नई दिल्ली (ब्यूरो): मुख्यमंत्रियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग में ‘जान भी, जहान भी’ के नए मंत्र के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जो संकेत दिया था, सरकार ने उस दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं।
14 अप्रैल तक के लिए घोषित देशव्यापी लॉकडॉउन के खत्म होने से पहले ही सरकार ने उद्योगों के पहिए चलाने के जरूरी मंजूरी देना शुरू कर दिया है।
कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच जहां पूरे देश में आम राय है कि लॉकडाउन बढ़ना चाहिए, वहीं अर्थव्यवस्था पर इसके असर को देखते हुए जाम पड़े औद्योगिक पहिए को धीरे-धीरे चलाने का मत भी बन रहा है।
उद्योगों को आंशिक रूप से लॉकडाउन में छूट मिलेे
एक दिन पहले कुछ मुख्यमंत्रियों ने जरूरी शर्तो के साथ चुनिंदा उद्योगों को लॉकडाउन से बाहर लाने की बात कही थी। केंद्रीय मंत्रियों की ओर से भी प्रधानमंत्री को सुझाव दिया गया है कि उद्योगों को आंशिक रूप से लॉकडाउन में छूट मिलनी चाहिए।
इन सभी विचारों को देखते हुए और संबंधित विभागों की राय पर सरकार ने 15 तरह के उद्योगों को न्यूनतम कर्मचारियों के साथ एक शिफ्ट में काम शुरू करने की अनुमति दे दी है।
जरूरी हैं आर्थिक गतिविधियां
समाचार एजेंसी के मुताबिक उद्योग सचिव गुरुप्रसाद मोहपात्रा ने गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर कहा कि आर्थिक गतिविधियों का संचालन जरूरी है क्योंकि इससे लोगों के हाथ में नकदी पहुंचेगी।
राज्यों की आर्थिक हालत के लिहाज से भी यह कदम जरूरी है। सरकार पर भी दबाव कम होगा। मौजूदा दौर में अन रही बेरोजगारी की स्थिति से निपटने के लिए इस दिशा में आगे बढ़ना होगा।
उद्योग मंत्रालय ने गृह मंत्रालय को 15 ऐसे उद्योगों की सूची सौंपी है, जिन्हें काम की अनुमति देनी चाहिए। इसी के आधार पर गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को निर्देश जारी किया है।
सड़क निर्माण शुरू करने पर जोर
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क निर्माण के कार्य शुरू करने की विशेष तौर पर पैरवी की है। उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक भी की है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से सुरक्षित रखने के तमाम उपाय करते हुए सड़कों का निर्माण कार्य शुरू किया जा सकता है। सभी को बहुत ही कड़े नियमों का पालन करना होगा। इस बारे में राज्यों के सचिवों से बात हो रही है कि जहां-जहां अनुमति मिले वहां काम शुरू हो सके।
इसमें एक समस्या कामगारों को लेकर होगी। सड़क निर्माण में ज्यादातर श्रमिक दूर दराज के राज्यों से आए होते हैं और उनमें से काफी अपने गांव लौट चुके हैं, जबकि कुछ विभिन्न कैंपों में रह रहे हैं। जिला अधिकारियों से बात कर इनकी उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा सकती है।
इन उद्योगों को मिली अनुमति
ऑप्टिक फाइबर केबल, कंप्रेसर एंड कंडेंसर इकाइयां, इस्पात और फेरस एलॉय मिल, पावरलूम, पल्प और कागज इकाइयां, उर्वरक, पेंट, प्लास्टिक, वाहन इकाइयां, रत्न एवं आभूषण तथा सेज एवं निर्यात से जुड़ी कंपनियों को काम की अनुमति मिली है। ट्रांसफॉर्मर एवं सर्किट व्हीकल, टेलीकॉम इक्विपमेंट व कंपोनेंट और खाद्य एवं पेय पदार्थो से जुड़े उद्योग भी काम कर सकेंगे।