigarh चंडीगढ़। (nabha jail break case mastermind-ramanjit romi arrest) पंजाब के नाभा जेल ब्रेक कांड के मास्टरमाइंड रमनजीत सिंह रोमी को भारत लाया जा रहा है.
हांगकांग से उसके प्रत्यर्पण की मंजूरी के बाद वहां की सरकार ने भारत सरकार को हैंडओवर दे दिया है.
डीजीपी गौरव यादव ने एक्स पर अपराधी रोमी के साथ पुलिस अधिकारियों की फोटो शेयर कर इस बारे में जानकारी दी है।
आईएसआई के केएलएफ के संपर्क में था
डीजीपी गौरव यादव ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है कि रोमी को आज न्याय के सामने वापस लाया जा रहा है।
वह आईएसआई और खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के हरमिंदर सिंह मिंटू और कश्मीर सिंह गलवड्डी सहित अन्य फरार कैदियों के संपर्क में था।
न्याय के लिए हमारी अथक खोज के परिणामस्वरूप उसका पहले लुक आउट सर्कुलर (LOC) और रेड कॉर्नर नोटिस (RCN) जारी किया गया था।
हांगकांग सरकार के साथ MLAT के तहत 2018 में प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू की गई।
हांगकांग के न्याय विभाग और माननीय न्यायालयों के समक्ष मजबूत प्रस्तुतिकरण एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स पंजाब रोमी को वापस लाने के लिए मार्ग पर है।
हम इस अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के हिस्से के रूप में हांगकांग के अधिकारियों, सीबीआई, गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और अन्य सभी केंद्रीय एजेंसियों को धन्यवाद देते हैं।
एक महीना रहा था जेल में, फिर भागा विदेश
रोमी, नाभा जेल में जून 2016 में गया था और उसके बाद जमानत पर आया था।
इसके बाद वह हांगकांग फरार हो गया था।
वहां से उसने उस समय नाभा जेल में बंद गुरप्रीत सिंह सेखों की मदद से यह जेल ब्रेक करने की घटना को अंजाम दिया।
रोमी ने पैसे भेजने के अलावा जेल से भागे अपराधियों को सुरक्षित पनाह भी मुहैया कराई और हांगकांग में संपर्क करने के लिए अपना नंबर भी दिया।
छह साल उसे भारत लाने की लड़ी जंग
रमनजीत सिंह रोमी को साल 2018 में हांगकांग में गिरफ्तार किया गया था।
इसके बाद से पंजाब ने केंद्र सरकार के समक्ष यह मामला उठाया था।
साथ ही उसके प्रत्यर्पण के लिए कार्रवाई शुरू हो गई थी।
लेकिन वहां से उसे भारत लाने के लिए भारत की तरफ से लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी गई ।
वहां की अदालत में पंजाब पुलिस ने उस पर आरोप साबित किए थे।
जिसके बाद अब यह सफलता मिल पाई है।
वहीं, आरोपी के भारत पहुंचने के बाद अब सारी स्थिति साफ होगी।
उसके साथ इस अपराध में कितने और लोग शामिल थे।
रोमी का रेड कॉर्नर नोटिस जारी
इससे पहले गैंगस्टर रोमी के लापता होने के बाद उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था।
रोमी पर साल 2016-17 में जालंधर और लुधियाना में हुई हत्याओं में भी शामिल होने का भी शक है।
पंजाब पुलिस के अनुसार वह गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह शेखों के संपर्क में था।
गुरप्रीत उन छह लोगों में शामिल था, जो नवंबर 2016 में नाभा जेल से भागे थे और वह इस कांड का मुख्य साजिशकर्ता था।
पुलिस का मानना है कि रोमी ने जेल से भागने वालों को इसके लिए पैसे मुहैया कराए थे।
साथ ही उसने हांगकांग से ही जेल ब्रेक की पूरी साजिश रची थी।
8 साल पहले की थी नाभा जेल ब्रेक
आठ साल पहले हुई नाभा जेल ब्रेक ने पुलिस से लेकर खूफिया तंत्र सहित सबको हिला कर रख दिया था।
इस घटना में पुलिस की वर्दी में आए करीब दो दर्जन बदमाशों ने नाभा जेल पर हमला किया कर 6 खूंखार बदमाशों को छुड़ा लिया था.
इस वारदात की साजिश में तो कुल 8 बदमाशों को छुड़ाने की योजना थी, लेकिन दो बदमाश अपनी लापरवाही से भाग नहीं पाए.
पंजाब पुलिस अब तक इस मामले की जांच कर रही है.
