Prabhat Times
मुंबई। (Mukesh Amabni Threat Case) एंटीलिया केस की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से गिरफ्तार किए गए पुलिस अफसर सचिन वाजे को सस्पेंड कर दिया गया है. मुंबई पुलिस ने सोमवार को सचिन वाजे की गिरफ्तारी के कारण उन्हें सस्पेंड कर दिया है.
फिलहाल सचिन वाजे 25 मार्च तक एनआईए की हिरासत में हैं. उन पर एंटीलिया केस का सूत्रधार होने का आरोप है. एन.आई.ओ. को शक है कि घटना वाले दिन पी.पी.ई. किट पहने कोई और नहीं बल्कि सचिन वाजे ही थे। इस बारे में गहराई से पूछताछ की जा रही है।
आपको बता दें कि सचिन वाज़े की गिरफ्तारी करीब 12 घंटे तक चली लंबी पूछताछ के बाद की गई. हालांकि एनआईए सूत्रों के मुताबिक, 66 एनकाउंटर का सेहरा सिर पर बांधे सचिन वाज़े इस साजिश के अकेले सूत्रधार नहीं हैं, बल्कि अभी कई और पुलिसवाले इसी केस में नपने जा रहे हैं.
एनआईए सूत्रों के मुताबिक शनिवार दोपहर साढ़े ग्यारह बजे से लेकर रात साढ़े ग्यारह बजे तक मुंबई के एनआईए दफ्तर में सचिन वाज़े से पूछताछ हुई. इस पूछताछ के दौरान एनआईए ने सचिन के सामने कुछ ऐसे पुख्ता सबूत रखे, जिसके बाद सचिन ने इस साजिश में शामिल होने की बात कबूल कर ली, लेकिन साथ ही ये भी कहा कि वो इस साजिश का एक मोहरा भर है.
एनआईए सूत्रों के मुताबिक सचिन की गिरफ्तारी की दो सबसे अहम वजह बनी वो दो गाड़ी, जिसका इस्तेमाल 25 फरवरी को एंटिलिया केस में किया गया था, जिस स्कॉर्पियों में 20 जिलेटिन स्टिक और धमकी भरा खत रखा गया था, वो स्कॉर्पियो दरअसल 17 फरवरी से सचिन वाज़े के पास थी. एनआईए ने इसका सबूत भी हासिल कर लिया है.
सूत्रों के मुताबिक, एनआईए को ये भी पता चल गया है कि 17 फरवरी से 25 फरवरी स्कॉर्पियो ठाणे में कहां पार्क थी, इस सिलसिले में एनआईए की टीम विक्रोली थाने के खिलाफ़ भी कार्रवाई कर सकती है कि आखिर विक्रोली थाने में किसके कहने पर स्कॉर्पियो की चोरी की रिपोर्ट लिखी गई. ये रिपोर्ट मनसुख हीरेन ने लिखवाई थी 18 फरवरी को.
स्कॉर्पियो के साथ-साथ एंटिलिया तक जो सफेद इनोवा कार गई और जिस इनोवा में बैठकर स्कॉर्पियो का ड्राइवर मौके से निकल गया, उस इनोवा का राज़ भी खुल गया है. ये इनोवा दरअसल मुंबई क्राइम ब्रांच सीआईयू यूनिट के बेड़े की कार है. 25 फरवरी की रात एंटिलिया में स्कॉर्पियो पार्क करने के बाद इस इनोवा को मुलंड नाके पर देखा गया.
इसकी सीसीटीवी तस्वीरें भी हैं, लेकिन फिर इसके बाद इनोवा मुंबई की तरफ़ आती है. बाद में इस इनोवा को मुंबई पुलिस मोटर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में रखा जाता है. नागपाड़ा में मौजूद इस मोटर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में मुंबई पुलिस की तमाम गाड़ियों की रिपयेरिंग होती है. क्राइम ब्रांच सीआईयू यूनिट से जुड़ी इस इनोवा का इस्तेमाल सचिन वाज़े और उनकी टीम ही तमाम ऑफिशियल काम के लिए करते थे.
सूत्रों के मुताबिक, इस इनोवा के ड्राइवर का भी सुराग़ मिल गया है. एनआईए उससे भी पूछताछ कर रही है. इसके अलावा क्राइम ब्रांच से ही जुड़े एक और असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर रियाज़ काज़ी से भी एनआईए ने लंबी पूछताछ की है. सूत्रों के मुताबिक, सचिन वाज़े के साथ रियाज काज़ी भी इस साज़िश में शामिल है.
एनआईए को शक है कि रियाज़ काजी ही वो शख्स है, जिसने मुकेश अंबानी के सुरक्षा काफिले में शामिल गाड़ियों के फर्ज़ी नंबर प्लेट बनवाए. स्कॉर्पियो से ऐसे कई फर्ज़ी नंबर प्लेट बरामद हुए थे. शक है कि रियाज़ काज़ी ने ये फर्ज़ी नंबर प्लेट विक्रोली इलाक़े में बनवाए थे.
एनआईए जैश-उल-हिंद की उस तथाकथित धमकी की भी जांच कर रही है. इस सिलसिले में एनआईए ने मुंबई पुलिस के एक सीनियर अफसर से भी पूछताछ की. दरअसल, एंटिलिया के बाहर विस्फोटक वाली कार मिलने के बाद जैश-उल-हिंद नाम के एक संगठन ने तथाकथित तौर पर इसकी जिम्मेदारी ली थी
शुरुआती तफ्तीश और सचिन वाज़े से पूछताछ के बाद एनआईए ने सचिन वाज़े को आईपीसी की धारा 286, 465, 473, 506 (2), 120 बी और 4 (ए) (बी), विस्फोटक पदार्थ एक्ट 1908 के तहत एंटिलिया के बाहर विस्फोटक भरी कार रखने, इसमें अहम भूमिका निभाने और साज़िश में शामिल होने के तहत मामला दर्ज गिरफ्तारी की है.
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