दरअसल अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि नाभा जेल ब्रेक कांड में टोटल कितने और कौन-कौन बदमाश शामिल हुए थे.
पुलिस के मुताबिक अब इस वारदात के मास्टरमाइंड रोमी के भारत आने और उससे पूछताछ के बाद इस वारदात से जुड़े तमाम सवालों के जवाब मिल जाएंगे.
पंजाब के कुख्यात गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह शेखो और उसके पांच अन्य साथी नाभा जेल में बंद थे.
रोमी ने ही बुनी थी जेल ब्रेक की साजिश
इन सभी को जेल से छुड़ाने के लिए शोखो की गैंग के अहम सदस्य रोमी ने साजिश बुनी और अपने साथियों के साथ इस वारदात को अंजाम दिया था.
अब जान लीजिए 27 नवंबर 2016 को नाभा जेल ब्रेक कांड की पूरी कहानी.
नाभा जेल से गुरप्रीत सिंह शेखों ने अगस्त सितंबर महीने में ही रोमी को उसे बाहर निकालने और विदेश भेजने की व्यवस्था करने के लिए कहा था.
इसके बाद रोमी ने खुद पूरी योजना तैयार की और अपने साथियों के साथ 27 नवंबर 2016 को पटियाला की नाभा जेल पर हमला किया था.
इस हमले में उसने गैंगस्टर गुरप्रीत सिंह शेखो और खालिस्तानी लिबरेशन फोर्स के चीफ हरमिंदर सिंह मिंटू समेत छह कैदियों को फरार करा लिया था.
कुछ देर बाद ही हो गया था मिंटू का एनकाउंटर
फरारी के बाद इन सभी कैदियों को इसने रुपये और विदेश भागने के लिए वीजा पासपोर्ट भी उपलब्ध कराए थे.
हालांकि इस घटना के कुछ ही देर बाद पंजाब पुलिस ने मिंटू को पकड़ लिया था.
वहीं, वारदात में शामिल रहा बदमाश गैंगस्टर विक्की गौंडर पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था.
पंजाब पुलिस के मुताबिक इस मामले में 30 बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था.
इनमें से ज्यादातर बदमाशों को अरेस्ट किया गया और उनसे पूछताछ में वारदात की पूरी कहानी सामने आ गई.
इसमें पता चला कि फरारी की योजना तैयार होने के बाद जेल में बंद गैंगस्टर गुरप्रीत सेखों, हरजिंदर सिंह उर्फ विक्की गौंडर और अन्य छह कैदी हर रविवार को जेल के गुरुद्वारे में लंगर सेवा के नाम पर मुख्य गेट पर आ गए.
मुदकी में एकत्र हुए थे सभी बदमाश
ठीक इसी दौरान पुलिस की वर्दी में आए बदमाशों ने जेल पर हमला किया और छह कैदी फरार होने में सफल हो गए.
हालांकि सबसे पीछे रह गए दो कैदियों को जेल पुलिस ने दबोच लिया था.
पंजाब पुलिस के मुताबिक रोमी के एक साथी पिंदा की गिरफ्तारी यूपी में हुई थी.
उसने रोमी की पूरी साजिश का खुलासा किया था.
उसने बताया था कि जेल ब्रेक की योजना के तहत सभी बदमाश पटियाला के पास मुदकी में एकत्र हुए
यही पर इन लोगों ने चार गाड़ियां लूटी और इन सभी गाड़ियों के असली नंबर प्लेट हटाकर उनके स्थान पर एक्टिवा स्कूटी के नंबर प्लेट लगा दिए थे.
यहीं मुदकी में ही इन लोगों ने पुलिस की वर्दी पहनी और फिर 12 लोग इन गाड़ियों सवार होकर नाभा जेल पहुंचे थे.
वारदात के बाद कैथल तक साथ आए
वारदात को अंजाम देकर यह सभी बदमाश एक साथ हरियाणा के कैथल तक आए और फिर यहां से सभी अलग अलग दिशा में चले गए थे.
चूंकि पिंदा पहले लूट के मामले में नाभा जेल जा चुका था, इसलिए उसने ही वारदात के लिए जेल का मैप तैयार किया.
इसी प्रकार दूसरे बदमाश प्रेमा ने वारदात के लिए आदमी जुटाने से लेकर गाड़ियों की व्यवस्था तक की जिम्मेदारी संभाली.
इसी प्रकार मनी ने हथियारों की व्यवस्था की थी.
वहीं वारदात के बाद जेल से फरार बदमाशों को शरण देने की जिम्मेदारी असलम को दी गई थी.
सोनीपत का रहने वाला असलम शार्प शूटर था.
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